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डकैती के दौरान बमबारी व हत्या के चार आरोपियों को मिली उम्रकैद

गोपालगंज : तीस वर्ष पूर्व डकैती के दौरान हुई बमबारी के दौरान हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार की कोर्ट ने गुरुवार को चार को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक- एक वर्ष […]

गोपालगंज : तीस वर्ष पूर्व डकैती के दौरान हुई बमबारी के दौरान हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार की कोर्ट ने गुरुवार को चार को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक- एक वर्ष की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा दी गयी. कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना है.

बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के महुअवा गांव में पांच मई 1989 की रात गांव के रामेश्वर सिंह उर्फ बच्चा सिंह के घर डकैती हुई थी. इसमें अपराधियों ले दर्जनों बम का इस्तेमाल किया था. अपराधियों ने घर में घुसकर महिला, बच्चों व पुरुषों को बुरी तरह से पीटकर घायल कर दिया था. डकैती के दौरान अपने मामा के घर आया बबलू सिंह बाहर बरामदे में सो रहा था. अपराधियों ने बम मारकर उसकी हत्या कर दी थी.
इसी मामले में रामेश्वर सिंह, बच्चा सिंह ने अपने ही गांव के जगन्नाथ सिंह, वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, सुरेश सिंह, मुजा गांव के धर्मनाथ सोनार, सहित दो अन्य के खिलाफ बैकुंठपुर थाना में केस दर्ज कराया था. सुनवाई के दौरान आरोपित मोहन सिंह की मौत हो गयी. दूसरे आरोपित ब्रजेश सिंह का ट्रायल किशोर न्यायालय में चल रहा है.
इस मामले में जिला लोक अभियोजक देववंश गिरि उर्फ भानू गिरि ने कोर्ट से आरोपितों को फांसी की सजा की अपील की. कोर्ट ने जगरनाथ सिंह, वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह व सुरेश सिंह को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा दी. चारों आरोपितों को जेल भेज दिया गया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में सुरक्षा को लेकर अलर्ट कर दिया गया था.
पीट कर मार डालने में एक दोषी करार
गोपालगंज. तीन वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पांच विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट ने एक आरोपित को दोषी करार दिया है. 16 सितंबर को सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी होगी. मीरगंज थाना क्षेत्र के पेउली गांव निवासी मंसूर मियां की 25 मई 2016 की शाम कुछ लोगों ने लाठी-डंडा तथा रॉड से पीटकर हत्या कर दी थी थी.
इस मामले में उनके परिवार के नूर आलम ने अपने ही पड़ोस के मंजूर आलम जाकिर मियां, नसीमा खातून तथा सैफुद्दीन नेशा के खिलाफ उचकागांव थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें मंजूर आलम को दोषी पाया गया. अन्य आरोपितों का ट्रायल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में चल रहा है. इस मामले में अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार शर्मा ने बहस में भाग लिया.

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