गोपालगंज : एटीएम में मदद के बहाने लोगों के एटीएम कार्ड क्लोन कर खातों से रकम उड़ाने वाले बड़े रैकेट का यूपी पुलिस ने खुलासा किया है. इसमें कुचायकोट थाने के मलही गांव के तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से पुलिस को 1.06 लाख रुपये, तीन क्लोनिंग डिवाइस, लैपटॉप, पांच […]
गोपालगंज : एटीएम में मदद के बहाने लोगों के एटीएम कार्ड क्लोन कर खातों से रकम उड़ाने वाले बड़े रैकेट का यूपी पुलिस ने खुलासा किया है. इसमें कुचायकोट थाने के मलही गांव के तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से पुलिस को 1.06 लाख रुपये, तीन क्लोनिंग डिवाइस, लैपटॉप, पांच मोबाइल व क्लोन किये गये 16 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. तीनों अपराधी कार्ड क्लोनिंग की दो दर्जन से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.
पकड़े गये अपराधियों में गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना के मलही गांव निवासी फरहान अहमद, इंजमामुल और वसीम अनवर खान शामिल हैं. कल्याणपुर के थानेदार सतीश कुमार सिंह की माने तो इनका नेटवर्क कई बड़े शहरों से जुड़ा है. इनके गैंग में गोपालगंज, सीवान के कई युवक जुड़े हुए हैं, जिनकी तलाश के लिए पुलिस टीम गठित की गयी है.
कैसे हुआ गैंग का खुलासा : कानपुर के कल्याणपुर सीओ राजेश पांडेय ने दूरभाष पर प्रभात खबर को बताया कि सूचना मिली कि इंदिरानगर स्थित इंडसइंड बैंक के पास बिहार के कुछ साइबर अपराधी एटीएम के पास जुटे है. कल्याणपुर एसएचओ इंस्पेक्टर सतीश सिंह, चौकी प्रभारी विनोद कुशवाहा, दारोगा ओमप्रकाश सिंह पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और तीनों को रंगे हाथ दबोचा. ये तीनों अपराधी कानपुर के प्रिति बिहार, रावतपुर व गाजियाबाद में रहते थे और एटीएम कार्ड क्लोन करके बैंक खातों से रकम निकलने की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. पिछले साल सितंबर से अब तक ऐसे करीब 43 मामले सामने आ चुके हैं.
मुंबई से ट्रेनिंग लेकर आये थे शातिर : तीनों बदमाशों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मुंबई में रहनेवाले मलही निवासी अपने दोस्त अरशद से साइबर ठगी व कार्ड क्लोनिंग की ट्रेनिंग ली थी. दिल्ली से क्लोनिंग डिवाइस, लैपटॉप और मैग्नेटिक टेप रीडर खरीदा था. सीओ राजेश पांडेय ने बताया कि वसीम अनवर गिरोह का सरगना है. वह लोनी गाजियाबाद में रहकर कार्ड क्लोनिंग की वारदातें कर चुका है. सुनसान स्थानों के एटीएम पर आने वाले ग्राहक उनके निशाने पर होते हैं. गिरोह के बाकी चार सदस्यों की तलाश की जा रही है.
सरगना लेता था 50 % का कमीशन :
पुलिस पकड़ में आये फरहान ने पुलिस को बताया कि साइबर ठगी से कमाई रकम में 50 फीसदी वह अरशद को देते थे. यह पैसा ठगी की ट्रेनिंग देने के बदले चुकाया जा रहा है. अरशद गांव में पढ़े-लिखे युवकों को गुमराह कर मुंबई ले जाकर क्लोन करने का ट्रेनिंग देता है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम मुंबई पुलिस के संपर्क में है.
डाटा चोरी करने में हैं माहिर : तीनों युवक पहले एटीएम से छेड़छाड़ कर नकदी की निकासी रोकते थे. ग्राहक के पैसे नहीं निकलने पर वे मदद के बहाने कार्ड लेकर अपनी क्लोनिंग डिवाइस में स्वाइप कर पूरा डाटा चोरी कर लेते थे. चोरी छिपे पिन नंबर देख वह क्लोन कार्ड तैयार करते थे. इसके बाद उसके जरिये खातों का बैलेंस चेक करते रहते थे. जैसे ही ज्यादा रकम दिखाई देती, क्लोन कार्ड के जरिये एटीएम से या ऑनलाइन शाॅपिंग के जरिये खातों से रकम पार कर देते थे.