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आर्म्स एक्ट में दो को पांच वर्ष सश्रम कैद
गिरिडीह. जिला व अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने आर्म्स एक्ट के मामले में दो लोगों को दोषी पाते हुए पांच वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने आठ हजार का जुर्माना किया है. जुर्माना नहीं देने पर नौ माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. मामला […]
गिरिडीह. जिला व अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने आर्म्स एक्ट के मामले में दो लोगों को दोषी पाते हुए पांच वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने आठ हजार का जुर्माना किया है. जुर्माना नहीं देने पर नौ माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. मामला मुफस्सिल थाना अंतर्गत बरवाडीह रेलवे पुल के निकट का है. मुफस्सिल थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी विमल नंदन सिन्हा के बयान पर मुफस्सिल थाना में 10.02.2013 को कांड संख्या 55/13 धारा 399, 402 भादवि 25 (1-बी)ए 26/01 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था.
मामले में मुफस्सिल थाना प्रभारी श्री सिन्हा ने कहा कि उन्हें यह गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी औद्योगिक क्षेत्र में अपराध करने की नीयत से बरवाडीह रेलवे पुल के निकट जुटे हुए हैं. उन्होंने सूचना से पुलिस निरीक्षक शंकर दयाल पांडेय व नगर थाना प्रभारी रवींद्र कुमार सिंह को भी अवगत कराया और सशस्त्र बल को लेकर बरवाडीह रेलवे पुल की ओर रवाना हुए. जब पुलिस का वाहन उक्त स्थल पर पहुंचा तो कुछ लोग भागने लगे. पुलिस बल के जवानों ने घेराबंदी कर सभी लोगों को पकड़ा और उनकी तलाशी ली.
मुफस्सिल थाना प्रभारी ने बताया कि पकड़े गये लोगों में गया जिला अंतर्गत टनकुप्पा थाना के बारासुना निवासी अनिल मांझी पिता सीता मांझी तथा इसी थाना के बरचिट्टा निवासी राजू सिंह पिता स्व. गया सिंह शामिल है. इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अजय कुमार साह व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बहस की. अदालत ने आर्म्स एक्ट के मामले में अनिल मांझी व राजू सिंह को दोषी पाते हुए पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है.
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