Darbhanga News: दरभंगा. चैत प्रतिपदा तो 14 मार्च को ही आरंभ हो जायेगा, लेकिन सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में होने तथा अगले दिन 15 मार्च को प्रतिपदा में सूर्योदय होने की वजह से इस बार होली एक दिन बाद मनायी जायेगी. होलिका दहन 13 मार्च की रात किया जायेगा, लेकिन उदय व्यापिनी शास्त्रीय मतानुसार होली एक दिन बाद 15 को होगी. उल्लेखनीय है कि परंपरा के अनुसार होलिका दहन के अगले ही दिन होली का पर्व मनाया जाता है. सुबह में होलिका के भस्म क्रीड़ा के साथ लोग होली के रंग में रंग जाते हैं, किंतु इस वर्ष तिथि में परिवर्तन की वजह से परंपरा में बदलाव हो रहा है. मिथिला क्षेत्र सहित प्रमुख पंचांगों में इसका जिक्र भी है. हालांकि कुछ कैलेंडर में अंकित इस पर्व की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति अभी भी दिख रही है. लोग जानकारों से इसके लिए संपर्क साध रहे हैं, परंतु ज्योतिषविदों का स्पष्ट कहना है कि पिछले वर्ष हुई पंडित सभा में पंचांगकारों ने शास्त्रीय मतानुसार इसका निर्णय करते हुए अपने-अपने पंचांगों में एक समान तिथि अंकित की है.
लोगों पर चढ़ने लगा होली का रंग
यूं तो वसंत पंचमी से ही मिथिला में रंग-गुलाल उड़ने लगते हैं. मेहमानों के आतिथ्य सत्कार के साथ खुशियों के रंग से उनका जीवन रंगीन रखने की कामना के साथ यहां रंग-गुलाल भी दिये जाने की परंपरा है, लेकिन होलिका दहन के बाद होली के त्योहार का उमंग तो बस उसी दिन देखने को मिलता है. पूरा समाज होली के रंग में रंग जाता है. इसे लेकर अभी से युवाओं व बच्चों में उत्साह नजर आ रहा है. वहीं होलिका दहन के लिए जगह-जगह चौक-चौराहों एवं मुहल्लों में अगजा भी जमा होने लगा है.प्रतिपदा में सूर्योदय 15 मार्च को
शास्त्र के मुताबिक होलिका दहन फागुन पूर्णिमा तिथि में होता है, जबिक होलिका भस्म क्रीड़ा के साथ हाेली चैत्र प्रतिपदा में खेलने का विधान है. ज्योतिषी पंडित विश्वनाथ शास्त्री बताते हैं कि 13 मार्च गुरुवार को रात 10.47 बजे के बाद अगले दिन अरुणोदय से पूर्व तक होलिका दहन किया जा सकता है. वहीं 14 मार्च को दिन के 11.22 बजे तक पूर्णिमा तिथि है. इसके बाद प्रतिपदा आरंभ हो जायेगा, किंतु प्रतिपदा में सूर्योदय अगले दिन यानी शनिवार 15 मार्च को हो रहा है, इसलिए शास्त्री विधान के अनुसार होली 15 मार्च को होगी. साथ ही सप्तडोरा बंधन भी इसी दिन होगा.होलिका दहन 13 की रात 10.47 के बाद
पंडित शास्त्री के अनुसार, पूर्णिमा में पहले भाग में भद्रा होता है. 13 मार्च को दिन के 10.11 बजे से रात के 10.47 बजे तक भद्रा है. भद्रा में होलिका दहन वर्जित है, इसी वजह से होलिका दहन का मुहूर्त रात 10.47 बजे के बाद है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

