सदर. मब्बी थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में चार दिन पूर्व प्रशासन द्वारा की गयी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लकेर स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि गरीब परिवारों की मात्र आठ-दस झोपड़ियों को तोड़कर खानापूरी की गयी है. वहीं पक्के मकानों को जान-बूझकर छोड़ दिया गया. आराेप लगाते हुए कहा कि केवल एक पक्का मकान को हल्का-सा तोड़ा गया. बांकी निर्माण को जस का तस छोड़ दिया है. गौरतलब है कि जिस जमीन पर अतिक्रमण हटाया गया, वह दरभंगा-मुजफ्फरपुर पुरानी सड़क की भूमि है. इसी सड़क के किनारे शाहपुर मध्य विद्यालय अवस्थित है, जिसे हाल ही में प्लस टू विद्यालय के रूप में उत्क्रमित किया गया है. विद्यालय में लगभग 15 सौ विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन विकास और विस्तार के लिए स्कूल के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं है. इस कारण विद्यालय के एचएम व ग्रामीणों की ओर से कई बार प्रशासन को सरकारी जमीन खाली कराने के संबंध में आवेदन दिया गया था. लंबे इंतजार के बाद मामला उच्च न्यायालय पहुंचा. वहां से अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी हुआ, लेकिन न्यालय के आदेश को भी प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया. स्थानीय पूर्व पैक्स अध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह का कहना है कि प्रशासन ने भेदभाव किया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

