विजय कुमार गुप्ता, केवटी. मध्य सह नव उत्क्रमित माध्यमिक स्कूल मझियामा के लिए 19 लाख 97 हजार 900 रुपए की लागत से बने छह कमरे के भवन का उद्घाटन निर्माण के 10 वर्ष बाद भी नहीं किया गया है. इस कारण मात्र तीन कमरे में भवन में प्राथमिक, मध्य तथा माध्यमिक स्कूल का संचालन किया जा रहा है. सबसे अधिक व्यवस्था की मार इंटर स्तरीय छात्रों को पड़ रही है. मालूम हो कि मझिगामा वार्ड 15 में ग्रामीणों ने स्कूल निर्माण के लिए पांच बीघा जमीन बिहार सरकार को रजिस्ट्री किया. इसके बाद वर्ष 2014 में करीब बीस लाख रुपए की लागत से छह कमरे का स्कूल भवन निर्माण कार्य पूरा हुआ. इसमें पेयजल के लिए चापाकल, शौचालय आदि का निर्माण कार्य पूरा किया गया. भवन तैयार होने के दस वर्ष बीत जाने के बावजूद इसमें विभाग द्वारा पठन-पाठन कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है. वही वार्ड 16 में तीन कमरे में विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. तीन कमरे के भवन में वर्ष 1960 से ही स्कूल का संचालन हो रहा है. स्कूल के नाम से बारह कट्ठा जमीन ही यहां उपलब्ध है. शेष जमीन दूसरी जगह खेत के रूप में है. स्कूल के सामने बड़ा तालाब है. चहारदीवारी नहीं होने से छात्रों के साथ घटना की हमेशा आंशका बनी रहती है. स्कूल के पास मैदान नहीं रहने से खेल-कूद की खानापूरी की जाती है. वर्ष 2020 में स्कूल को इंटर स्तरीय मिला है. विद्यालय में 400 बच्चे नामांकित हैं. कमरे के अभाव के कारण प्राथमिक तथा मध्य स्तर की कक्षा का संचालन सुबह साढ़े छह बजे से 12.30 बजे तक तथा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूल का संचालन 12.30 बजे से शाम पांच बजे तक किया जाता है. तीन कमरे में संचालित स्कूल में प्रयोगशाला, कंप्यूटर कक्ष, शिक्षक कक्ष नहीं होने से शिक्षक तथा छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व समग्र शिक्षा शिक्षा परियोजना दरभंगा कार्यालय के पत्रांक 2620 दिनांक 8 दिसंबर 2023 के माध्यम से बीइओ को नव उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का संचालन छह कमरे वाले भवन में करने का निर्देश दिया गया था. इस आदेश पर अमल नहीं किया गया. वहीं जिला पदाधिकारी के जनता दरबार में नये भवन में स्कूल संचालन नहीं होने की शिकायत भी ग्रामीणों ने की थी. इसका भी कोई असर नहीं हुआ. ग्रामीण राजेन्द्र पासवान, दिनेश पासवान, राजाराम पासवान आदि ने बताया कि छह कमरे का स्कूल भवन निर्मित होने के बावजूद उसमें विद्यालय का संचालन नहीं किया जा रहा है. दूसरे टोला के लोग नहीं चाहते कि इस टोला में स्कूल चले. जानू सिंह, गोलू सिंह, राकेश यादव आदि ने बताया कि किसी भी कीमत पर स्कूल दूसरे जगह नहीं जायेगा. स्कूल के सामने के पोखर को भरकर भवन निर्माण कराया जाय. छह कमरे का भवन जहां बनाया गया है, वहां का माहौल ठीक नहीं है. हमलोग बच्चों को वहां नहीं भेज सकते. कुछ लोगों ने कहा कि नवनिर्मित भवन में विद्यालय का संचालन गांव के ही कुछ लोग नहीं होने दे रहे. वर्चस्व की लड़ाई चल रही है.
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