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टारगेट प्रोस्टेट मंथ पर कार्यक्रम आयोजित बुजुर्गों का करेंे सम्मान

दरभंगा : अंतरराष्ट्रीय अल्जाइमर दिवस बुधवार को लनामिवि के इंस्टीच्यूट ऑफ जेरोंटोलॉजी एंड जेरिमैट्रिक्स में समारोह आयोजित कर मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. इंद्रनाथ मिश्र ने उपस्थित लोगों को शपथ दिलाया. शपथ में कहा गया कि हम बुजुर्गों का सम्मान करें. बुजुर्गों की देखभाल करें और डिमेंसिया पीड़ित बुजुर्गों का […]

दरभंगा : अंतरराष्ट्रीय अल्जाइमर दिवस बुधवार को लनामिवि के इंस्टीच्यूट ऑफ जेरोंटोलॉजी एंड जेरिमैट्रिक्स में समारोह आयोजित कर मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. इंद्रनाथ मिश्र ने उपस्थित लोगों को शपथ दिलाया. शपथ में कहा गया कि हम बुजुर्गों का सम्मान करें.

बुजुर्गों की देखभाल करें और डिमेंसिया पीड़ित बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें. संस्थान के निदेशक प्रो. भवेश्वर सिंह ने कहा कि अल्जाइमर बुढापे का एक गंभीर रोग है. यह रोग भारत में तेजी से फैल रहा है. यह रोग मुख्य रुप से मस्तिष्क में याद रखनेवाले कोशिकाओं के क्षरण के कारण होती है. जंतु विज्ञान विभाग के प्राचार्य डा. एम निहाल ने इस रोग के जैविकीय लक्षणों तथा कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला. नियमित व्यायाम और मस्तिष्क को क्रियाशील बनाये तब ही इस रोग से बचा जा सकता है. इस मौके पर डाॅ ऊषा सिंहा, डाॅ संध्या झा, डाॅ मणिशंकर झा, विश्वंभर कुमार, कृष्णकांत उपस्थित थे.

दरभंगा : प्रोस्टेट रोगियों की तादाद बढ रही है. इसका मुख्य कारण असाधारण खानपान एवं प्रौढावस्था है. सही समय पर इलाज कराने से गंभीर रोग से बचा जा सकता है. डाॅ आरएन झा नर्सिंग होम में बुधवार को आयोजित प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में लेप्रोस्कोपिक सर्जन डाॅ राजीव रंजन ने यह बातें कही. सिपला कंपनी की ओर से आयोजित टारगेट प्रोस्टेट मंथ के मौके पर डॉ राजीव ने बताया कि सामान्यत: यह रोग 40 साल से अधिक आयु के चार पुरुषों में से एक और 60 साल से अधिक आयु के तीन पुरुषों में से एक प्रोस्टेट रोग के शिकार होते हैं.
क्या है प्रोस्टेट : पुरुष के प्रजनन संबंधी प्रणाली में से एक छोटी ग्रंथि होती है. यह तरल पदार्थ वीर्य बनाने में सहायक होता है.
प्रोस्टेट वृद्धि का कारण: पुरुषों की आयु बढ़ने के साथ प्रोस्टेट में भी वृद्धि होती है. यह वृद्धि प्रोस्टेट कोशिकाओं में होती है.
लक्षण: मूत्र का कमजोर प्रवाह या बंद होना. मूत्र का रिसना, पेशाब करने में परेशानी, रात में बार-बार पेशाब होना, मूत्र में रक्त आना आदि लक्षण है.
जांच : शारीरिक एवं मूत्राशय जांच, मूत्र एवं रक्त विश्लेषण, सोनोग्राफी आदि जांच शामिल है.
उपचार: अत्याधुनिक उपचार से प्रोस्टेट के असामान्य वृद्धि को रोका जा सकता है. प्रोस्टेट से बचाव के लिए शाम को अल्कोहल एवं कैफीन नहीं लें. तंबाकू, चीनी, सोडा, मसालेदार भोजन समेत अन्य हानिकारक खाद्य पदार्थ से दूर रहें. मौके पर मैनेजर हेमंत कुमार और अमित तिवारी आदि उपस्थित थे.

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