सीतामढ़ी/दरभंगा : एसटीएफ ने जिला पुलिस व क्यूआरटी टीम के सहयोग से संतोष झा गिरोह के संरक्षणदाताओं में शामिल विजय झा व राघव झा (दोनों सहोदर भाई) को गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर नगर थाना के पुनौरा गांव स्थित उनके आवास से बुधवार देर रात हुई. उनके पास से एक पिस्टल व दो मैगजीन भी बरामद किया गया है. पूछताछ में विजय झा ने बताया कि गिरोह का स्वचालित हथियार संतोष झा के चचेरेे भाई संजय झा के शिवहर के दोस्तिया गांव में रखा है.
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संतोष झा का भाई संजय एके-56 के साथ िगरफ्तार
सीतामढ़ी/दरभंगा : एसटीएफ ने जिला पुलिस व क्यूआरटी टीम के सहयोग से संतोष झा गिरोह के संरक्षणदाताओं में शामिल विजय झा व राघव झा (दोनों सहोदर भाई) को गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर नगर थाना के पुनौरा गांव स्थित उनके आवास से बुधवार देर रात हुई. उनके पास से […]
इसके बाद एसटीएफ ने सीतामढ़ी पुलिस के साथ दोस्तिया गांव से संजय झा को दबोच लिया. संजय ने एसटीएफ को बरगलाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस के कड़े रुख के सामने टूट गया. उसने बैग में रखा एके-56 व 25 गोली सौंप दी. संजय की निशानदेही पर संगठन के लिए काम कर रहे आदित्य कुमार त्रिवेदी को भी शिवहर के पिपराही से दबोच लिया गया. गुरुवार को सूर्यास्त होने से पहले एसटीएफ व सीतामढ़ी पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन पूरी तरह सफल हो चुका था. चारों को पुनौरा ओपी पर रख कर ऑपरेशन में शामिल एसटीएफ के मो मुस्तफा, दरभंगा जिला के थानाध्यक्ष सीताराम प्रसाद,
संतोष झा का…
राकेश कुमार, सीतामढ़ी के डुमरा व पुनौरा थानाध्यक्ष क्रमश: छोटन कुमार व लालबाबू प्रसाद ने घंटों पूछताछ की. इस संबंध में पूछे जाने पर एसटीएफ के अधिकारी मो मुस्तफा ने तत्काल कुछ भी बताने से इनकार किया.
संजय व विजय ने खोले कई राज
एसटीएफ सुबह 9.30 बजे चारों को अपने साथ दरभंगा ले गयी. वहां पूछताछ के बाद विजय झा के भाई राघव झा को निर्दोष पाते हुए छोड़ दिया गया. पुलिस सूत्रों की मानें तो संजय व विजय ने संगठन के कई राज खोले हैं, जिससे जल्द संगठन को संरक्षण देनेवालों की गिरफ्तारी के साथ हथियारों का जखीरा बरामद करने में भी पुलिस को सफलता मिलेगी. गिरोह का शार्प शूटर विकास झा दरभंगा में इंजीनियर हत्याकांड में गिरफ्तार होने के बाद पुलिस को बताया था कि संगठन के पास तीन एके-47, तीन कारबाइन व 11 पिस्टल हैं.
जेल से मिला एके-56 का सुराग
पुलिस सूत्रों के अनुसार दरभंगा जेल में बंद इंजीनियर व सुपरवाइजर हत्याकांड को अंजाम देने वाले संतोष गिरोह के शार्प शूटर विकास झा उर्फ कालिया पर पुलिस की पैनी नजर थी. उसके आपत्तिजनक क्रियाकलाप को पुलिस वॉच कर रही थी. पुलिस को पता चल चुका था कि जेल में बंद विकास के पास मोबाइल की सुविधा उपलब्ध है. उसके नंबर को प्राप्त करने के बाद उसे सर्विलांस पर लिया गया. इसका परिणाम एके-56 समेत चार की गिरफ्तारी है.
सूत्रों के अनुसार मुकेश पाठक की गिरफ्तारी के बाद विकास ने जेल से विजय झा को मोबाइल पर कोड वर्ड में कहा कि बड़का सामान के पुरनका जगह पर ठिकाना लगा दे. विकास का संकेत मिलने के बाद विजय ने रातों रात एके-56 को संजय झा को सौंप कर वापस लौट गया.
तीन और को पकड़ा
सीतामढ़ी व िशवहर के कई िठकानों पर छापेमारी
दरभंगा के इंजीनियर हत्याकांड
में एके-56 के इस्तेमाल होने
की आशंका
एसटीएफ, सीतामढ़ी व दरभंगा पुलिस को मिली सफलता
एक एके-56, एक पिस्टल
दो मैगजीन व 25 जिंदा
कारतूस बरामद
निर्दोष साबित होने पर विजय के भाई राधव को पुलिस ने छोड़ा
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