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अभिरुचि के साथ शक्षिण कार्य जरुरी : डीएम

अभिरुचि के साथ शिक्षण कार्य जरुरी : डीएम समन्वयकों के साथ बैठक मेंं डीएम ने दिये कई टास्कसमय से पहंुुचे स्कूल, बढ़ायें बच्चों की उपस्थितिफोटो- 16 व 17परिचय- बैठक मेें बोलते डीएम बालामुुरुगन डी एवं उपस्थित समन्वयक दरभंगा : सदर अनुमंडल के प्रख्ंाडों के साधन सेवी एंव संकुल समन्वयकों की बैठक में डीएम बालामुुरुगन डी […]

अभिरुचि के साथ शिक्षण कार्य जरुरी : डीएम समन्वयकों के साथ बैठक मेंं डीएम ने दिये कई टास्कसमय से पहंुुचे स्कूल, बढ़ायें बच्चों की उपस्थितिफोटो- 16 व 17परिचय- बैठक मेें बोलते डीएम बालामुुरुगन डी एवं उपस्थित समन्वयक दरभंगा : सदर अनुमंडल के प्रख्ंाडों के साधन सेवी एंव संकुल समन्वयकों की बैठक में डीएम बालामुुरुगन डी ने विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए अभिरुचित के साथ काम करने की आवश्यकता जतायी. उन्होंने गुणवत्ता शिक्षा लाने के लिए छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्हांेने समय से शिक्षक स्कूल आयें तथा समय से जाये. इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतने के सख्त निर्देश दिये. डीएम ने इस माह के प्रथम अभिभावक शिक्षक मीटिंग 23 जनवरी को करने को कहा. उन्होंने 9.30 बजे से प्रार्थना को अनिवार्य बताया. वहीं हर हाल में 10 बजे से पठन पाठन शुरु करने को कहा. इसी के साथ समय सारणी के साथ पढ़ाई तथा खेल कूद को रुटिन के अनुसार संचालित करने को कहा. उन्हांेने अच्छे कार्य करनेवाले विद्यालय एवं समन्वयकों को पुरस्कृत करने की भी घोषणा की. बैठक मेें वरीय उपसमाहर्त्ता दीपक कुमार साहु, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मौजूद थे. फीडबैक के साथ डीएम ने की बैठकदरभंगा : समन्वयकों के साथ बैठक के पूर्व जाले एवं सिंहवाड़ा के कई स्कूलों के निरीक्षण कि या. जमीनी हकीकत से रुबरु होकर डीएम बालामुरुगन डी ने विद्यालयों मेंं छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति पर गहरी नाराजगी जाहिर किये. उन्होंने अपने निर्देश में ग्राउंड लेवल के इनपुट क ो आधार बनाकर कई सुधार करने की हिदायत दी. उन्होंने अच्छा काम करनेवाले सीआरसीसी एवं गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई करनेवाले विद्यालय को पुरस्कृत करने की भी घोषणा की. इसके साथ ही विद्यालय को ग्रेडिंग करने का निर्देश दिया. इसे बॉक्स में डालें इन बिंदुओं पर काम करने की हिदायतप्रत्येक माह के प्रथम शनिवार को अभिभावक शिक्षक मीटिंग, 26 जनवरी तक सभी शौचालयों को कार्यरत करने का निर्देश, समय सारणी के साथ पढ़ाई, मीनू के अनुसार मध्याह्न भोजन, बच्चों के साथ शिक्षकों का भोजन अनिवार्य, भोजन से पूर्व बच्चों की हाथ सफाई, खेलू कूद रुटिन के अनुसार, प्रार्थना 9.30 बजे से तथा पढ़ाई 10 बजे से शुरु करना अनिवार्य, शिक्षक एवं बच्चे समय से स्कूल आयें तथा समय से घर जायें. पहली बार हुआ डीएम के साथ समन्वयकों का सीधे संवाददरभंगा : सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था दुुरस्त करने की कवायद में जिला पदाधिकारी का प्रखंड व संकुल समन्वयकों को सीधे संवाद महत्वपूर्ण माना जा रहा है .जब नये जिला पदाधिकारी बालामुुरुगन डी ने शिक्षा महकमा मंे कुछ नया की उम्मीद की जा रही थी. संभवत: पहली बार ऐसा हो रहा है कि शैक्षिक व्यवस्था सुधारने के लिए डीएम रुट लेवल से सीधे जुड़ रहे है तथा जमीनी हकीकत के फीड बैक पर काम को अंजाम देना चाहते हैं. इसी कड़ी में बुधवार केा उन्हांेने बेनीपुर एवं बिरौल अनुमंडल के बीइओ ,बीआरसी तथा सीआरसीसी के साथ बैठक कर विद्यालयों में गुणवत्ता शिक्षा लाने के बाधक तत्वों को जानने का प्रयास किया तथा इसके दूर करने के उपाय सुझाये. गुणवत्ता शिक्षा में संकुल समन्वयकों की अहम है भूमिकादरभंगा : विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने के लिए जब प्रत्येक प्रखंड मेें तीन साधन सेवी तथा प्रत्येक संकुल के लिए एक पूर्णकालिक समन्वयक का चयन किया गया तब इनके कार्यों को पूर्णत: अकादमिक रखा गया था. विद्यालय भ्रमण कर शिक्षकों को अकादमिक समर्थन, प्रख्ंाड व संकुल स्तरीय कार्यशाला में प्रत्येक माह शैक्षिक योजनाओं को तैयार करना, कठिन बिंदुओं पर चर्चा आदि ऐसी जिम्मेवारी दी गयी जो स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए अहम माने जाते हैं. किं तु कालांतर में इनकी कार्यप्रणाली बदलती चल गयी तथा इनका कार्य रिपोर्ट रिटर्निंग तक सीमित होता चला गया. बीच बीच में कुछेक अधिकारी ने इन्हेंे अपने मूल उद्देश्यों में लगाने का प्रयास किया किंतु यह व्यवस्था ज्यादा दिन तक नहीं चल सका तथा फिर से उसी पैटर्न पर इनका कार्य पद्धति चल पड़ा. अब तो ऐसी स्थिति है कि इनके अनुश्रवण प्रतिवेदन को महज कागजी खानापूर्ति की बात कही जाती है. ये जब संकुल भ्रमण मंे जाते हैं तो कक्षा मेंं जाने से कतराते हैं तथा ऑफिस में बैठकर प्रतिवेदन को पूरी कर आगे की ओर बढ़ जाते हैं. हालांकि कुछ समय पूर्व जब ये जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट के अधीन कार्य किया तो एक बार फिर से उम्मीद जगी थी लेकिन जब से फिर इन्हें बीइओ के अनुपस्थित विवरणी से जोड़ा गया तब पुरानी स्थिति हो गयी. अब कुछ माह से एसएसए के डीपीओ रजनीकांत प्रवीण्या इन्हंे पाठ्य पुस्तक सहित पाठ्यचर्या, एलएफएम आदि के ज्ञान की परीक्षा लेना शुरुकिये तो फिर से उम्मीद जगी है. अबजब जिला पदाधिकारी इनके प्रति गंभीर हुए तो उम्मीद की जा रही है कि इसके दूरगामी प्रभाव होगा. इसे बॉक्स में डालेंबेनीपुर व बिरौल अनुमंडल के प्रखंड व संकुल समन्वयकों की बैठक आज भीदरभंंगा : प्रारंभिक विद्यालयों मंे गुणवत्ता शिक्षा लाने के प्रयास में डीएम बेनीपुर एवं बिरौल अनुमंडलाधीन प्रखंडों के साधन सेवी एवं संकुल समन्वयकों की बैठक 7 जनवरी को होगा. यह बैठक 10 बजहे से समाहरणालय के सभागार में रहेगी. यह जानकारी डीपीआरओ कन्हैया कुमार ने दी.

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