गौनाहा :वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना के जंगल से निकले बाघ ने रविवार की शाम को 6 बकरियों को अपना शिकार बनाने के बाद सिसई गांव में घुसकर देर शाम 7.30 बजे एक सांड को मारकर जख्मी कर दिया. इसके बाद से पूरे गांव के लोग दहशत में आ गये. इस बीच अफवाह फैल गयी कि जंगल से आधा दर्जन बाघ क्षेत्र में निकले हैं. इससे भयाक्रांत ग्रामीणों ने पूरी रात जागकर बितायी.
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सिसई गांव में फिर घुसा बाघ, सांड पर किया हमला
गौनाहा :वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना के जंगल से निकले बाघ ने रविवार की शाम को 6 बकरियों को अपना शिकार बनाने के बाद सिसई गांव में घुसकर देर शाम 7.30 बजे एक सांड को मारकर जख्मी कर दिया. इसके बाद से पूरे गांव के लोग दहशत में आ गये. इस बीच अफवाह फैल गयी कि जंगल […]
ग्रामीणों का कहना था कि गांव वालों को पूरी रात यह चिंता सताती रही कि गांव में बाघ तो घुस ही गया है. घर में घुसकर कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं नहीं दे दे. उनका कहना था कि फोन करने पर रेंजर फोन नहीं उठाते हैं. वन विभाग द्वारा बाघ को जंगल में भगाने का कोई सफल प्रयास नहीं किया जा रहा है. बाघ के भय से सहमे बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. ऐसे तो बाघ का आतंक गौनाहा पंचायत के सभी गांवों में है. इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार आवेदन देकर वन क्षेत्र पदाधिकारी सुनील कुमार पाठक से गुहार लगायी है. इस दौरान मंगुराहा रेंज का घेराव भी किया. फिर भी वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
ग्रामीणों का कहना था कि इलाके में इस तरह की अफवाहे फैली हैं कि आधा दर्जन से अधिक बाघ जंगल से बाहर निकल गए हैं. प्रखंड की कई पंचायतों के कई जगहों पर अपना रैन बसेरा बना लिये हैं. वे ही समय-समय से मौका पाते ही पालतू पशुओं, नीलगाय और लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.
खेदजनक बात है कि ग्रामीणों के विरोध के बाद भी चाहे वन विभाग हो या जनप्रतिनिधि इसके विरुद्ध न तो कोई आवाज उठा रहा है न ही कोई ग्रामीणों को इस समस्या से उबारने में दिलचस्पी ले रहा है. स्थिति यह हो गयी है कि किसी काम से घर से बाहर निकलने के बाद अगर कोई व्यक्ति शाम तक घर नहीं लौटता है, तो उसके परिवार वालों की चिंता बढ़ जाती है.
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