मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. ढाका, पताही में बाढ़ के बाद जहां पानी कम होने लगा है, वहीं सुगौली, बंजरिया, मोतिहारी शहर व प्रखंड के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. मोतिहारी-लखौरा-छौड़ादानो पथ व मोतिहारी-सुगौली पथ पर आवागमन बंद हो गया है.
मोतिहारी से सुगौली व रक्सौल के लिए ट्रेन का परिचालन बंद है. ढाका में सेना के जवानों के साथ एसडीओ मनोज रजक व डीएसपी बमबम चौधरी कमान संभाले हैं. राहत व बचाव कार्य के लिए आठ एनडीआरएफ की टीमों को लगाया गया है. डीएम रमण कुमार ने बताया कि और टीम की मांग की गयी है. बाढ़ में अब तक
मोतिहारी शहर में
करीब 12 लोगों की मौत हुई है. 24 घंटे में गुलरिया अहिरटोली के रामतली खातून, लखौरा कचहरी टोला में अच्छेलाल पासवान, ढाका खुरहनी में महेंद्र साह, चिरैया हरनरायण में विनोद दास का 12 वर्षीय पुत्र गौतम व कृष्णा दास का 14 वर्षीय पुत्र कृष्ण दास की मौत हो गयी है. मोतिहारी से एक अज्ञात किशोरी का शव पानी में तैरता हुआ बरामद किया गया है. इधर, अरेराज में गंडक नदी में उफान से पांच स्थानों मननपुर, सरेया, बड़हरवा, कजरा, भवानीपुर में रिसाव जारी है.
रक्सौल से मिली जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले केसरे हिंद बांध के टूट जाने से रामगढ़वा व सुगौली प्रखंड के सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है. तीसरे दिन भी प्रभावित गांव में अब तक प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं पहुंचायी जा सकी है. हालांकि एनडीआरएफ के टीम के साथ-साथ सेना की एक टुकड़ी ने रामगढ़वा प्रखंड में बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए बुधवार सुबह कमान संभाल ली. लेकिन शाम को सूचना मिली कि सेना के जवान मोटरवोट व नाव नहीं होने के कारण अभियान को अंजाम नहीं दे सके और वापस मुख्यालय लौट आये.