बक्सर : बक्सर का लाइफ लाइन कहे जानेवाले कटहिया पुल का निर्माण कार्य अब शीघ्र ही शुरू होनेवाला है. डायवर्सन निर्माण विवाद को लेकर कई महीनों से अधर में लटके पुल के निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने विभागीय कार्रवाई को अंतिम चरण में लाते हुए टेंडर निकालने के लिए विभाग को पत्र भेज दिया है, जिस पर शीघ्र ही फैसला सरकार लेनेवाली है. कटहिया पुल चौड़ा नहीं होने से रोज लगनेवाले जाम की समस्या शहर में अभी भी बरकरार है.
बक्सरवासी इस पुल के निर्माण को लेकर काफी आशान्वित हैं. बता दें कि इस पुल के निर्माण के लिए डायवर्सन का कार्य करना है. डायवर्सन बनाने में पुल के समीप की कई दुकानें टूट जायेंगी. दुकानों को बचाने के लिए स्थानीय दुकानदार डायवर्सन के निर्माण को रोकने के लिए 22 दिनों तक आंदोलन किये थे और फिर प्रशासन के साथ कई बैठकें दुकानदारों की हुई थीं, लेकिन अब तक उसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है.
बिना डायवर्सन के बन सकता है पुल : दुकानदार : कटहिया पुल से सटे पश्चिमी की तरफ नाथ बाबा का पुल है, जो कटहिया पुल के विकल्प के रूप में उपयोग में लाया जायेगा. प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि बारी-बारी से दोनों पुलों में से एक-एक को तोड़ा जाये, तो कोई डायवर्सन बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. प्रभावित एक दुकानदार अजय कुशवाहा का कहना है कि डायवर्सन बिना बनाये और दुकानें बिना तोड़े भी कटहिया पुल का पुर्ननिर्माण संभव हो सकता है और जिला प्रशासन के साथ पिछली बैठक में इसी से जुड़ा हुआ प्रस्ताव दुकानदारों ने दिया है. प्रशासन की ओर से दुकानदारों के विकल्प पर जिलाधिकारी के स्तर से फैसला आना बाकी है.
महापंचायत और धरना-अनशन किया था दुकानदारों ने
कटहिया पुल को लेकर दुकानदारों ने 18 दिनों तक लगातार धरना दिया और तीन दिनों तक अनशन कार्यक्रम भी आयोजित किया. एक दिन बक्सर की आवाज की ओर से महा पंचायत भी लगायी गयी, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, दुकानदारों व व्यवसायियों समेत आमजन की राय ली गयी, जिसमें सबों ने कम-से-कम दुकान तोड़ कर डायवर्सन बनाने की बात रखी. साथ ही जिनकी दुकानें टूटेंगी उन्हें अन्यत्र दुकान देकर पुनर्वासित करने की भी मांग प्रशासन के समक्ष रखी. साथ ही बिना डायवर्सन बनाये पुल बन जाये इस पर कई लोगों ने अपनी राय रख कर सहमति जतायी थी. बाद में जिलाधिकारी रमण कुमार के अवकाश में रहने के कारण उनके प्रभार में चल रहे उप विकास आयुक्त मोबिन अली अंसारी के नेतृत्व में अधिकारियों के साथ दुकानदारों की बैठक हुई, जिसमें दुकानदारों के विकल्प ले लिये गये और अंतिम रूप में फैसला जिलाधिकारी के स्तर पर लिये जाने की बात कह कर दुकानदारों को विदा कर दिया गया.
कटहिया पुल को अंगरेजों ने बनाया था
कटहिया पुल अंगरेजों के जमाने से बना है. पहले इस पुल को अंगरेजों ने लकड़ी से बनाया था, बाद में इस पुल का पुर्ननिर्माण कराया गया. इसके बाद पुल के ऊपर से कालीकरण कराया गया. बक्सर का लाइफ लाइन होने के कारण इस पुल पर लोगों की हमेशा नजर रही, लेकिन पुल का निर्माण नहीं हो सका. जबकि इसके लिए स्थानीय लोग और बक्सरवासी हमेशा लड़ते रहे.
चार करोड़ की लागत से बनेगा पुल
कटहिया पुल करीब 12 मीटर का बनना है. इसके लिए चार करोड़ की राशि स्वीकृत हो चुकी है.इसके अतिरिक्त डायवर्सन के लिए 25 लाख रुपये की राशि अलग से आवंटित है. वहीं, डायवर्सन के निर्माण पर जिच होने के कारण अब तक मामला लंबित पड़ा है. पूर्व की विभागीय कार्रवाई के हिसाब से कटहिया पुल से पूरब की दो कटरा दुकानें और पश्चिम की तरफ छह कटरा दुकानें तोड़े जाने का प्रस्ताव है, जिसका विरोध दुकानदारों ने किया है. प्रशासन बक्सर के इस लाइफ लाइन को बनाने के लिए किसी भी तरह का अब तक बदलाव करने के मूड में नहीं दिखा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
डायवर्सन पूरब की तरफ बनाने से यातायात की समस्या कम से कम होगी. कोशिश किया जायेगा कि कोई दुकान न टूटे, लेकिन पुल के लिए दुकानें भी तोड़ी जायेंगी, तो जनहित में फैसला होगा. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही टेंडर निकाल कर निर्माण शुरू किये जाने की कार्रवाई की जायेगी.
अनिल कुमार सिन्हा, पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता