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शहीद ललन मिश्रा का पार्थिव शरीर पहुंचा बक्सर तो बह उठी आसुओं की धारा

बक्सर: देश सेवा से गौरांवित करने वाले बक्सर जिले का एक और सेना का जवान देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया. बिहार में बक्सर जिले के डुमरांव थाना क्षेत्र के भरखरा गांव निवासी 48 वर्षीय सेना के जवान ललन मिश्रा का परिवार शहर के पाण्डेयपट्टी मोहल्ले में रहता है. ललन मिश्रा 24 जून […]

बक्सर: देश सेवा से गौरांवित करने वाले बक्सर जिले का एक और सेना का जवान देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया. बिहार में बक्सर जिले के डुमरांव थाना क्षेत्र के भरखरा गांव निवासी 48 वर्षीय सेना के जवान ललन मिश्रा का परिवार शहर के पाण्डेयपट्टी मोहल्ले में रहता है. ललन मिश्रा 24 जून को बांग्लादेश बॉर्डर के कूचबिहार जिले में बीओपी धरला सेक्टर में बीएसएफ की 101 वीं बटालियन में पोस्टेड थे. गश्त के दौरान शहीद हो गए.

मोहल्ले में मच गया कोहराम
सीमा पर तैनात जवान जब शुक्रवार की शाम अपने साथी जवानों के साथ पैट्रोलिंग कर रहा था तभी पैर फिसलने के कारण वह नदी में गिर पड़े और शहीद हो गए. हंसमुख और मिलनसार ललन मिश्रा के शहीद होने की खबर बीएसएफ ने फोन पर दी. अपने बेटे की शहादत पर परिजनों और गांव के लोगों की आंख तो नम हैं, लेकिन उसकी बहादुरी पर भी सभी को गर्व है. सोमवार दोपहर उनकापार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पांडेयपट्टी पहुंचा. पार्थिव शरीर पहुंचने पर घर और मोहल्ले में कोहराम मच गया.

आंखें हुई नम, पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगे नारे
शहीद जवान ललन का पार्थिव शरीर पहुंचते ही वहां उपस्थित लोगों की आंखों में आंसू आ गए लेकिन गर्व इस बात का दिख रहा था कि उनके मोहल्ले के सपूत ने देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी. पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों की गूंज शहीद का पार्थिव शरीर सेना के विशेष वाहन से सोमवार की दोपहर लाया गया. इस दौरान स्टेशन के पास स्थित एक होटल के समीप जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा. वहां पहले से ही मौजूद लोगों ने भारत माता की जय, वीर ललन मिश्रा जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. तिरंगे की शान में जान न्योछावर करने वाले जवान की शहादत पर सभी को गर्व है. मोहल्ले की छतों पर महिलाओं व युवतियों की भीड़ थी तो शहीद जवान की शवयात्रा में नौजवानों के हुजूम था.

बेटी की शादी का सपना रह गया अधूरा
शहीद जवान ललन मिश्रा अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. वे जब पिछले महीने छुट्टी पर आये थे. तो उन्होंने अपनी बड़ी बेटी नेहा की शादी के अरमान अपनी पत्नी को बताए थे. उन्होंने अपनी बेटी के लिए अच्छे वर की तलाश भी शुरू कर दी थी. वे किसी अफसर से अपनी बिटिया की शादी करना चाहते थे. लेकिन, उनका यह सपना अधूरा रह गया. यहीं सोचकर उनकी पत्नी व बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद की पत्नी निर्मला मिश्रा ने जब से उनके शहादत की खबर सुनी हैं. तभी से कुछ खाया नहीं है. वे बार-बार गश्त खाकर गिर पड़ती हैं. उनकी तीन बेटियां एक दूसरे को संभालने में लगी थी.

दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

शहीद का अंतिम संस्कार चरित्रवन स्थित शमशान घाट पर किया गया. सेना और पुलिस प्रशासन की ओर से शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. शहीद के 13 साल के बेटे आदर्श ने पिता को मुखाग्नि दी. गगनभेदी और पाकिस्तान मुर्दाबाद नारों के बीच अंतिम संस्कार किया गया. आपको बता दें कि शहीद के छोटे एक भाई हैं. जो गांव में खेती कराते हैं. उनके पिता गंगाधर मिश्रा सरकारी सेवा से रिटायर्ड हैं. शहीद ललन मिश्रा वर्ष 1991 में सेना में भर्ती हुए थे. उनके परिवार में पत्नी निर्मला, बेटा आदर्श औैर बेटियां नेहा, प्रियंका तथा प्रिया के आलावा उनके वृद्ध पिता व भाई हैं.

बेटे ने कहा पापा की तरह करूंगा देश सेवा
मीडिया से बात करते हुए शहीद के बेटे आदर्श ने कहा कि पिता की शहादत पर मुझे गर्व है और मैं भी बड़े होकर देश सेवा करूंगा. हालांकि 13 साल का आदर्श आठवीं क्लास में है, जबकि शहीद की बड़ी बेटी नेहा पोस्ट ग्रेजुएट, प्रिया ग्रेजुएशन व छोटी बेटी प्रियंका नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है.

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