मंगलेश तिवारी
बक्सर : बिहार के बक्सर जिले में शुक्रवार देर शाम एक ही परिवार के पांच लोगों के आंखों की रोशनी जाने की खबर से पूरे गांव में हड़कंप मच गया. मामला इटाढ़ी थाना क्षेत्र के महिला गांव का है, जहां अचानक एक ऐसा हादसा हुआ, जिसे सुनकर और देख कर हर कोई हैरान रह गया. आंखों की रोशनी जाने के बाद घर में चीख पुकार मच गयी. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अचानक ऐसाकैसे हो गया. देखते-देखते इस बात की खबर पड़ोसियों को लगी और उसके बाद धीरे-धीरे यह बात पूरे गांव में फैल गयी.
गांव वालों की मदद से मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गयी, जिसके बाद बड़े अधिकारियों की पहल के बाद सभी पीड़ितों को स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार हुआ. पीड़ितों में पति-पत्नी और तीन बच्चे शामिल हैं. उपचार कर रहे चिकित्सकों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पीड़ितों को बक्सर सदर अस्पताल में भर्ती कराया .
जानकारी के मुताबिक, बक्सर सदर अस्पताल में आने के बाद सभी पीड़ितों का इलाज शुरू किया गया, लेकिन यहां भी मामले की गंभीरता को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने सभी पीड़ितों को पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल पीड़ित परिवार का मुखिया मोहन सिंह हैदराबाद की एक कबाड़ी की दुकान में काम करता है. वह दो दिन पहले हैदराबाद से वापस अपने गांव आया था. मोहन अपने साथ कबाड़ी की दुकान में मिले कुछ कपड़े और दस्ताना भी लाया था. दरअसल उन्हीं कपड़ों और दस्तानों मेंखतरनाक केमिकल मिला हुआ था. कपड़ों और दस्ताने में केमिकल के लगेहोने से अनजान मोहन की पत्नी ने कपड़े धोने की कोशिश की. उसके बाद कपड़े में लगे केमिकल से निकले रेडिएशन ने उनकी आंखों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया. रेडिएशन के असर से आंखों में जलन शुरू हो गयी.
उसके बाद पत्नी ने आंखों में जलन होता देख चिल्लायी, जिसे सुन कर पति और बच्चे भी रेडिएशन से प्रभावित महिला के पास चले आये. एक के बाद एक परिवार के सभी सदस्यों की आंखों में रेडिएशन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते सभी की आंखों की रोशनी धुंधली होती चली गयी. मामले में घर के मुखिया मोहन सिंह ने बताया कि जो वह कपड़े और कुछ दस्तानें आपने साथ लाया था, उसी में केमिकल था. उसे साफ कर परिवार वाले उसका इस्तेमाल करना चाहते थे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था.
प्राथमिक इलाज के बाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने भी बताया कि आंखों की रोशनी जाने के पीछे केमिकल के रेडिएशन का ही असर है. चिकित्सकों के मुताबिक, चूंकि यह मामला आंखों से जुड़ा है, लिहाजा इसे काफी गंभीरता से लेते हुए बेहतर इलाज के लिए सभी पीड़ितों को पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है. हालांकि, इस बीच यह सुखद बात जरूर रही कि घटना की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण और समाजसेवी भी पीड़ितों की मदद में आगे आये.
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