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पैसा लेने गये ठेकेदार के साथ मारपीट

ठेकेदार ने बताया, बिल भुगतान के लिए 50 हजार रुपये की की जा रही थी मांग सिविल सर्जन ऑफिस के बाहर दोनों पक्षों के लोग जुटे, डर से भाग गये सिविल सर्जन आरा : बिल का पैसा मांगने गये एक ठेकेदार को सिविल सर्जन ऑफिस के कर्मचारियों के साथ जम कर गाली- गलौज और मारपीट […]

ठेकेदार ने बताया, बिल भुगतान के लिए 50 हजार रुपये की की जा रही थी मांग

सिविल सर्जन ऑफिस के बाहर दोनों पक्षों के लोग जुटे, डर से भाग गये सिविल सर्जन
आरा : बिल का पैसा मांगने गये एक ठेकेदार को सिविल सर्जन ऑफिस के कर्मचारियों के साथ जम कर गाली- गलौज और मारपीट हुई. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पहले गाली- गलौज हुई, फिर बाद में एक दूसरे को देखने और दिखाने की बात सामने आ गयी. देखते-ही- देखते दोनों पक्ष के लोग जुट गये और सिविल सर्जन कार्यालय में ही मारपीट शुरू हो गयी.
मारपीट की इस घटना के बाद सिविल सर्जन कार्यालय छोड़ कर भाग खड़े हुए. इस दौरान ठेकेदार रास बिहारी शर्मा के साथ बदसलूकी और मारपीट की गयी. उधर दूसरी ओर सिविल सर्जन कार्यालय में पद स्थापित लिपिक सुशील कुमार द्वारा भी आरोप लगाया गया है कि रास बिहारी शर्मा द्वारा मारपीट की गयी है. दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. ठेकेदार रास बिहारी शर्मा ने बताया कि 1 लाख 9 हजार 70 रुपये का बिल भुगतान करना है. तीन वर्ष पूर्व में ही काम किया जा चुका है.
बार- बार अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों द्वारा बिल भुगतान को लेकर टाल- मटोल किया जा रहा था. शनिवार को जैसे ही सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचा तो लिपिक द्वारा बिल भुगतान करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की गयी. कहा गया कि तीन वर्ष पुराना पैसा है. फिफ्टी- फिफ्टी पर तैयार हैं, तो भुगतान होगा. इसी को लेकर जब मैंने सिविल सर्जन से बात की, तो इसी बीच लिपिक और उनके साथी हमसे भिड़ गये. वहीं दूसरी तरफ लिपिक सुशील कुमार का कहना है कि ठेकेदार द्वारा गाली-
गलौज की जा रही थी. पैसा मांगने की बात बेबुनियाद है. इस संबंध में सिविल सर्जन द्वारा सरकारी कार्य में बाधा डालने और गाली- गलौज करने का मामला नगर थाना में दर्ज कराया गया है. वहीं ठेकेदार द्वारा भी गाली- गलौज और मारपीट करने का मामला दर्ज कराया गया. ठेकेदार ने बताया कि इस संबंध में पूर्व में सदर अस्पताल के रोगी कल्याण समिति द्वारा जाली चेक दिया गया था, जिसके बाद जब मैंने केस करने जा रहा था, तो अस्पताल प्रशासन ने हमें बुला कर मैनेज करने की बात कही, जिसके बाद मामला सुलझ गया था. शनिवार को पैसे की मांग को लेकर मामला बिगड़ गया.
आरोप बेबुनियाद है
ठेकेदार द्वारा लगाये गये आरोप बेबुनियाद है. ठेकेदार का पैसा देने के लिए चेक तैयार है. हस्ताक्षर नहीं होने की वजह से शनिवार को देर हो गया. इसी बीच गाली- गलौज और मारपीट की घटना घटित हुई.
डॉ रास बिहारी सिंह, सिविल सर्जन

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