आधा घंटा तक शटल को आरा स्टेशन पर रोक कर छात्र नेताओं ने की नारेबाजी
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आइसा कार्यकर्ताओं ने रोकी ट्रेन, जाम की सड़क
आधा घंटा तक शटल को आरा स्टेशन पर रोक कर छात्र नेताओं ने की नारेबाजी पूर्वी गुमटी के समीप जाम की सड़क, फंसे रहे सैकड़ों वाहन बीएड प्रथम वर्ष के छात्रों को भी टीइटी में शामिल कराने सहित रखीं कई मांगें आरा : आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने बीएड प्रथम वर्ष के […]
पूर्वी गुमटी के समीप जाम की सड़क, फंसे रहे सैकड़ों वाहन
बीएड प्रथम वर्ष के छात्रों को भी टीइटी में शामिल कराने सहित रखीं कई मांगें
आरा : आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने बीएड प्रथम वर्ष के छात्रों को भी टीइटी में शामिल कराने और हर साल टीइटी की परीक्षा समय पर कराने सहित अन्य मांगों को लेकर रेल चक्का जाम किया. रेल रोको रास्ता रोको कार्यक्रम के तहत रेल रोकने के साथ आइसा के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम भी कर दिया. रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोके जाने के दौरान आइसा कार्यकर्ताओं और रेल पुलिस के जवानों के बीच हल्की नोक-झोंक भी हो गयी. इस दौरान स्टेशन परिसर में अफरातफरी का माहौल भी कायम रहा. सुबह में दर्जनों की संख्या में आइसा के कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन पर पहुंच गये और शटल ट्रेन को रोक दिया.
पैसेंजर के इंजन पर सभी सवार हो गये और नारेबाजी करने लगे. लगभग आधा घंटे तक शटल को रोके रखा. रेल पुलिस के जवानों के प्रयास के बाद आइसा कार्यकर्ता वहां से हटे तब जाकर पैसेंजर आगे के लिए रवाना हुई. इसकी वजह से कई ट्रेनों के परिचालन पर भी असर पड़ा. रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आइसा कार्यकर्ताओं का जत्था सड़क पर उतर गया. नारेबाजी करते हुए सभी पूर्वी गुमटी पहुंच गये और सड़क जाम कर दिया. छात्रों ने नीतीश-लालू की सरकार के खिलाफ जम कर आक्रोशपूर्ण नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. लगभग एक घंटे तक सड़क जाम रहा, जिसके कारण आरा-सासाराम, आरा-पटना हाइवे पर वाहनों की कतार लग गयी.
बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने सड़क जाम हटवाया. इसके बाद आइसा कार्यकर्ताओं ने वहां एक सभा की. सभा का संचालन आइसा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य रंजन कुमार ने किया.
छह साल में एक ही बार परीक्षा आयोजित कर छात्रों के साथ किया गया खिलवाड़: सभा को संबोधित करते हुए आइसा के जिला अध्यक्ष सबीर ने कहा कि आरटीइ एक्ट 2009 के अनुसार बहाली के लिए प्रत्येक वर्ष टीइटी परीक्षा लेना अनिवार्य है, लेकिन बिहार की सामाजिक न्याय की सरकार ने अब तक एक बार ही शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित किया है. उच्चतम न्यायालय के फटकार के बाद अब छह वर्षों बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने की बिहार सरकार ने तैयारी शुरू की है,
लेकिन इस परीक्षा में कैसे कम- से- कम छात्र शामिल हो पाएं, सरकार इस कोशिश में लगी हुई है. छात्र संगठन आइसा के जुझारू और निरंतर संघर्ष के बाद सरकार ने बीकॉम के छात्रों को भी टीइटी परीक्षा में शामिल करने का फैसला किया, लेकिन सरकार का यह फैसला छात्रों को फुसलाने जैसा है. इस बार आयोजित हो रही शिक्षक पात्रता परीक्षा में सरकार ने प्रथम वर्ष के प्रशिक्षणरत छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं करने का निर्णय लिया है. हमारी बिहार सरकार से मांग है कि प्रथम वर्ष के प्रशिक्षणरत छात्रों को भी परीक्षा में शामिल करें. वहीं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के बीएड के अध्ययनरत छात्र अनिल कुमार, पप्पू कुमार, राकेश, मदन, आइसा नेता रंजन, संदीप, संजय, धीरेंद्र, संतन, अभिषेक, बीएड के अध्ययनरत छात्र अनिल कुमार, पप्पू कुमार, सुधीर सहित सैकड़ों छात्र शामिल थे.
पांच दर्जन आइसा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर : रेल रोको कार्यक्रम के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन पर शटल ट्रेन को रोके जाने को लेकर रेल पुलिस ने आइसा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है. आरपीएफ के द्वारा 50-60 अज्ञात आइसा कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वीडियो फुटेज के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की गयी है. आरपीएफ इंस्पेक्टर एसएन राम ने बताया कि आइसा कार्यकर्ताओं के खिलाफ रेल अधिनियम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वीडियो फुटेज के आधार पर चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी.
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