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Bhagalpur news राष्ट्रपति से सम्मानित अंगिका की कवयित्री मीरा झा का निधन

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को लेकर राष्ट्रपति से अवार्ड प्राप्त कर चुकी अंगिका की वरिष्ठ कवयित्री, जूडो की प्रशिक्षक मीरा झा (78 वर्ष) का निधन रविवार को पटना के एक निजी अस्पताल में हो गया

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को लेकर राष्ट्रपति से अवार्ड प्राप्त कर चुकी अंगिका की वरिष्ठ कवयित्री, जूडो की प्रशिक्षक मीरा झा (78 वर्ष) का निधन रविवार को पटना के एक निजी अस्पताल में हो गया. मीरा झा रूंगटा बालिका विद्यालय से प्रधानाध्यापिका के पद से सेवानिवृत होकर साहित्य सेवा में जीवनपर्यंत लगी रहीं. उनके निधन से अंगिका के कवि साहित्यकारों में शोक की लहर है. अपने पीछे दो पुत्र भारतेंदु झा और पुर्णेंदु झा एवं एक पुत्री रोमा झा को छोड़ गयीं.

लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए जुडो कराटे का दिया प्रशिक्षण

1995 में इन्हें शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया था. इसके अलावा अखिल भारतीय दलित साहित्य अकादमी से सावित्री बाई फूले पुरस्कार, अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच, अंगिका विकास परिषद, जाह्नवी अंगिका संस्कृति संस्थान पटना द्वारा भी सम्मान मिला है. उन्होंने जूडो कराटे में ब्लैक बेल्ट प्राप्त किया. बिहार शिक्षा परियोजना के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ‘सबला कराटे’ पाठ्यक्रम को स्कूलों में लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भागलपुर को दिलायी ख्याति

मीरा झा ने शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनायी. उन्होंने मलेशिया और थाईलैंड में प्रशिक्षण प्राप्त किया था. एशिया के सात देशों के सेमिनार में भाग लिया. ई एजुकेशन इंटरनेशनल द्वारा चैंपियन आफ वर्कशॉप की उपाधि प्राप्त करने वाली पहली भारतीय शिक्षिका थीं. इसके अलावा उन्होंने नयी तकनीकों के माध्यम से शिक्षा में सुधार के लिए कई अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाओं में भाग लिया. उन्होंने नारी के अधिकारों पर कई लेख, निबंध और कविताएं लिखीं. शिक्षा जगत के कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. शोक व्यक्त करने वालों में अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुसूदन झा, उपाध्यक्ष गीतकार राजकुमार, विद्यावाचस्वपति आमोद कुमार मिश्र, अंगिका संसद के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र, डॉ मनजीत सिंह किनवार, डॉ शोभा कुमारी, कुमार गौरव, पूर्णेंदु चौधरी आदि शामिल हैं. युवा कवि कुमार गौरव ने कहा कि मीरा झा का जीवन, उनके योगदान और उनके संघर्षों की प्रेरणा हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहेगी.

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