25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

Bhagalpur news ईश्वर से कोई न कोई संबंध अवश्य बनाना चाहिए : आगमानंद

दुर्गा संस्कृत उवि के शताब्दी वर्ष पर ठाकुरबाड़ी भ्रमरपुर के मैदान में आयोजित भागवत कथा के छठे दिन स्वामी आगमानंद महाराज का आगमन हुआ

Audio Book

ऑडियो सुनें

दुर्गा संस्कृत उच्च विद्यालय के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में ठाकुरबाड़ी भ्रमरपुर के मैदान में आयोजित भागवत कथा के छठे दिन स्वामी आगमानंद महाराज का आगमन हुआ. उनके आगमन से समूचा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया. भागवत कथा के मुख्य कथावाचक डाॅ राम कृपाल त्रिपाठी गुरुजी ने कथा के माध्यम से कर्म की महिमा का व्याख्यान किया. कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का उद्देश्य सुख प्राप्त करना होता है. परंतु सत्संग से बढ़कर कोई औषधि नहीं है. सत्पुरुषों के संग से ही आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है. स्वामी आगमानंद महाराज ने कथा के मर्म को समझाते हुए नाम जप और सत्संग की महिमा का बखान किया. कहा कि ईश्वर से कोई न कोई संबंध अवश्य बनाना चाहिए. अपने प्राणों को भगवान के पास धरोहर के रूप में रख दें, जैसे गोपियों ने भगवान कृष्ण के साथ किया था. डाॅ त्रिपाठी ने स्वामी आगमानंद महाराज को दिव्य और सिद्ध संत बताते हुए उनका नमन किया और कहा, यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमें उनके दर्शन का अवसर प्राप्त हुआ.

भजन संध्या में उमड़ा भक्तों का सैलाब

भजन सम्राट डाॅ हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी के संयोजन में भजन संध्या का आयोजन हुआ, जहां भक्तगण भावविभोर होकर कीर्तन में लीन हो गए. पूरा पंडाल हरे राम हरे कृष्ण के संकीर्तन से गुंजायमान हो उठा. भागवत कथा के इस शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आयोजन समिति ने बताया कि शताब्दी वर्ष पर यह आयोजन दिव्य और ऐतिहासिक बन चुका है, जो श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.

युवा माता-पिता की बातों को नहीं करें नजर अंदाज : कृष्णा प्रिया

शाहकुंड शहजादपुर गांव में राम कथा के पाचवें दिन कथा वाचिका कृष्णा प्रिया जी ने राम के वनवास पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राजा दशरथ ने राम का राज तिलक करने की घोषणा की, तो माता कैकई ने प्रभु श्रीराम के लिए 14 वर्ष का वनवास और भरत के लिए राज तिलक की मांग राजा दशरथ से की. राजा दशरथ इस मांग से व्याकुल हो गये और भगवान राम के वनवास के बाद प्राण को त्याग दिया. उन्होंने कहा कि इस कलयुग में युवा को माता-पिता की बातों को सुनना, तो दूर उन्हें ही वनवास भेज रहे हैं. उन्होंने युवाओं से माता-पिता की बातों को नजरअंदाज नहीं कर ग्रहण करने की अपील की. कृष्णा प्रिया जी ने कहा कि राम कथा का श्रवण मनुष्य को समय निकाल कर अवश्य करना चाहिए. राम कथा के श्रवण से सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel