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बिहार : नियम बदलने के बाद अटक रही जमीन की रजिस्ट्री, रोज लौट रहे लोग, निबंधन कार्यालय ने मांगा मार्गदर्शन

राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी कायम होगी, अब उनको ही उस संपत्ति की पुनः रजिस्ट्री कराने का अधिकार मिलेगा. इस नियम के लागू हो जाने से निबंधन कार्यालय स्तर पर कई तरह की परेशानी हो गयी है

भागलपुर. अब राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम पर जमाबंदी दर्ज होगी, उन्हें ही उस संपत्ति को दोबारा निबंधित कराने का अधिकार मिलेगा. इस नियम के लागू होने से निबंधन कार्यालय स्तर पर कई समस्याएं उत्पन्न हो गयी हैं. निबंधन का नया नियम रजिस्ट्री कराने आने वाले कुछ लोगों के पहले से तैयार दस्तावेजों पर बाधा बनने लगा है. इसी वजह से दो दिनों में करीब सात-आठ लोगों को बिना रजिस्ट्रेशन कराए लौटना पड़ा.

निबंधन कार्यालय ने मांगा मार्गदर्शन

नया नियम गत गुरुवार (22 फरवरी) से ही राज्य में लागू किया गया है. परेशानियों को लेकर जिला निबंधन कार्यालय ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा है. विभाग के उप निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने सभी डीएम व अवर निबंधकों को पत्र लिख कर इस फैसले से अवगत कराया है.

क्या कहा निबंधन विभाग ने

मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने कहा है कि यदि कोई दस्तावेज ऐसी संपत्ति की बिक्री या दान से संबंधित हो, जिसके विक्रेता या दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने का उल्लेख दस्तावेज में नहीं हो और विक्रेता-दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने संबंधी कोई साक्ष्य नहीं दिया गया हो, उनके रजिस्ट्री दस्तावेज अस्वीकृत हो जायेंगे. हालांकि फ्लैट-अपार्टमेंट से संबंधित अंतरण दस्तावेजों पर यह नियम लागू नहीं होगा.

विभाग द्वारा जारी नया नियम गुरुवार को ही लागू कर दिया गया है. इससे दस्तावेज में त्रुटियां सामने आने लगी है और कुछ लोगों की रजिस्ट्री रुक रही है. दो दिनों में सात-आठ लोग लौट गये हैं. परेशानियों को लेकर मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है.

डॉ पंकज कुमार बसाक, जिला अवर निबंधक, भागलपुर

निबंधन कार्यालय ने इन समस्याओं पर मांगा मार्गदर्शन

1. हाउसिंग बोर्ड से संबंधित फ्री होल्ड के दस्तावेजों में जमाबंदी का उल्लेख नहीं रहता है. इस परिस्थिति में निबंधन की प्रकिया कैसे पूर्ण की जा सकती है ?

2. एक ही जमाबंदी में चार व्यक्ति का नाम उल्लेखित रहता है, लेकिन निबंधन के लिए दस्तावेज एक ही व्यक्ति द्वारा निष्पादित किया जाता है. ऐसे दस्तावेज का निबंधन स्वीकार किया जा सकता है या नहीं ?

3. जमाबंदी में अगर व्यक्ति के पिता या पति के नाम में त्रुटि हो, तो वैसे दस्तावेजों का निबंधन किया जाना है या नहीं ?

4. अगर जमाबंदी में दो अलग-अलग खेसरा का सम्मिलित रकबा उल्लेखित हो और पक्षकार द्वारा किसी एक खेसरा से निबंधन के लिए दस्तावेज तैयार किया जाता है, तो निबंधन स्वीकार किया जा सकता है या नहीं ?

5. अगर जमाबंदी में रकवा 10 डिसमिल हो और विक्रेता द्वारा 15 डिसमिल जमीन बिकी की जाती है, तो निबंधन स्वीकार किया जा सकता है या नहीं ?

6. अगर जमाबंदी में सभी प्रविष्टि सही हो, लेकिन खाता, खेसरा व रकवा के कॉलम में शून्य अंकित हो, तो निबंधन स्वीकार किया जा सकता है या नहीं ?

7. पक्षकार द्वारा साक्ष्य के रूप में संलग्न की गयी जमाबंदी रसीद की जांच किस प्रकार से की जाये ?

8. अगर पक्षकार द्वारा समर्पित जमाबंदी में उल्लेखित नाम, आधार कार्ड में उल्लेखित नाम से भिन्न हो, तो निबंधन स्वीकार किया जा सकता है या नहीं ?

9. शहरी क्षेत्र (फ्लैट व अपार्टमेंट को छोड़ कर) के वैसे दस्तावेज, जिसमें पक्षकार द्वारा होल्डिंग रसीद उपलब्ध करायी जाती है. लेकिन जमाबंदी रसीद उपलब्ध नहीं करा पाते हैं, तो इस रसीद के आधार पर निबंधन किया जा सकता है या नहीं ?

10. विक्रय पत्र या दान पत्र से संबंधित सुधार पत्र दस्तावेजों में भी विक्रेता के नाम से ही जमाबंदी रसीद का होना आवश्यक है या नहीं ?

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