भागलपुर
सैंडिस कंपाउंड स्थित ओपन एयर थियेटर में गुरुवार को अंगिका महोत्सव का आयोजन किया गया. दूसरे दिन इस महोत्सव में कई प्रसिद्ध कवियों और अंगिका साहित्य के विशेषज्ञों ने भाग लिया. अंगिका भाषा व संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला गया. विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया. इनमें प्रतिभागियों ने अपनी काव्य रचनाओं और भाषणों के माध्यम से अंगिका भाषा की समृद्धि और संरक्षण का संदेश दिया. विजेताओं को मुख्य अतिथि डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह ने सम्मानित किया.
इन्हें किया गया सम्मानित
अंगिका कविता लेखन में पूर्णेंंदु कुमार चौधरी को प्रथम, आनंद को द्वितीय व चक्रधर को तृतीय पुरस्कार मिला. किस्सागोई के लिए संजय दिरवारी को प्रथम, सूरज कुमार भगत को द्वितीय व अर्पिता चौधरी को तृतीय पुरस्कार मिला. कहानी लेखन के लिए चंद्रलोक भारती को प्रथम व सार्थक सिंह चिराग को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसी प्रकार प्रेमचंद पांडेय, सच्चिदानंद पाठक, विजेता मुद्गलपुरी, डॉ ब्रह्मदेव कुमार, विकास सिंह गुलटी, डॉ मंजीत सिंह किनवार, अनिरुद्ध प्रभास, नंद किशोर, डॉ मीरा झा, राज कुमार, संजय दिरवारी, अर्पित चौधरी, अजय कुमार राय, राजेश कुमार झा, नृत्यम अकेडमी, स्वेता भारती को कवि गोष्ठी, कविता गायन व लोक नृत्य के लिए सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका व निर्णायक मंडल के रूप में डॉ मंजीत सिंह किनवार, सच्चिदानंद साह, डॉ विजय कुमार मिश्रा व गीतकार राजकुमार को भी सम्मानित किया गया.
एकजुट होने का लिया गया संकल्प
कार्यक्रम में वक्ताओं ने अंगिका भाषा के प्रचार-प्रसार के महत्व को रेखांकित किया. इस भाषा की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. विभिन्न रचनाओं की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सभी ने अंगिका की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है