भागलपुर (संवाददाता) : प्रभात खबर की टीम बचपन बचाओ अभियान के तीसरे पड़ाव पर गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती शिशु मंदिर पहुंची. स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में तकरीबन 800 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. वक्ताओं ने कहा कि बचपन को किसी दबाव में नहीं जीना चाहिए, बल्कि जिसमें मन खुश हो, वही करो.
मुख्य अतिथि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष डॉ आरडी शर्मा ने कहा कि अभी बहते जाइये, बहुत धाराएं हैं. लक्ष्य बनाने का वक्त नहीं आया है. उन्होंने त्रिभुज के रूप में बताया कि स्कूल का प्रांगण, घर का आंगन और खेल का मैदान तीन अलग-अलग चीजें हैं, लेकिन बचपन से जुड़ी हुई हैं. स्कूल के प्रांगण में घर के आंगन से खेल मैदान तक नहीं पहुंच पाते हैं. इसके लिए घर के माहौल को स्कूल के माहौल को जोड़ना होगा. तभी स्कूल के प्रांगण से लेकर घर के आंगन तक की दूरी को पाटा जा सकता है. बच्चों को क्या पढ़ें, कैसे पढ़ें, क्यों पढ़ें, पढ़ाई का अर्थ क्या है और कितनी देर पढ़ें चारों प्रश्नों के संबंध को स्थापित करना होगा. पढ़ाई के साथ-साथ सामूहिक खेल की जरूरत है, ताकि बच्चों के मानसिक व शारीरिक का विकास हो सके.
वरिष्ठ पत्रकार जीवेश रंजन सिंह ने मां की रोटी बनाने के मैनेजमेंट से प्रेरणा लेने की अपील की और कहा कि रोटी की तरह खुद को सेंको. पढ़ाई के हरेक विषय को सीखो. सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य रामजी प्रसाद सिन्हा, प्रधानाध्यापक अजीत कुमार ने भी बच्चों को सफलता के गुर बताये.