योगापट्टी. प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत बुधवार को गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क शिविर का आयोजन किया गया. इसमें दो महिला डाक्टर को लगया गया था. जिसमें हो रही बारिश में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की जांच का भीड़ उमड़ पड़ी. डाॅ प्रियाक्षी कुमारी ने बताया कि हो रही बारिश में पचास महिलाओं का स्वास्थ्य जांच शिविर में पहुंची है. जिसका गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कराकर उनकी स्वच्छता जांच की गई. वही दूसरी डाॅ स्वीटी कुमारी ने बताया कि पानी की कमी शरीर में खनिज, शर्करा और नमक के संतुलन को बिगाड़ सकती है. इसलिए सुनिश्चित करें कि तरल पदार्थ का सेवन करें. अपने आहार में नियमित रूप से नारियल पानी और जूस को शामिल करें. वहीं उन्होंने बताया कि स्वस्थ और रोग से मुक्त रहने के लिए स्वच्छता के प्रति अधिक जागरुक होने की जरूरत है. जब बात व्यक्तिगत स्वच्छता की होती है तो कई लोग गलतियां कर रहे होते हैं और इसके बारे में उन्हें पता भी नहीं होता है. भले ही चारों ओर सामान्य साफ-सफाई बनाए रखे हुए हों लेकिन मानसून संक्रमण और बीमारियों को लेकर आता ही है. स्वच्छता के किसी भी पहलू को अनदेखा करना कीटाणुओं को शरीर तक पहुंचने का एक रास्ता दे देता है. जिससे बच्चे पर भी असर पड़ सकता है. यदि संक्रमण से बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर शिशु पर इसके प्रभाव के कारण एंटीबायोटिक्स नहीं दे सकता है और प्राकृतिक उपाय का सहारा लेना पड़ेगा जो कि काफी समय ले सकता है. बारिश हो या कोई भी मौसम, गर्भवती महिलाओं को आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए. सूती कपड़े सबसे अच्छे होते हैं. सिंथेटिक कपड़ों से बचें. क्योंकि वे पसीने को अवशोषित नहीं करते हैं और त्वचा पर चकत्ते पैदा करते हैं. यदि घर से बाहर टहलना पसंद करते हैं या अब भी गर्भावस्था के शुरुआती चरण में हैं, तो मानसून में फिसलन वाली सतहों पर अपना संतुलन बनाए रखने के लिए ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत होती है. यहां तक कि जिन सड़कों से अच्छी तरह वाकिफ हैं वो भी बारिश के मौसम में जोखिम भरी हो सकती हैं. गलती से भी पैर फिसलना गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है.
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