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कझिया गांव पर कटाव का खतरा

परेशानी. सैकड़ों ग्रामीणों ने कहा, अगर बरसात पूर्व नहीं बना तटबंध, तो पिछली बरसात में कंझिया गांव के पास चांदन नदी में आयी उफान से पहले ही करीब 30 फीट का कटाव हो चुका है. यह कटाव ठीक कंझिया गांव के मुहाने पर चांदन नदी के पश्चिमी तट पर हुआ. इस स्थल पर नदी की […]

परेशानी. सैकड़ों ग्रामीणों ने कहा, अगर बरसात पूर्व नहीं बना तटबंध, तो

पिछली बरसात में कंझिया गांव के पास चांदन नदी में आयी उफान से पहले ही करीब 30 फीट का कटाव हो चुका है. यह कटाव ठीक कंझिया गांव के मुहाने पर चांदन नदी के पश्चिमी तट पर हुआ. इस स्थल पर नदी की धार का बहाव तीव्र होने की वजह से 1995 से लगातार कटाव होता रहा है. मुहाने पर मौजूद वट एवं पीपल के करीब सौ वर्ष पुराने दो पेड़ नदी का कटाव रोक कर कंझिया एवं पतवैय गांवों की हिफाजत कर रहे थे, लेकिन पिछली बरसात में हुए नदी के पश्चिमी तट के कटाव की वजह से ये दोनों ही पेड़ भी धराशायी हो गये.
बांका : यदि बरसात से पूर्व तटबंध नहीं बना तो अमरपुर प्रखंड के कंझिया और पतवैय गांवों पर कटाव का खतरा उत्पन्न हो सकता है. पिछली बरसात में कंझिया गांव के पास चांदन नदी में आयी उफान से पहले ही करीब 30 फीट का कटाव हो चुका है. यह कटाव ठीक कंझिया गांव के मुहाने पर चांदन नदी के पश्चिमी तट पर हुआ. इस स्थल पर नदी की धार का बहाव तीव्र होने की वजह से 1995 से लगातार कटाव होता रहा है.
मुहाने पर मौजूद वट एवं पीपल के करीब सौ वर्ष पुराने दो पेड़ नदी का कटाव रोक कर कंझिया एवं पतवैय गांवों की हिफाजत कर रहे थे. लेकिन पिछली बरसात में हुए नदी के पश्चिमी तट के कटाव की वजह से ये दोनों ही पेड़ धराशायी हो गये. खास तौर से कंझिया गांव के ग्रामीण इस बात को लेकर आशंकित है कि यदि मुहाने पर तटबंध नहीं बना और कटाव की भरपाई नहीं हुई तो आगामी बरसात में उनके गांव को भारी खतरा उत्पन्न हो सकता है. कटाव की वजह से कई एकड़ जमीन वैसे भी नदी में मिल चुकी है.
ज्ञात हो कि चांदन नदी के पश्चिमी तट पर डुबौनी से जेठौर तक कई स्थानों पर तटबंध का निर्माण नहीं हुआ है. कंझिया के समीप नदी का तट इनमें से एक है. जिला मुख्यालय से राजपुर होकर जोगिया, डुबौनी होते हुए कंझिया एवं पतवैय होकर ज्येष्ठगौरनाथ धाम जाने का निकटतम दूरी का मार्ग है. यह कच्ची पथ है और डुबौनी से लेकर जेठौर तक यह पथ पूरी तरह चांदन नदी के पश्चिमी तट पर समानांतर है. एक तो सड़क नहीं बनने से इस क्षेत्र के ग्रामीण बरसात के दिनों में जिले के अन्य हिस्सों से पूरी तरह कट जाते हैं.
ऊपर से नदी के कटाव ने कंझिया गांव के तो अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न कर दिया है. कमोवेश यही हाल पतवैय गांव का भी है. क्षेत्र के ग्रामीणों ने तटबंध रहित हिस्से में चांदन नदी के पश्चिमी तट पर अविलंब तटबंध निर्माण की मांग सिंचाई विभाग एवं राज्य सरकार से की है.
अगलगी में चार दुकानें जली
बांका. शिवाजी चौंक स्थित अहमद नगर से लगे दुकानों में बीती रात आग लग जाने की वजह से छह खस्सी सहित तीन फूस के दुकान व 1 गुमटी जल कर राख हो गये. जानकारी के अनुसार रविवार की देर रात शिवाजी चौंक स्थित शब्बीर मीट शॉप के बगल स्थित गोदाम में किसी असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा दिया गया. जिससे गोदाम में बंधे 6 खस्सी, जल कर मर गये. इस हादसे में करीब 50 हजार की क्षति का अनुमान है. दुकानदार के अनुसार रात करीब 11.45 बजे तक उनके द्वारा खस्सी को चारा पानी देकर व अपने घर निकल गये.
12.30 बजे के करीब स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें सूचना दी गयी कि उनके दुकान में आग लग गयी है. आग की सूचना मिलते ही वोअपने घर से दुकान पहुंचा एवं फायर ब्रिगेड को सूचित किया. तत्काल फायर ब्रिगेड की वाहन पहुंची और आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक दुकान व खस्सी जल चुका था. इस अगलगी में विदेशी चौधरी एवं कन्हैया का दुकान भी जल गया. गुमटी में रखे करीब पांच हजार का पान पुड़िया व अन्य सामग्री भी जल गया.

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