औरंगाबाद कार्यालय. समाहरणालय स्थित योजना भवन के सभाकक्ष में शनिवार को डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में आइसीडीएस, वन स्टॉप सेंटर, महिला विकास निगम की समीक्षा हुई. आइसीडीएस की सभी योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा हुई. सर्वप्रथम जिलाधिकारी द्वारा वन स्टॉप सेन्टर-सह-महिला हेल्पलाइन सेंटर की समीक्षा की. इस क्रम में पाया कि जिले में विगत वर्ष में घरेलू हिंसा के दर्ज कुल वाद-127 मामले में 76 का निबटारा किया गया. जिलाधिकारी ने घरेलू हिंसा वाद मामले में कम निबटारा होने पर खेद प्रकट करते हुए संबंधित पदाधिकारी को यथाशीघ्र निबटारा करने का निर्देश दिया. क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों की जीणोद्धार की स्थिति, प्रस्तावित नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की स्थिति, आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल व शौचालय की उपलब्धता की स्थिति, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोषण अभियान, न्यायालयवाद की गहन समीक्षा के उपरांत निर्देश दिया गया कि आइसीडीएस द्वारा चलायी जा रही सभी योजनाओं के क्रियान्वयन एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं गृह भ्रमण (होम विजिट) के माध्यम से 100 प्रतिशत सुनिश्चित करें व योजनाओं का लाभ लाभुकों तक अनिवार्य रूप से पहुंचे, इसकी पूर्ण जिम्मेवारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं संबंधित सेविका की होगी. इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी द्वारा सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि विभागीय सभी कार्यों को ससमय निबटारा करना सुनिश्चित करें. सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिका को निदेश दिया गया कि अति गंभीर कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर जिला स्थित पोषण पुर्नवास केंद्र, औरंगाबाद भेजना सुनिश्चित करें. उक्त बैठक में डीपीओ आइसीडीएस विनीता कुमारी, सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका उपस्थित थे.
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