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नहीं है डंपिंग जोन, जहां-तहां फेंका जाता है कचरा

औरंगाबाद (सदर) : इन दिनों शहर की साफ-सफाई से कुछ लोग प्रभावित हैं, तो कुछ लोग नाराज भी. नगर पर्षद द्वारा डोर टू डोर कूड़े का कलेक्शन किया जा रहा. इसे एक अच्छी पहल मानी जा रही है. लेकिन, कुछ लोगों के लिए यह व्यवस्था परेशानी बनी हुई है. दरअसल आवासीय क्षेत्र व बाजार से […]

औरंगाबाद (सदर) : इन दिनों शहर की साफ-सफाई से कुछ लोग प्रभावित हैं, तो कुछ लोग नाराज भी. नगर पर्षद द्वारा डोर टू डोर कूड़े का कलेक्शन किया जा रहा. इसे एक अच्छी पहल मानी जा रही है. लेकिन, कुछ लोगों के लिए यह व्यवस्था परेशानी बनी हुई है. दरअसल आवासीय क्षेत्र व बाजार से उठने वाले कचरों को फिर से आवासीय क्षेत्र में ही फेंक दिया जा रहा. इससे यह एक गंभीर समस्या बन गयी है.
शहर के विराटपुर मुहल्ला स्थित राजर्षी विद्या मंदिर के सामने नदी घाट पर शहर का पूरा कचरा फेंक दिया जा रहा है. कल तक जो नदी साफ-सफाई व स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध थी, आज वह पूरी तरह गंदगी से प्रभावित हो चुकी है. नदी के दोनों किनारे रहनेवाले लोगों के लिए कचरा परेशानी खड़ी कर रहा है. आवासीय क्षेत्र में कचरा डंप किये जाने से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है.
छठ पूजा के दौरान होगी और परेशानी
स्थानीय लोग बताते है कि वार्ड नंबर 22 के पार्षद द्वारा यहां छठ घाट का निर्माण कराया गया था. हाल ही में सड़क भी बनी, लेकिन कचरे को घाट के नजदीक डंप किये जाने से इसका अस्तित्व प्रभावित होने लगा है. लाखों रुपये खर्च कर बनायी गयी सड़क व छठ घाट कूड़ों से पटा है.
साफ-सफाई पर लाखों खर्च, पर नहीं है डंपिंग जोन
जानकारी के अनुसार शहर की सफाई के लिए पहले जहां पांच लाख रुपये खर्च किये जाते थे, वहीं अब 13 लाख रुपये महीने के हिसाब से खर्च किये जा रहे हैं. पहले नगर पर्षद में सिर्फ एक एजेंसी सफाई के लिए थी, पर अब दो-दो एजेंसियां शहर की सफाई व्यवस्था में लगी हैं. नगर पर्षद के पास करीब 130 सफाई कर्मी हैं, जो डोर टू डोर कचरा उठाने के काम में लगे हैं.
नगर पर्षद के सफाई समिति सदस्य बताते हैं कि सूर्या कंस्ट्रक्शन व देवा कंस्ट्रक्शन दो एजेंसियां सफाई के लिए कार्य कर रही हैं. इन्हें दो ग्रुप में बांटा गया हैं, पर ग्रुप ए एजेंसी सफाई व्यवस्था में ठीक से कार्य नहीं कर रही . इसकी शिकायत नगर पर्षद को भी मिल रही है. सफाई के लिए नगर पर्षद द्वारा इतनी सारी व्यवस्था होने के बावजूद कुछ आवासीय क्षेत्र सिर्फ डंपिंग जोन के अभाव में प्रभावित हो रहे हैं.
लगेगी रोक
वार्ड नंबर 22 के पार्षद सह सफाई समिति सदस्य राज किरण उर्फ सिंटू तिवारी ने बताया कि पहले जब नदी घाट के आवासीय क्षेत्र में कचरा डंप किया जा रहा था तो उस पर प्रतिबंध लगाया गया था.
अगर फिर से सफाई एजेसियां इस तरह की हरकत कर रही हैं, तो इस पर प्रतिबंध लगाया जायेगा. गांधी मैदान के पास एक डंपिंग जोन था, जो अब भर चुका है. इसके अलावा नावाडीह स्थित ईदगाह पर भी अब जगह नहीं बची है, जहां कचरे को डंप किया जाये. हो सकता है इस कारण नदी घाट के आवासीय क्षेत्र में कचरों को फेंका जा रहा है. हालांकि इस पर रोक लगायी जायेगी.
एजेंसियों को दी जायेगी हिदायत
कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार कहते हैं कि नगर पर्षद के पास डंपिंग जोन का अभाव है. सरकारी स्तर पर जमीन की तलाश की जा रही है, जहां कचरे को डंप किया जा सके. अगर आवासीय क्षेत्र में कचरों को डंप किया जा रहा है, तो इस पर प्रतिबंध लगाया जायेगा. पहले इस तरह की सूचना विभाग को नहीं मिली थी. एजेंसियों को हिदायत दी जायेगी.

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