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बैंक में पड़े हैं पांच करोड़

कुव्यवस्स्था : जिले में नहीं बांटी गयी मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद जिले में शिक्षा विभाग की तरफ से दसवीं की परीक्षा में प्रथम स्थान पानेवाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि के तहत दिये जानेवाले 10 हजार रुपये नहीं दिये जा सके हैं. इस योजना के करीब पांच करोड़ रुपये बैंक के खाते […]

कुव्यवस्स्था : जिले में नहीं बांटी गयी मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि
औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद जिले में शिक्षा विभाग की तरफ से दसवीं की परीक्षा में प्रथम स्थान पानेवाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि के तहत दिये जानेवाले 10 हजार रुपये नहीं दिये जा सके हैं. इस योजना के करीब पांच करोड़ रुपये बैंक के खाते मे पड़े हैं.
मध्य बिहार ग्रामीण बैंक, औरंगाबाद के प्रबंधक द्वारा शिक्षा विभाग को भेजे गये स्टेटमेंट के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा औरंगाबाद में मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि का वितरण करने
लिए पांच करोड़ 24 लाख 25 हजार 535 रुपये जिला प्रशासन को दिये थे.इन रुपयों को इस साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रथम स्थान लाये छात्र-छात्राओं के बीच बांटा जाना था. रुपये वितरण करने के लिए 25 से 30 अगस्त तक की तिथि सरकार द्वारा निर्धारित की गयी थी. लेकिन, इस अवधि में मात्र 27 लाख 96 हजार 300 रुपये ही बांटे गये. चार करोड़ 96 लाख 29 हजार 235 रुपये बैंक में ही छोड़ दिये गये.
डीइओ से मांगा गया है स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि का वितरण नहीं किया जाना सरकार के आदेश को अनदेखी करना माना जा रहा है. सरकार ने इसे गंभीरता से ली है और शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव के निर्देश पर निदेशक सह अपर सचिव राजेंद्र राम ने दिनांक 14.10.2015 को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ), औरंगाबाद को पत्र लिख कर उनसे स्पष्टीकरण पूछा है. इस संबंध में पूछने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लग जाने के कारण मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि नहीं बांटी जा सकी.
यह पूछने पर कि चुनाव आदर्श आचार संहिता तो गत 9 सितंबर को लगा था.आपको यह राशि 25 से 30 अगस्त के बीच ही लाभुक बच्चों में बांट देनी था, तो डीइओ स्पष्ट उतर नहीं दे सके. सिर्फ इतना कहा कि इसमें पुरुषोत्तम कश्यप नामक लिपिक दोषी है, जिस पर दो-तीन दिन के अंदर एफआइआर दर्ज किया जायेगा. लेकिन, जब उन्हें कहा गया कि पैसा तो आपने बैंक में रखा है, ऐसे में तो आप भी दोषी हैं.
इस पर उन्होंने कुछ भी जवाब नहीं दिया, बल्कि इतना यह कहा कि चेक काट कर रखा हुआ है. ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिर डीइओ ने चेक काट कर क्यों रखा है. चेक रखने के पीछे उनका क्या उदेश्य है.

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