आरा. संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर सोमवार को भाकपा-माले, आरा नगर कमेटी द्वारा हरदास प्रसाद जैन धर्मशाला, जेल रोड में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी का विषय था संविधान, लोकतंत्र, धार्मिक आजादी और वर्तमान राजनीतिक चुनौतियां. कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई. गोष्ठी के मुख्य वक्ता भाकपा-माले के केंद्रीय कमेटी सदस्य और जिला सचिव जवाहरलाल सिंह ने कहा कि आज संविधान और लोकतंत्र पर फासीवादी ताकतों द्वारा गहरे हमले हो रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर अमेरिका के समक्ष देश की संप्रभुता गिरवी रखने और राष्ट्रवाद के नाम पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने बाबा साहेब की उस ऐतिहासिक चेतावनी को याद दिलाया जिसमें उन्होंने हिंदू राष्ट्र को देश के लिए भयानक विपत्ति बताया था. पूर्व विधायक और भाकपा-माले केंद्रीय समिति सदस्य मनोज मंजिल ने बाबा साहेब और कम्युनिस्ट आंदोलन की साझा विरासत को आगे बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित मूल्यों न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है. विचार गोष्ठी का संचालन नगर सचिव सुधीर सिंह ने किया. इस मौके पर राज्य कमेटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी, प्रो. दुधनाथ चौधरी, आइसा के राज्य सचिव शब्बीर कुमार, ऐपवा नगर सचिव संगीता सिंह, बैंक कर्मी मदन प्रसाद, रामजश वकील, हरिनाथ राम, सुरेश पासवान, संतविलास राम, जयशंकर प्रसाद समेत कई बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता उपस्थित थे. सभी वक्ताओं ने संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के संघर्ष को और तेज करने का संकल्प दोहराया.
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