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आफत बना आधार, आधार बनाने के लिए घंटों लग रही कतार, जिम्मेदार इन सबसे अंजान

Bihar : आधार कार्ड इन दिनों सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक बन गया है. आधार संख्या एक अद्वितीय 12 अंकों की पहचान संख्या है, जो पहचान के प्रमाण के रूप में कार्य करती है.

लोगों को अपने जरूरी कामकाज को लेकर जहां एक ओर आधार कार्ड जैसे कागजात अति आवश्यक कर दिये गये हैं, वहीं इसे बनवाने में भारी जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में बीते कुछ महीनों से आधार कार्ड बनवाने और उसमें संशोधित करवाने वालों की संख्या काफी बढ़ गयी है. जिलेभर से लोग यहां आकर आधार बनवा रहे हैं. खाना-पीना छोड़कर सुबह से ही लाइन में लग जा रहे हैं, पर जिम्मेदार इन सबसे अंजान बने हुए हैं.

आधार कार्ड इन दिनों सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक बन गया है. आधार संख्या एक अद्वितीय 12 अंकों की पहचान संख्या है, जो पहचान के प्रमाण के रूप में कार्य करती है. इसका उपयोग देश में कहीं भी किया जा सकता है. इसकी प्रामाणिकता के कारण, आधार कार्ड का उपयोग पते के प्रमाण के रूप में भी किया जा सकता है. आधार में कार्ड धारक के डेमोग्राफिक के साथ-साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी शामिल होती है. सरकार ने बैंक खाते, मोबाइल नंबर, पेंशन स्कीम, स्कूली छात्र-छात्रों, एलपीजी सब्सिडी, पैन कार्ड, डिजीलॉकर, म्यूचुअल फंड, जन धन योजना, जीएसटी रजिस्ट्रेशन आदि सहित अन्य तरह के लाभ और सेवाओं को सुरक्षित करने के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है.

लखीसराय, जमुई से भी पटना आ रहे लोग

इनदिनों नये आधार कार्ड और आधार कार्ड में संशोधन को लेकर लोग काफी परेशान है. इस परेशानी में बच्चे भी शामिल है. आधार सेंटर बंद होने के कारण दूसरे जिले के लोग नये आधार कार्ड और आधार से संबंधित संशोधन के लिए पटना आने के मजबूर हैं. हालात यह है कि पटना जीपीओ में लखीसराय, जमुई,सिवान, छपरा, गोपालगंज, मोकामा, कोइलवर, औरंगाबाद आदि से सैकड़ों लोग पटना पहुंच रहे है.

पटना में बनाये गये हैं 95 आधार सेंटर

सार्वजनिक और प्राइवेट बैंकों, डाकघरों, बीएसएनएल और राज्य सरकारों द्वारा सूबे में लगभग 3272 और पटना में 95 आधार सेंटर है, जिसमें से 70 फीसदी आधार सेंटर बंद है. राजधानी पटना और आसपास के इलाके के 41 डाकघरों में आधार सेंटर है, लेकिन इनमें से केवल 19 ही एक्टिव है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइइ) का अपना दो आधार सेंटर है. लेकिन सबसे अधिक लोग पटना जीपीओ पहुंचे हैं. अधिकारियों ने बताया कि यह हर दिन पांच सौ से अधिक लोग यहां पहुंचे है और टोकन लेने के लिए सुबह छह बजे ही लोग पहुंच जाते है.

580 डाकघरों में है आधार सेंटर

डाक विभाग (बिहार सर्किल) के 25 डिवीजन के 580 डाकघरों में आधार सेंटर हैं, लेकिन केवल 215 सेंटर ही संचालित हैं. शेष 365 आधार सेंटर विभिन्न कारणों से पिछले कई माह से बंद पड़े हैं. इसके कारण हर दिन हजारों लोगों को आधार सेंटर से निराश होकर लौटना पड़ रहा है.

तकनीकी कारणों से बंद है अधिकतर सेंटर

डाक विभाग के अनुसार कई आधार सेंटर तकनीकी कारणों से बंद हैं. इसमें यूजर आइडी नंबर को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइइ) की ओर से बंद कर दिया गया है. नये रजिस्ट्रेशन में वक्त लग रहा है. बड़ी संख्या में सिस्टम डी रजिस्ट्रर्ड नहीं हो पा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि आधार सेंटर पर काम करने के लिए कर्मचारियों को परीक्षा देना होता है.

नया कार्ड बनवाने के लिए नहीं लगता कोई शुल्क

आधार सेवा केंद्रों पर नए आधार कार्ड बनवाने के लिए किसी तरह की कोई फीस नहीं लगती है, ये पूरी तरह से फ्री सेवा है. इसके अलावा अपने पुराने आधार में किसी तरह के डेमोग्राफिक अपडेट के लिए 50 रुपये की फीस लगती है. अगर आप अपने आधार में किसी तरह का कोई बायोमेट्रिक अपडेट कराना चाहते हैं तो आपको 100 रुपये की फीस देनी होगी. डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक दोनों अपडेट के लिए भी 100 रुपये की ही फीस लगती है. इन शुल्कों में सभी लागू कर शामिल हैं.

मुख्य सेंटर शिफ्ट हुआ एसपी वर्मा रोड में

न्यू डाकबंगला रोड स्थित साईं सेंटर का आधार केंद्र बंद हो गया है. जिसे वर्तमान में एसपी वर्मा रोड स्थित पी झा कॉम्प्लेक्स (शाही लेन) में शिफ्ट कर दिया गया है. इस केंद्र में बुधवार को आठ सिस्टम के साथ काम शुरू हो चुका है. यूआइडीएआइ के सूत्रों ने बताया कि यहां कुल 16 सिस्टम लगाने की योजना है, जिसे दो-तीन दिनों में पूरा कर लिया जायेगा.

यूआइडीएआइ नहीं कर रहा कोई पहल

यह सही बात है कि डाकघरों के आधे से अधिक आधार सेंटर पिछले कई माह से बंद हैं. कर्मचारियों की परीक्षा के लिए यूआइडीएआइ की ओर से स्लॉट नहीं दिया जा रहा है. जबकि यूआइडीएआइ पटना कार्यालय को कई बार पत्र लिखा गया है. इसके बावजूद कोई पहल नहीं की जा रही है. इसके कारण कई आधार सेंटर संचालित नहीं हो पा रहा है. – पवन कुमार, डाक निदेशक मुख्यालय, डाक विभाग (बिहार सर्किल)

स्कूली बच्चों के लिए भी आधार हुआ अनिवार्य

जिले के सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के बच्चों का आधार कार्ड को अब अनिवार्य कर दिया गया है. स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए आधार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है. सरकारी स्कूलों के कक्षा एक से 12वीं के सभी विद्यार्थियों का आधार स्कूल में रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य है. इसके साथ ही विद्यार्थियों की ‘अपार आइडी’ में आधार का डिटेल अपलोड किया जा रहा है.

2.98 लाख विद्यार्थी हुए रजिस्टर्ड

अब तक जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं के कुल 2 लाख 98 हजार विद्यार्थियों का आधार स्कूल से रजिस्टर्ड कर दिया गया है. जिले के 3 लाख 98 हजार विद्यार्थियों का आधार स्कूल से रजिस्टर्ड कराने के लिये जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से दो माह का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.

पिछले चार माह में जिले के 30 हजार 308 बच्चों का आधार कार्ड बनाया गया है. इसमें 5100 बच्चों का नया आधार कार्ड बना है और करीब 1900 बच्चों का आधार कार्ड अपडेशन किया गया है. आधार कार्ड बनाने के लिये जिले में 46 सेंटरों का चयन किया गया है. जिले के प्रत्येक प्रखंड में दो आधार सेंटर तैयार किया गया है. (संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना)

आधार अपडेट नहीं होने से नीट यूजी आवेदन में हो रही परेशानी

एनटीए ने कहा- फेस रिकोनाइजेशन सिस्टम लागू कर दिया गया है, केंद्र पर चेहरा का नहीं हुआ मिलान तो एग्जाम देने से रोका जायेगा

नीट यूजी आवेदन करने में स्टूडेंट्स परेशान हो रहे हैं. आधार अपडेट नहीं होने के कारण एनटीए की ओर से आधार अपडेट करने को कहा जा रहा है. आधार अपडेट नहीं होने आवेदन की प्रक्रिया भी धीमी है. अब तक राज्य से 25 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ही आवेदन कर पाये हैं, जबकि राज्य से लागातार एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स नीट यूजी में आवेदन कर रहे हैं. पिछले वर्ष 1.40 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने नीट यूजी के लिए आवेदन किया था. इस बार में आवेदन 1.50 लाख से अधिक होने की उम्मीद है. लेकिन आधार अपडेट होने में आठ से 10 दिनों का समय लग रहा है. इस कारण आवेदन की प्रक्रिया धीमी है.

फेस रिकोनाइजेशन सिस्टम हो चुका है लागू  

गोल इंस्टीट्यूट के आनंद वत्स ने कहा कि आधार अपडेट करा कर आवेदन करना सही रहेगा. अगर केंद्र पर चेहरा नहीं मिलेगा तो परीक्षा देने से रोक दिया जायेगा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस बार नीट यूजी में फेस रिकोनाइजेशन सिस्टम लागू कर दिया है. एनटीए फर्जीवाड़ा रोकने और डमी कैंडिडेट्स को एग्जाम में शामिल होने से रोकने के लिए यह उपाय किया है. यह चेहरे की पहचान संबंधी तकनीक बायोमेट्रिक निगरानी का नवीनतम संस्करण है, जिसके तहत व्यक्तियों की पहचान करने के लिए शारीरिक विशेषताओं का इस्तेमाल किया जाता है. इसी कारण एनटीए आधार को अपडेट करने को कहा है. एनटीए ने नीट यूजी के परीक्षार्थियों से आधार अपडेट कराने का आग्रह किया है.

आधार केंद्र पर परीक्षार्थियों की भीड़

आधार अपडेट को लेकर आधार केंद्रों पर युवाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. यहां युवा अपना आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए पहुंच रहे हैं. यहां आने वाले स्टूडेंट्स में वे लोग शामिल हैं, जो मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली नीट यूजी के लिए आवेदन करना चाह रहे हैं.

नीट यूजी के लिए सात मार्च अंतिम तिथि

नीट यूजी के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है. अंतिम तिथि सात मार्च है. कई परीक्षार्थियों को नीट के लिए रजिस्ट्रेशन करने में परेशानी आ रही है. पुराने आधार पर आवेदन नहीं हो पा रहा है. कई स्टूडेंट्स के पास ओटीपी नहीं आ रहा है. एनटीए ने कहा था कि अगर किसी नीट अभ्यर्थी को रजिस्ट्रेशन में आधार ऑथेंटिकेशन से जुड़ी कुछ समस्याएं वो अपना आधार अपडेट करा लें. इसके बाद आधार को री-वेरीफाई करें. उम्मीदवार नीट रजिस्ट्रेशन में केवल अपने ही आधार का उपयोग करें. नीट यूजी प्रक्रिया में परीक्षा केंद्र में प्रवेश व मेडिकल कॉलेज में एडमिशन सहित विभिन्न चरणों में इसका इस्तेमाल होगा. आवेदन के समय स्टूडेंट्स को अपना मोबाइल नंबर व ईमेल आइडी भरना होगा. मोबाइल का सही व हमेशा एक्टिव होना जरूरी है. इन्हीं पर ओटीपी आयेगा. इसी मोबाइल नंबर के जरिये काउंसेलिंग की प्रक्रिया भी चलेगी.

पटना से सुबोध कुमार नंदन की रिपोर्ट

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