नोटबंदी के बाद ब्लैकमनी को छिपाने के लिए बेनामी खातों का उपयोग करने के लिए अपनाये गये हथकंडे के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए सीबीआइ ने यह कार्रवाई की है. अब तक की जांच में कमीशन लेकर लोगों के ब्लैक मनी को व्हाइट करने की बात भी सामने आयी है. कितने रुपये किन-किन लोगों के ब्लैक से व्हाइट किये गये हैं, इसकी जांच अभी चल रही है. परंतु यह समझा जा रहा है कि इसमें बड़े-बड़े लोगों के नाम सामने आ सकते हैं. सीबीआइ ने यह कार्रवाई आयकर विभाग की शिकायत के बाद की है. अनवर अहमद राजद के पूर्व एमएलसी थे और लालू प्रसाद के करीबी भी हैं. लालू की सरकार में इन्हें ‘कबाब मंत्री’ के नाम से भी जाना जाता था.
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लालू प्रसाद के करीबी पूर्व एमएलसी अनवर के यहां सीबीआइ की छापेमारी
पटना : सीबीआइ की विशेष टीम ने नोटबंदी के बाद बैंकिंग सेक्टर में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है. शनिवार की शाम को सीबीआइ ने पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के पटना स्थित अवामी सहकारिता बैंक की तीन शाखाओं के अलावा उनके ट्रस्ट अल-राबिया के अंतर्गत संचालित होने वाले स्कूल मदर इंटरनेशनल अकादमी […]
पटना : सीबीआइ की विशेष टीम ने नोटबंदी के बाद बैंकिंग सेक्टर में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है. शनिवार की शाम को सीबीआइ ने पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के पटना स्थित अवामी सहकारिता बैंक की तीन शाखाओं के अलावा उनके ट्रस्ट अल-राबिया के अंतर्गत संचालित होने वाले स्कूल मदर इंटरनेशनल अकादमी के कार्यालय पर एक साथ छापेमारी की. इस दौरान टीम ने तमाम कागजात और वहां दर्जनों लोगों से पूछताछ की. हालांकि किसी की गिरफ्तारी की फिलहाल सूचना नहीं है.
काले को सफेद करने के इस गोरखधंधे में इनके ट्रस्ट अल-राबिया और इसके अंतर्गत संचालित होने वाले स्कूल मदर इंटरनेशनल एकेडमी के बैंक खातों के भी शामिल होने की बात सामने आयी है. इस स्कूल के निदेशक पूर्व एमएलसी का बेटा है. गौरतलब है कि आयकर विभाग की टीम ने नोटबंदी की घोषणा 8 नवंबर, 2016 के बाद अनवर अहमद के अवामी बैंक और उनके ट्रस्ट के सभी ठिकानों पर छापेमारी करके 50 से ज्यादा बेनामी बैंक खातों में करीब एक करोड़ रुपये की हेराफेरी का बड़ा रैकेट पकड़ा था. ये सभी बैंक खाते उनके सहकारिता में बैंक में मजदूरों के नाम पर हैं. इनमें बिना खाता धारकों की जानकारी के 500 और हजार रुपये के पुराने नोटों को जमाकर हेराफेरी की गयी थी. आयकर विभाग ने इस सहकारिता बैंक और इसके अध्यक्ष समेत अन्य सभी आरोपित कर्मियों के खिलाफ पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के अंतर्गत कार्रवाई करने के लिए मामला सीबीआइ को ट्रांसफर किया था. हालांकि इस मामले में ब्लैक मनी से जुड़े मामले की जांच आयकर विभाग ही कर रहा है.
सीबीआइ ने अलग से दर्ज किया मामला
मनी लांड्रिंग के मामले में सीबीआइ ने अलग से एफआइआर दर्ज की है और इसके बाद सर्च की कार्रवाई की है. मामले की जांच अभी चल रही है. इसमें पुराने या अवैध नोटों को वैध बनाने के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने की आशंका जतायी जा रही है. सीबीआइ ने जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद, अरशद अहमद (अनवर के बेटे और फुलवारीशरीफ स्थित मदर इंटरनेशनल एकेडमी के निदेशक), कौशलेंद्र कुमार शर्मा (राजा बाजार स्थित आवामी बैंक के कार्यकारी शाखा प्रबंधक), प्रकाश कुमार सिन्हा (पटना सिटी के खाजेकलां थाना क्षेत्र में लाल टोली शाखा के मैनेजर), अभय कुमार (अशोक राजपथ में मुरादपुर स्थित बैंक की मुख्य शाखा के मैनेजर सह कैशियर) और दो अन्य सहयोगी फरहद अहमद एवं परवेज आलम शामिल हैं.
स्कूल कर्मियों की गवाही में कई बातें हुईं उजागर
स्कूल के कर्मचारियों की गवाही में कई अहम बातें उजागर हुई हैं. सीबीआइ को इन कर्मियों ने बताया कि बिना उनकी जानकारी के उनके आइडी और एड्रेस प्रूफ का उपयोग करके अपने ही बैंक में खाते खोल दिये गये और इनमें लाखों रुपये की हेरा-फेरी कर दी गयी है. इसकी जानकारी उन्हें छापेमारी के बाद हुई. ऐसे 41 बेनामी या फर्जी बैंक खाते सामने आये हैं. आम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का मामला भी इन पर दर्ज हुआ है. अनवर के बेटे अरशद अहमद ने इन खातों को संचालित करने का दवाब अपने कर्मियों को दिया था. स्कूल के इन फर्जी खातों के जरिये करीब 70 लाख रुपये का हेर-फेर करने की बात अब तक सामने आ चुकी है. जांच आगे बढ़ने पर ऐसे कई खातों के सामने आने की संभावना है.
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