पटना: दाऊद इब्राहिम पर बनी चर्चित फिल्म ‘डी डे’ को देख कर संत माइकल के नवमी के छात्र विपिन, सत्यम व उमर ने दाऊद को पकड़ने की योजना बनायी थी. इसके लिए पैसे की जरूरत थी. उन्होंने विधायक अनंत सिंह से मदद लेने की सोची.
वे बाढ़ व मोकामा पहुंच गये, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हुई. बाद में वे बंगाल के नलवाड़ी चले गये. क्योंकि, वे दाऊद को इसी रास्ते से पकड़ कर देश लाना चाहते थे. ‘डी डे’ में भी तीन पात्र थे, जो कराची में दाऊद के बेटे की शादी की जानकारी मिलने के बाद उसे पकड़ने के लिए गये थे. फिल्म में तीनों पात्र ने दाऊद को कई मुश्किलों के बाद पकड़ लिया और उसे प बंगाल के बॉर्डर पर लाकर गोली मार दी. ज्ञात हो कि शुक्रवार को तीनों बच्चे स्कूल जाने के लिए घर से निकले थे, पर वापस नहीं लौटने पर अभिभावकों ने लापता होने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
दो छात्र सुबह में लौटे घर : दाऊद को पकड़ने के लिए निकले छात्रों में विपिन रविवार को ही पटना जंकशन पर उतरने के बाद घर चला आया, लेकिन सत्यम व उमर पटना पहुंचने के बाद भी देर रात तक अपने घर नहीं पहुंचे थे. वे विधायक अनंत सिंह को खोज रहे थे,ताकि उनसे मदद मिल सके. सोमवार की सुबह दोनों छात्र खुद अपने घर लौट आये.
ऑपरेशन में और तीन दर्जन छात्र होते शामिल
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि छात्रों की योजना थी कि अगर पैसा उन्हें मिल जाता, तो इस कार्य में वे तीन दर्जन और छात्रों को शामिल करते. तीनों छात्रों के परिजनों की सूचना पर दीघा में गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया था. तीनों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है. एसएसपी ने बताया कि तीनों के लापता होने के बाद पुलिस को अपहरण की बात बतायी जा रही थी. उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों की हर गतिविधि पर नजर रखें.