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नीतीश का भाजपा पर कटाक्ष कहा,हमने ही दिये सीट और उम्मीदवार

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भाजपा पर कटाक्ष किया कि उसके पास आदमी की कमी है. यही कारण है कि पूर्व नौकरशाहों को भाजपा में शामिल कराया जा रहा है, ताकि उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जा सके. उन्होंने कहा कि जब भाजपा से हमारा गंठबंधन था, तब हमने भाजपा को सीटों के […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भाजपा पर कटाक्ष किया कि उसके पास आदमी की कमी है. यही कारण है कि पूर्व नौकरशाहों को भाजपा में शामिल कराया जा रहा है, ताकि उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जा सके. उन्होंने कहा कि जब भाजपा से हमारा गंठबंधन था, तब हमने भाजपा को सीटों के साथ-साथ कुछ प्रत्याशी भी दिये थे.

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पांचफरवरी को दिल्ली में आयोजित गैर एनडीए और गैर यूपीए दलों की बैठक में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि वाम दलों ने लोकसभा चुनाव से पहले इस एकता की पहल है. फिलहाल इस ब्लॉक में शामिल होने वाली पार्टियों की संख्या तय नहीं है, लेकिन इस बैठक में कर्नाटक से जद (सेकुलर), यूपी से सपा, ओड़िशा से बीजू जनता दल, झारखंड से झारखंड विकास मोरचा, असम से असम गण परिषद समेत कई वाम दलों के शामिल होने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि बिहार में जदयू का किसी भी अन्य पार्टी के साथ गंठबंधन की संभावना नहीं है. अगर संभावना है भी, तो वह केवल भाकपा के साथ. लोकसभा चुनाव को लेकर अभी हमारा ध्यान केवल बिहार पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी है. बिहार में गंठबंधन होना या न होना कोई मायने नहीं रखता. संसद ब्लॉक की बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य गैर कांग्रेस और गैर भाजपा दलों को छोड़ अन्य पार्टियों के बीच एकता बनाना है. लेकिन, इसमें अभी कई तरह के पेच हैं. जैसे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ वाम दलों के और उत्तर प्रदेश में सपा के साथ बसपा के संबंधों को लेकर संशय बरकरार है. इन्हें एक मंच पर लाना संभव नहीं दिख रहा है. यह प्रयास क्या आकार लेता है, यह समय के गर्भ में है.

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष वोटों के बंटने का कोई खतरा नहीं दिखता. यह तो मीडिया का खेल है और जनता मीडिया की खबरों पर अपना वोट नहीं देती. जब सेकुलर और लोकतांत्रिक वोट एकजुट होंगे, तब भाजपा और कांग्रेस की सफलता की संभावना भी खत्म हो जायेगी. अब जमाना बदल गया है और बिहार में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में जनता सरकार के अच्छे कार्यो क ो देख रही है. वह केंद्र में कांग्रेस सरकार के कामकाज और बिहार में हमारी सरकार के कामकाज को देख कर अपना वोट देगी. हम पूरे बिहार में घूम रहे हैं, न कि दिल्ली में बैठ कर स्थिति का आकलन कर रहे हैं.

कांग्रेस, राजद व लोजपा को मुंह की खानी पड़ेगी
2004 के लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को दोहराने के लिए बिहार में राजद-लोजपा के साथ कांग्रेस के गंठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हर चुनाव की एक अलग और अपनी कहानी होती है. ऐसे में कांग्रेस, राजद और लोजपा को यहां मुंह की खानी पड़ेगी. जनता सरकार के कामकाज पर वोट देगी. बिहार में एनडीए और कांग्रेस का कोई प्रभाव नहीं है और ऐसे में हमें ‘राइट आउट’ नहीं किया जा सकता. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर बिहार में कांग्रेस, राजद और लोजपा क ा गंठबंधन आइडिया का गंठबंधन है, तो जनता इस आइडिया के गंठबंधन को सार्वजनिक करना चाहेगी.

विशेष दर्जे पर भाजपा कन्फ्यूज्ड
मुख्यमंत्री ने विशेष दर्जे के मुद्दे पर बिना किसी का नाम लिये कहा कि कांग्रेस ने बिहार में अपने एक सहयोगी दल के कहने पर अंतिम क्षणों में इसे रोक दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा कन्फ्यूज्ड है. कभी वे विशेष राज्य के दज्रे की बात करते हैं, तो कभी विशेष पैकेज की. विशेष पैकेज के रूप में हमें दो लाख करोड़ रुपये चाहिए. लेकिन, कांग्रेस ने केवल 50 हजार करोड़ रुपये दिये हैं.

मोदी का पलटवार

वो हमें क्या देंगे.. हमने ही दिये जदयू को प्रत्याशी
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार की देर शाम कहा कि भाजपा ने जदयू को आधा दर्जन सीटें और उम्मीदवार दिये हैं. मोदी ने कहा, जब दोनों दलों में गंठबंधन था, तो भाजपा के कई सक्रिय कार्यकर्ताओं को जदयू से उम्मीदवार बनाया गया था. सहयोगी दलों के बीच सीटों और उम्मीदवारों की भी अदला-बदली होती रही है.

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव दो प्रधानमंत्री के उम्मीदवारों को लेकर हो रहा है. देश की जनता को तय करना है कि वह नरेंद्र मोदी की सरकार बनवाना चाहती है या फिर राहुल गांधी को. उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि वह बताएं कि इनमें से किसे वह चुनाव बाद अपना समर्थन देंगे या फिर वह आइके गुजराल और एचडी देवेगौड़ा सरकार जैसी कमजोर सरकार बनवाना चाहते हैं. मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयानों से ऐसा लगता है कि वह केंद्र में एक कमजोर सरकार चाहते हैं. जनता को यह तय करना है कि वह मजबूत सरकार चाहती है कि कमजोर सरकार.

Prabhat Khabar Digital Desk
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