दरभंगा : लनामिवि में आंदोलन कर रहे छात्र संघ के पदाधिकारी एवं अभाविप के कार्यकर्ताओं की पुलिस ने मंगलवार को जमकर पिटाई कर दी. छात्रों को खदेड़-खदेड़ कर पुलिस, दंगा नियंत्रक बल, विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड तथा कर्मचारियों ने पीटा. इस दौरान करीब आधे दर्जन छात्र चोटिल हो गये.
छात्रों ने विरोध में पुलिस पर रोडेबाजी भी की. इससे पूर्व परिषद कार्यकर्ता तथा एनएसयूआइ कार्यकर्ता आमने-सामने आ गये. नामांकन रद्द करते हुए छात्र संघ अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग को लेकर आइसा समेत अन्य वामपंथी छात्र संगठनों ने मंगलवार को विवि मुख्यालय बंद कराये जाने की घोषणा कर रखी थी.
वहीं नामांकन बरकरार रखे जाने की मांग को लेकर छात्र संघ व परिषद के कार्यकर्ताओं का भी धरना कार्यक्रम था. वहीं अध्यक्ष का नामांकन रद्द करने आदि की मांगों को लेकर एनएसयूआइ के कार्यकर्ता भी विवि मुख्यालय पहुंच गये थे. इसी बीच किसी बात को लेकर परिषद व एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गयी. इसमें कई छात्र चोटिल हो गये. विवि मुख्यालय पुलिस छावनी में देर शाम तक तब्दील रहा.
कुलपति ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलायी तथा राज्य सरकार व कुलाधिपति को विधि व्यवस्था की स्थिति को लेकर पत्र लिखने का निर्णय लिया गया. आंदोलनों को लेकर दिनभर विश्वविद्यालय में कामकाज ठप रहा. छात्र संघ अध्यक्ष को हटाने तथा पद पर बरकरार रखने की मांग को लेकर कई छात्र संगठनों द्वारा विवि मुख्यालय में प्रदर्शन की घोषणा की गयी थी. इसे लेकर विवि मुख्यालय में काफी संख्या में पुलिस बल के अलावा, दंगा नियंत्रण बल समेत दर्जनों निजी सुरक्षा गार्ड आदि पहले से तैयार थे.
छात्र संघ अध्यक्ष का नामांकन बरकरार रखे जाने की मांग को लेकर परिषद के दर्जनों कार्यकर्ता परिसर में पहुंचे. मुख्य भवन के पश्चिमी गेट पर सभी बैठ गये. इसी बीच छात्र संघ एवं अभाविप के आंदोलनकारियों ने एनएसयूआई की कार्यकर्ताओं के पिटाई कर दी. इसका विरोध करने पर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शंकर यादव की पिटाई कर दी गयी. हंगामा को देख पुलिस, दंगा नियंत्रण बल, विवि के सुरक्षा गार्ड व कर्मचारियों ने आंदोलनकारियों को खदेड़ कर पीटना शुरू कर दिया. छात्र चौरंगी व मोतीमहल की ओर भाग निकले.
केंद्रीय पुस्तकालय परिसर में जमा परिषद के कार्यकर्ताओं पर वहां से गुजर रहे वामपंथी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने पत्थर फेंक कर मारने का आरोप लगाया. घटना के कुछ समय के बाद परिषद व छात्र संघ के छात्र कुलपति का पुतला लेकर विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. बाद में धरना स्थल के निकट कुलपति का पुतला फूंक कर विरोध जताया गया.