मुंबई : भारतीय टीम के मुख्य कोच की दौड़ में रवि शास्त्री से पिछड़ने के बाद भारत के पूर्व आक्रामक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग मंगलवार को इससे जुड़े सवालों से बचते दिखे. सौरव गांगुली, सचिन तेंडुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति ने मुख्य कोच पद के लिए जिन उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था, […]
मुंबई : भारतीय टीम के मुख्य कोच की दौड़ में रवि शास्त्री से पिछड़ने के बाद भारत के पूर्व आक्रामक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग मंगलवार को इससे जुड़े सवालों से बचते दिखे. सौरव गांगुली, सचिन तेंडुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति ने मुख्य कोच पद के लिए जिन उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था, उनमें सहवाग भी शामिल थे.
अपने मन की बात बोलने के लिए पहचान बनानेवाले सहवाग से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें अलग बल्लेबाजी और गेंदबाजी कोच के बारे में बताया गया था, तो उन्होंने कहा, अगर आप ‘उम्मीद इंडिया ‘ (जिस शो का वह प्रचार कर रहे थे) के बारे में सवाल पूछोगे, तो मैं जवाब दूंगा. धन्यवाद. सहवाग ने इस दौरान ओलिंपिक और विश्व चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं की तैयारी में भारतीय खिलाड़ियों के सामने आनेवाली मुश्किलों पर भी बात की.
इन खिलाड़ियों की तुलना में जब उनके संघर्ष के बारे में पूछा गया, तो दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा : मेरा संघर्ष उनकी तुलना में कुछ भी नहीं है. मेरे लिए प्रत्येक कोने से क्रिकेट से जुड़ी सुविधाएं मौजूद थी, दिल्ली में हजारों अकादमियां हैं, जहां आपको सुविधाएं मिल सकती हैं. उनके सामने हम क्रिकेटरों को कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता.
इस शो के दौरान जिन कुछ खिलाड़ियों से बात की जायेगी, उनमें पहलवान साक्षी मलिक और रोवर दत्तू भोकानल शामिल हैं. सहवाग ने कहा कि वह दत्तू के संघर्ष से काफी प्रभावित हैं, जिन्हें एक समय तैराकी नहीं आती थी और वह पिछले साल रियो ओलिंपिक में 13वें स्थान पर रहे.