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Yogini Ekadashi 2025 व्रत में क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज, जानें पूरी सूची और नियम

Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी 2025 का व्रत धर्म और अनुशासन का प्रतीक है. इस दिन व्रती विशेष सात्विक आहार लेते हैं और कुछ चीजों से परहेज जरूरी होता है. सही भोजन से व्रत का पुण्य फल बढ़ता है। जानिए इस एकादशी पर क्या खाएं, क्या नहीं और पालन के मुख्य नियम.

Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है. इस वर्ष यह व्रत आज 21 जून 2025 को ये त्योहार मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में इसे अत्यंत पवित्र और फलदायी एकादशियों में से एक माना जाता है.

योगिनी एकादशी का धार्मिक महत्व

  • माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट होते हैं.
  • सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
  • भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
  • व्रत तभी फलदायी होता है जब इसे विधिपूर्वक, सात्विकता और नियमों के साथ किया जाए.

योगिनी एकादशी पर क्या खाएं? (सात्विक व्रत आहार)

एकादशी पर व्रती को केवल फलाहार और कुछ विशेष व्रत-समर्पित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए:

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  • फल
  • केला, सेब, अनार, अंगूर, पपीता, संतरा
  • शकरकंद, आलू, अरबी
  • डेयरी उत्पाद
  • दूध, दही, मट्ठा, पनीर, मावा
  • व्रत अनाज / आटा
  • कुट्टू का आटा, राजगिरा आटा, सिंघाड़ा आटा, साबूदाना
  • सूखे मेवे
  • बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, पिस्ता, मखाना
  • इनसे बनी पूड़ी, पराठा, खिचड़ी या हलवा जैसे व्रत व्यंजन स्वीकार्य हैं.

वर्जित वस्तुएं

  • चावल: मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से अगले जन्म में कीट-पतंग बनने का भय रहता है.
  • दालें और अनाज: गेहूं, मक्का, जौ, बाजरा, मूंग, चना, उड़द इत्यादि वर्जित हैं.
  • प्याज और लहसुन: ये तामसिक भोजन में आते हैं, व्रतधारी और अन्य लोगों को भी इस दिन इनसे परहेज करना चाहिए.

एकादशी व्रत पारण (व्रत तोड़ने) की सही विधि

  • व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है, लेकिन ‘हरि वासर’ के बाद ही.
  • पारण से पहले भगवान विष्णु को तुलसी पत्र सहित जल या फल अर्पित करें.
  • फिर सात्विक भोजन ग्रहण करें.

अन्य जरूरी धार्मिक नियम

  • तुलसी पत्र एक दिन पहले (दशमी) ही तोड़ें.
  • एकादशी को दान-दक्षिणा करना अत्यंत पुण्यदायी होता है—भोजन, वस्त्र, जरूरत की चीजें दान करें.
  • एक दिन पहले से प्याज-लहसुन और नकारात्मक विचारों का त्याग करें.
  • योगिनी एकादशी: सिर्फ उपवास नहीं, एक आध्यात्मिक साधना

यह व्रत सिर्फ खान-पान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मन और आत्मा की शुद्धि और जागरूकता का पर्व है. जो व्यक्ति श्रद्धा और नियमपूर्वक योगिनी एकादशी का व्रत करता है, उसे धार्मिक लाभ के साथ-साथ मानसिक ऊर्जा और शांति भी प्राप्त होती है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594 | 9545290847

Shaurya Punj
Shaurya Punj
A journalist with over 14 years of experience in print and digital media, specializing in the Religion and Astrology section. Additionally, involved in creating content on Palmistry, Zodiac Traits. Also worked for Entertainment, Life Style and Education Section.

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