Ganga Saptami 2025 Upay: पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन मां गंगा स्वर्ग से भगवान शिव की जटाओं में आई थीं, इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी और गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मां गंगा की पूजा की जाती है. गंगा सप्तमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं गंगा सप्तमी के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में.
गंगा सप्तमी पर विशेष उपाय
- गंगा स्नान का विशेष महत्व है, विशेषकर वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन, जब मनुष्य सभी दुखों से मुक्त हो जाता है.
- इस दिन पुण्य कार्य करने से सभी पाप समाप्त होते हैं.
- इस तिथि पर गंगा स्नान, तप और दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- इस दिन गंगा पूजन करने से मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्तियों को विशेष लाभ मिलता है. विधिपूर्वक किया गया गंगा का पूजन अमोघ फल देता है.
- कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का नाश होता है और अंततः मुक्ति प्राप्त होती है.
- गंगा सप्तमी के अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं.
- इस पर्व के अवसर पर गंगा मंदिरों के साथ-साथ अन्य मंदिरों में भी विशेष पूजा और अर्चना की जाती है.
- गंगा सप्तमी के दिन गंगा की पूजा और स्नान करने से रिद्धि-सिद्धि तथा यश-सम्मान की प्राप्ति होती है.
गंगा सप्तमी कब मनाई जाएगी ?
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वैदिक पंचांग के अनुसार, 3 मई को सुबह 5 बजकर 57 मिनट पर वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन 4 मई को सुबह 5 बजकर 22 मिनट तक जारी रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, गंगा सप्तमी का महापर्व 3 मई को मनाया जाएगा.