25.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

53 साल पुरानी साड़ी का सम्मान और संस्कृति से रिश्ता, पढ़ें क्यों भावुक हुआ पूरा परिवार

परंपरा, सम्मान जैसे शब्द अक्सर बड़े जटिल उदाहरणों से साथ समझाये जाते हैं, लेकिन बिहार के समस्तीपुर से भाजपा नेता रंजीत निर्गुणी की पत्नी ने परंपरा और सम्मान का एक सरल उदाहरण पेश किया है. पीढ़ियां दर पीढ़ियां बढ़ती चली जाती है और पीछे छूटता जाता है बहुत कुछ. एक वक्त आता है जब हम […]

परंपरा, सम्मान जैसे शब्द अक्सर बड़े जटिल उदाहरणों से साथ समझाये जाते हैं, लेकिन बिहार के समस्तीपुर से भाजपा नेता रंजीत निर्गुणी की पत्नी ने परंपरा और सम्मान का एक सरल उदाहरण पेश किया है. पीढ़ियां दर पीढ़ियां बढ़ती चली जाती है और पीछे छूटता जाता है बहुत कुछ. एक वक्त आता है जब हम और आप अक्सर टीवी धारावाहिक में देखते हैं , सास कैसे अपनी बहू को घर की चाबी का गुच्छा सौंपते हुए कहती है कि अब इस घर की जिम्मेदारी तुम संभालो. सास – बहू की ऐसी कई काल्पनिक कहानियों ने हमें प्रभावित किया है. रंजीत निर्गुणी की पत्नी ने सच में कल्पना के इतर कुछ ऐसा कर दिखाया कि आप के चेहरे पर भी मुस्कान आ जायेगी.

अपने फेसबुक पोस्ट पर रंजीत निर्गुणी ने पोस्ट करते हुए लिखा, आज जब मैंने पत्नी को एक पारंपरिक साड़ी में देखा, तो जानने की इच्छा हुई कि कहां से ख़रीदा है. मुझे विश्वास नहीं हुआ जब उसने बताया कि वह साड़ी मेरी माताजी ने उसे यह बताते हुए दिया कि वह साड़ी मेरी मां के विवाह की साड़ी (बिहौती साड़ी) थी . यह मेरे लिए अत्यंत भावुक विषय बन गया . मेरे माता-पिता 1964 में परिणय सूत्र में बंधे थे . यानी कि पिछले 53 वर्षों से मं ने उस साड़ी को सहेज कर रखा था. इस पर क्या कहूं !

इस भावुक क्षण को फेसबुक में शेयर करते हुए उन्होंने आगे लिखा है, भागदौड़ की संस्कृति में बहुत कुछ छूटता जा रहा है. जो बच सके बचा लेना चाहिए. ख़ासकर रिश्तों के धागों को और पारिवारिक मूल्यों को . उनकी इस अपील के पीछे कई संदेश हैं आप देखिये किस तरह कई रीति रिवाज धीरे- धीरे गुम हो रहे हैं. जन्म से लेकर दाह संस्कार तक अब किसके पास वक्त है लंबे रीति रिवाजों के लिए.
रंजीत निर्गुणी आगे लिखते हैं सभी फ़ेसबुक मित्रों को छठ पर्व की असीम शुभकामनाएं . ईश्वर आप सब के घर ख़ुशियां दे . रौना माय आपकी मनोकामना पूरी करें. अपने परिजनों के आंखों में झांक कर देखिए . भावनाओं की दुनिया को तरो ताज़ा कर लीजिए .दो चार दिन डूब जाइए भावनाओं की दुनिया में . ये दो चार दिन पूरे साल के लिए ऊर्जा भर दे आपके जीवन में ऐसी मेरी शुभकामना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें