By Digital Live News Desk | Updated Date: Apr 20 2017 10:49AM
नयी दिल्ली : आगामी एक मई से अधिकारियों के वाहनों पर लालबत्ती नहीं होगी. सरकार ने वीआईपी वाहनों की लालबत्ती संस्कृति समाप्त करने का फैसला किया. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों सहित किसी भी वीवीआईपी के वाहन पर एक मई से लालबत्ती नहीं होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी देते हुये कहा कि सरकार ने वीआईपी वाहनों से लाल बत्ती हटाने का फैसला किया है. एंबुलेंस और अग्निशमन जैसे आपात परिस्थितियों में काम आने वाले वाहनों में ही लाल बत्ती का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी. सरकार ने कहा है कि वीआईपी संस्कृति का प्रतीक बन चुकी लाल बत्ती का ‘‘लोकतांत्रिक देश में कोई स्थान नहीं है.''
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, ‘‘एक मई के बाद कोई भी अपने वाहन के उपर लाल बत्ती नहीं लगा सकेगा. देश में आपात परिस्थितियों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों में नीली बत्तियां लगाई जा सकेंगी. केंद्र और राज्य सरकारों को इस तरह की विशेष अनुमति (लाल बत्ती लगाने की) देने का कोई अधिकार नहीं होगा.'' उन्होंने कहा कि वाहन के उपर लाल बत्ती लगाने का मुद्दा काफी समय से चर्चा में रहा है. कुछ लोगों को सड़क पर विशेष अधिकार क्यों होने चाहिये इस पर बहस होती रही है. जेटली ने कहा यह मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में रहा है और ‘‘प्रधानमंत्री ने यह निर्णय लिया और मंत्रिमंडल को सूचित कर दिया.'' उन्होंने कहा कि इस फैसले को प्रभाव में लाने के लिये केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में जल्द ही संशोधन किया जायेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि जिस नियम के तहत केंद्र और राज्य सरकारों को विशिष्ट व्यक्तियों की कारों पर लाल बत्ती लगाने का अधिकार मिलता है उसे नियम पुस्तिका से हटा लिया जायेगा. ‘‘इसके बाद किसी के लिये भी कोई छूट नहीं होगी. वजह बिल्कुल साफ है कि इस तरह का नियम ही नियम पुस्तिका से समाप्त किया जा रहा है.'' सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी अपनी कार से लाल बत्ती हटाने वाले पहले केंद्रीय मंत्री बन गये हैं.
मंत्रिमंडल की बैठक के फौरन बाद उन्होंने अपनी कार से लाल बत्ती हटा ली. उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश में ‘‘स्वस्थ लोकतांत्रिक मूल्यों'' को मजबूती देने के लिये लिया गया है. गडकरी ने इस निर्णय के पीछे कारण बताते हुए कहा, ‘‘सरकार की राय है कि वाहनों पर लालबत्ती वीआईपी संस्कृति का प्रतीक है और इसका लोकतांत्रिक देशों में कोई स्थान नहीं है. इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है.''
एम्बुलेंस, अग्निशमन सेवा आदि जैसे आपात और राहत सेवा कार्यों से जुड़े वाहनों पर बत्ती की अनुमति होगी. नितिन गडकरी ने कहा कि कई राज्यों में विधायक धडल्ले से लालबत्ती का उपयोग करते हैं. कुछ तो सुविधा अनुसार लगाई जा सकने और हटा सकने वाली लालबत्ती लगाते हैं. मंत्रियों के वाहनों में सायरन का उपयोग वैध नहीं है क्योंकि इसका उपयोग केवल पायलट पुलिस वाहनों द्वारा ही किया जा सकता है.
गडकरी ने उम्मीद जतायी कि इससे नरेंद्र मोदी सरकार में आम लोगों का भरोसा और सम्मान बढ़ेगा. यह पूछे जाने पर कि उल्लंघन के मामलों में क्या दंडात्मक कार्रवाई होगी, उन्होंने कहा कि कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में विस्तृत अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी और इसके लिये मोटर वाहन कानून में संशोधन की कोई जरुरत नहीं है.