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Kisan Andolan : क्या इसबार बनेगी बात! सरकार और किसानों के बीच वार्ता आज, ट्रैक्टर रैली पर भी होगी सुनवाई

kisan andolan, Farmer Protest 2021: किसान आंदोलन का आज 56वां दिन है. कड़ाके की ठंड में किसान लगातार दिल्ली के अलग अलग बार्डर पर 56 दिनों से आंदोलन कर रहे है. इस बीच सरकार से 9 बार बातचीत हुई लेकिन एक बार भी इस समस्या का सार्थक हल नहीं निकला है.

kisan andolan, Farmer Protest 2021: किसान आंदोलन का आज 56वां दिन है. कड़ाके की ठंड में किसान लगातार दिल्ली के अलग अलग बार्डर पर 56 दिनों से आंदोलन कर रहे है. इस बीच सरकार से 9 बार बातचीत हुई लेकिन एक बार भी इस समस्या का सार्थक हल नहीं निकला है. ऐसे में आज एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत होगी. बता दें, यह बैठक पहले 19 जनवरी को होनी थी, लेकिन वरा्ता को एक दिन के लिए टाल दिया गया था. इधर, आंदोलन कर रहे किसानों की ट्रैक्टर रैली पर भी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है.

इससे पहले, मंगलवार को दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच सिंघू बॉर्डर पर बातचीत हुई. लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. किसान नेताओं ने कहा कि परेड दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर निकालने की योजना है. पुलिस ने कहा कि इससे परेशानी हो सकती है. इधर, कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति की मंगलवार को पहली बैठक हुई.

बैठक के बाद कमेटी के सदस्य अनिल घनवट ने बताया कि किसानों के साथ पहली बैठक गुरुवार को होनी है. उन्होंने कृषि कानूनों के विरोधियों से अपील की, ‘आप हमारे पास बातचीत के लिए आइए. हम आपको सुनेंगे और आपकी राय अदालत के समक्ष रखेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘न तो हम किसी के पक्ष में है और न ही सरकार की ओर से हैं. हम सभी सुप्रीम कोर्ट की ओर से हैं.’

घनवट ने कहा, ‘समिति की सबसे बड़ी चुनौती प्रदर्शनकारी किसानों को हमसे बातचीत के लिए तैयार करने की होगी. हम इसका यथासंभव प्रयास करेंगे.’ उन्होंने कहा कि समिति केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा किसानों और सभी अन्य हितधारकों की कृषि कानूनों पर राय जानना चाहती है. घनवट ने कहा, ‘समिति के सदस्य सुप्रीम कोर्ट में जमा करने के लिए रिपोर्ट तैयार करने के दौरान कृषि कानूनों पर अपनी निजी राय को अलग रखेंगे.’ मान के स्थान पर किसी अन्य को समिति में शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष अदालत ही तय करेगी कि किसे नियुक्त करना है.

समिति के लिए अयोग्य नहीं बनाती निजी राय : कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि समिति का हिस्सा होने से पूर्व एक व्यक्ति की कोई राय हो सकती है, जो बदल भी सकती है. चीफ जस्टिस ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि एक व्यक्ति ने इस मामले पर विचार रखा, वह समिति का सदस्य होने के लिए अयोग्य नहीं हो जाता.

चंद पूंजीपतियों को खेती सौंपने की तैयारी : राहुल- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नये कृषि कानूनों को लेकर मंगलवार को कहा कि इनसे कृषि क्षेत्र पर तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार हो जायेगा. राहुल ने ‘खेती का खून’ शीर्षक से एक पुस्तिका भी जारी की. कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘हवाई अड्डे, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, दूरसंचार, रिटेल में तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार हो गया है. ये तीन-चार लोग प्रधानमंत्री के करीबी हैं. अब कृषि क्षेत्र में भी यही करने की तैयारी है.’

कांग्रेस नहीं चाहती कि वार्ता सफल हो : भाजपा- भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस पर ‘विरोध और अवरोध’ की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी वार्ता को वह सफल होते नहीं देखना चाहती. पार्टी मुख्यालय में प्रेस से बातचीत में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि देश में अब किसी परिवार का नहीं, 125 करोड़ जनता का राज है. जबकि, 50 साल के कांग्रेसी शासन में एक परिवार का राज चला.

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Posted by: Pritish Sahay

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