25.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जमीनी स्टेकहोल्डर को केंद्र में रखे बिना जस्ट ट्रांजिशन संभव नहीं, आईआईटी कानपुर के रिपोर्ट का खुलासा

पावर प्लांट में काम करने वाले लोग इस बात से ज्यादा इत्तेफाक रखते हैं कि कोयले से नुकसान ज्यादा है और इसका प्रयोग बंद होना चाहिए.

आईआईटी कानपुर ने हाल ही में जस्ट ट्रांजिशन पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें इस बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है कि कोयला खदानों और प्लांट की बंदी के बाद वहां के कर्मचारियों की उम्मीदें क्या हैं. यह तमाम चीजें तब हो रही हैं, जब भारत एनर्जी ट्रांजिशन की ओर अग्रसर है और क्लीन एनर्जी को अपनाकर नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की ओर अग्रसर है.

क्या है जस्ट ट्रांजिशन

आईआईटी कानपुर के जस्ट ट्रांजिशन रिसर्च सेंटर ने एक रिपोर्ट जारी किया है जिसका शीर्षक है व्हाट इज जस्ट ट्रांजिशन. इस रिपोर्ट को जी 20 की बैठक में रिलीज किया गया, जिसकी अध्यक्षता भारत कर रहा है. आईआईटी कानपुर द्वारा जारी किये गये रिपोर्ट में जिन बातों पर विशेष चर्चा की गयी है वो है कोयले की वजह से होने वाले नुकसान, पर्यावरण और समुदाय की आजीविका.

कोयला आश्रितों की उम्मीदें मजबूत

व्यक्तिगत और सामुदायिक धारणाओं पर अगर हम गौर करें तो पायेंगे कि जस्ट ट्रांजिशन का कैनवास बहुत विशाल है. खासकर अगर हम बात निर्भरता के प्रकार, लिंग, कोयला इकाइयों और ट्रेड यूनियनों के साथ उनके संबंधों को देखते हैं. हालांकि जस्ट ट्रांजिशन की अवधारणा अप्रत्यक्ष कोयला आश्रितों से ज्यादा प्रत्यक्ष कोयला आश्रितों के बीच ज्यादा मजबूत है.

जमीनी स्टेकहोल्डर्स महत्वपूर्ण

वहीं दूसरी ओर पावर प्लांट में काम करने वाले लोग इस बात से ज्यादा इत्तेफाक रखते हैं कि कोयले से नुकसान ज्यादा है और इसका प्रयोग बंद होना चाहिए. आईआईटी कानपुर के जस्ट ट्रांजिशन रिसर्च सेंटर के संस्थापक प्रदीप स्वर्णकार इस बात पर जोर देते हैं कि जस्ट ट्रांजिशन तब ही सफलता पूर्वक संभव है जब जमीनी स्तर के स्टेकहोल्डर के साथ ज्यादा से ज्यादा संपर्क साधा जाये.

उम्मीदों से जुड़ी होती है धारणा

उनका मानना है कि नीतियों को तय करते वक्त हमें जमीनी स्तर के लोगों से पहले संपर्क करना होगा, क्योंकि हम एनर्जी ट्रांजिशन की नहीं जस्ट ट्रांजिशन की बात कर रहे हैं. लोगों की जो धारणा होती है वह उनकी उम्मीदों से जुड़ी होती, ऐसे में उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता है. अगर ऐसा किया गया, तो जमीनी स्तर के लोग विरोध कर सकते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि कोई भी नीति बनाते वक्त जमीनी स्तर के लोगों को केंद्र में रखा जाये.

Also Read: Just Transition : वर्ल्ड बैंक ने बतायी जस्ट ट्रांजिशन की रूपरेखा, पीएम मोदी ने ग्रीन ग्रोथ पर दिया जोर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel