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सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में जल्‍लीकट्टू खेल पर लगाई रोक

नयी दिल्ली : पठानकोट हमले को लेकर बार-बार अपने बयान बदल रहे गुरदासपुर के पूर्व एसपी सलविंदर सिंह से पूछताछ का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक एसपी से एनआईए वैज्ञानिक तरीके से भी पूछताछ कर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सलविंदर सिंह अभी भी […]

नयी दिल्ली : पठानकोट हमले को लेकर बार-बार अपने बयान बदल रहे गुरदासपुर के पूर्व एसपी सलविंदर सिंह से पूछताछ का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक एसपी से एनआईए वैज्ञानिक तरीके से भी पूछताछ कर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सलविंदर सिंह अभी भी एनआईए की जांच के रडार पर हैं. जबकि एनआईए सलविंदर सिंह का पॉलिग्राफी टेस्ट कराने पर विचार कर रही है.

गौरतलब हो कि इससे पहले पठानकोट हमले को लेकर एसपी सलविंदर सिंह से एनआईए आठ घंटे से ज्यादा तक पूछताछ कर चुकी है. इस पूछताछ में जो जानकारी निकलकर सामने आई है वह यह है कि एसपी के खुद के बयान भी विरोधाभासी हैं. इसलिए एनआईए उनसे दुबारा वैज्ञानिक तरीके अपनाकर पूछताछ करेगी. इस दौरान मारे गए आतंकियों की पहचान के लिए भारत को इंटरपोल का जारी किया हुआ ब्लैक नोटिस भी मिला है जो किसी देश के अज्ञात शवों के पहचान के लिए जारी किया जाता है.

सूत्र बताते हैं कि एनआईए शवों की भी वैज्ञानिक तरीके से पड़ताल कर रही है जिससे यह स्पष्ट हो सके की यही आतंकी अस्सी घंटे तक चले पठानकोट वाले हमले में पूरी तरह शामिल थे. इस हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक एसपी के पॉलिग्राफिक टेस्ट से एजेंसी इनकार नहीं की है. आनेवाले दिनों में भी एसपी और सलविंदर से पूछताछ जारी रहेगी. सूत्र यह भी जानकारी दे रहे हैं कि इस पूछताछ के दौरान एसपी और उनके रसोईये को आमने-सामने भी लाया जा सकता है.

तामिलनाडु : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में पोंगल के दौरान सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है. यह रोक केवल तामिलनाडु में ही नहीं बल्कि पूरे देश में लागू होगा. तामिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले ही चार साल पुरानी रोक को एक अध्‍यादेश जारी कर हटा दिया था. इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करने वाली याचिकाओं का उल्लेख चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष किया गया था. पीठ इस पर मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गयी थी.

केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को रोक हटा लिया था और कुछ खास प्रतिबंध लगाये थे लेकिन इस पर एनीमल वेल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा) इंडिया और एक बेंगलुरु स्थित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने सरकार के रोक हटाने वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक लगायी.

https://www.youtube.com/watch?v=KGW4ALzCLyc

एक समय तमिलनाडू में आयोजित होनेवाले जल्लीकट्टू को लेकर एक दर्दनाक वीडियो वायरल हो गया था. इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे प्रतियोगिता से पहले सांडों के साथ अत्याचार किया जाता है. उन्‍हें शराब पिलाई जाती है और डंडे से मारा जाता है. उसके बाद खुलु मैदान में उन्‍हें दौड़ाकर काबू में करने का प्रयास किया जाता है. जल्लीकट्टू तमिलनाडु में पोंगल के त्यौहार के हिस्से के तौर पर मट्टू पोंगल के दिन आयोजित किया जाता है. पोंगल दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्‍योहार है.

मुंबई : योग गुरु रामदेव ने आज कहा कि पंतजलि का आटा नूडल अगले कुछ ही साल में मैगी को पछाड़ देश में शीर्ष नूडल ब्रांड बनने की राह पर है और यह स्वदेशी कंपनी उपभोक्ता सामान खंड में हिंदुस्तान यूनीलीवर के अलावा सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को पीछे छोड़ देगी.

रामदेव ने यहां संवाददाताओं से यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘पंतजलि का आटा नूडल शीघ्र ही देश के शीर्ष नूडल ब्रांड के रूप में मैगी को पछाड़ देगा. हमारे आटा नूडल का उत्पादन इस समय लगभग 100 टन है इसे बढ़ाकर 300-500 टन किया जायेगा. ‘ उन्होंने कहा, ‘हम हिंदुस्तान यूनीलीवर (एचयूएल) को छोड़कर, सभी अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों को पीछे छोड़ देंगे. ये कंपनियां देश से धन बाहर ले जा रही हैं. ‘

उन्होंने कहा कि पतंजलि कम कीमत में अनेक उत्पादों की पेशकश के साथ अपनी बाजार भागीदारी धीरे धीरे बढ़ाती जा रही है और वह अपने 100 प्रतिशत लाभ को सामाजिक सेवा में लगायेगी.उन्होंने कहा कि पतंजलि अपनी उत्पादन लागत बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कम रखे हुए है ताकि उत्पादों के दाम वहनीय रख सकें.

उन्होंने कहा कि अगले पांच से सात साल में पतंजलि को 5,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा और वह इसे गैर लाभकारी उद्देश्यों में लगायेंगे.

नयी दिल्‍ली : गायक-अभिनेता और भाजपा सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि उन्‍होंने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के लिए ‘देशद्रोही’ शब्‍द का इस्‍तेमाल नहीं किया, अगर किसी समाचारपत्र ने ऐसा प्रकाशित किया है तो वे उसे नोटिस भेजेंगे. खबरें आ रही थी कि मनोज तिवारी ने संसदीय समिति की बैठक में आमिर को देशद्रोही कह दिया था.

वहीं इनक्रेडिबल इंडिया के ब्रांड एंबेसेडर के पदे से आमिर को हटा दिये जाने को लेकर मनोज तिवारी ने कहा कि,’ मैं कभी आमिर खान को कभी देशद्रोही नहीं कह सकता. अगर कोई अतुल्‍य भारत का चेहरा है तो उसे यह नहीं कहना चाहिये कि भारत रहने लायक नहीं रह गया हैं. य‍ह कैंपेन उनके कहे हुए शब्‍द से अलग है और दोनों में विरोधाभास है.’

दरअसल आमिर खान ने वर्ष 2015 में असहिष्‍णुता को लेकर अपने बयान में कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव का कहना है कि उन्हें देश से बाहर चले जाना चाहिए क्योंकि असुरक्षा के माहौल में उसे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भय है. इसके बाद कई राजनीति से लेकर बॉलीवुड के जानेमाने चेहरों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. मनोज तिवार ने भी उनके खिलाफ बयान दिया था.

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार का ऑड-इवन फॉर्मूला 15 जनवरी तक चलेगा. इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने आज कहा कि दिल्ली सरकार की अधिसूचना के साथ हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है. यह फार्मूला 15 जनवरी तक जारी रहेगा. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर ध्‍यान दे.

कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी मुकर्रर की है.कोर्ट ने कहा कि अगर इसे आगे बढ़ाना है तो याचिकाकर्ता के उठाए सवालों पर विचार किया जाए. उल्‍लेखनीय है कि शुक्रवार को हाइकोर्ट ने मामले पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रखा लिया था.हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मैं कोर्ट को दिल्ली की जनता के पक्ष में फैसला सुनाने के लिए धन्यवाद देता हूं.

मुख्य न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एक पीठ ने कहा कि हालांकि योजना के कार्यान्वयन से समाज के एक वर्ग को मुश्किल हो सकती है लेकिन न्यायिक समीक्षा के अधिकार को ऐसे नीतिगत निर्णय के सुधार पर विचार करने के लिए नहीं बढाया जा सकता. पीठ ने कहा ‘‘अधिसूचना के तहत रोक केवल 15 दिन की सीमित अवधि तक है और यह भी कहा गया है कि योजना को यह देखने के लिए लागू किया गया है कि क्या इससे प्रदूषण का स्तर घटता है या नहीं। यह देखते हुए हमारा विचार है कि इसमें इस अदालत के हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है.’

साथ ही अदालत ने 12 पृष्ठ के अपने आदेश में यह भी कहा ‘‘कार्यान्वयन से भले ही समाज के एक वर्ग को परेशानी हो लेकिन न्यायिक समीक्षा के अधिकार को ऐसे नीतिगत निर्णय के सुधार पर विचार करने के लिए या यह पता लगाने के लिए नहीं बढाया जा सकता कि क्या कोई और बेहतर विकल्प हो सकता है.

बेंगलूरु : भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित प्रतिष्ठित वैज्ञानिक सीएनआर राव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विजन को हकीकत में बदलने के लिए सही वैज्ञानिक सलाह की जरुरत है तथा उन्हें अब मिशन आधारित परियोजनाओं की शुरुआत करनी चाहिए.एक साक्षात्कार में राव ने मोदी की विज्ञान नीति, धर्म, असहिष्णुता और मदर टेरेसा के बारे में बात की. उस साक्षात्कार के कुछ अंश इस प्रकार हैं-

प्र. : क्या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास विज्ञान को लेकर एक अच्छा नजरिया है?

उ. : निश्चित तौर पर वह एक विजन वाले व्यक्ति हैं. इस बात में कोई शक नहीं हैं कि वह कुछ करना चाहते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि वह न सिर्फ अच्छी सलाह का इस्तेमाल करेंगे बल्कि उन सभी शानदार आइडियाज का भी इस्तेमाल करेंगे, जो उनके पास हैं. वह निश्चित तौर पर काम करने वाले व्यक्ति हैं. जब आप उनको सुनते हैं, तो आपको उनकी बातों में कुछ भी गलत नहीं लगता. वह जो कहते हैं, वह एकदम सही है. हमें उनमें से बहुत सी चीज करनी हैं.

प्र. : आप कई प्रधानमंत्रियों के सलाहकार रहे हैं…क्या प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार परिषद निष्क्रिय पड गई है? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सही वैज्ञानिक सलाह मिल पा रही है?

उ. : मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री को सही सलाह के लिए सही लोग मिलेंगे क्योंकि कोई भी एक व्यक्ति या कोई एक मंत्रालय विज्ञान या समाज की वृहद समस्याओं से निपट नहीं सकता. विज्ञान का इस्तेमाल करते हुए, हमें गरीबी की भारी समस्याओं को सुलझाना है और साथ-साथ बाकी दुनिया से स्पर्धा भी करनी है. ऐसे शोधों को भी बढावा दिए जाने की जरुरत भी है, जिनके तत्काल अनुप्रयोग अभी दिख नहीं रहे. यदि भारत को ये सारी चीजें करनी हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को यह जानना होगा कि हमारी प्राथमिकताएं क्या हैं, हम कैसे आगे बढें, किस चीज पर काम करें. मैं उम्मीद करता हूं कि उन्हें सही सलाह मिले और वह सलाह लेने के लिए कुछ लोगों का समूह बनाएं. मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि वह ऐसा करें.

प्र. : प्रधानमंत्री मोदी विज्ञान को और ज्यादा बढावा देने में किस तरह से मदद कर सकते हैं?

उ. : मोदी को न्यूनतम कोष वाले अच्छे संस्थानों को मदद देनी चाहिए ताकि वहां जो मौलिक प्रयास चल रहे हैं, वे उनसे वंचित न हो जाएं. पूर्व में 10-20 करोड रुपये की छोटी राशियों वाले कोष बंद कर दिए गए थे. मोदी को सरल एवं छोटे विज्ञान को बडे तरीके से आर्थिक मदद देनी चाहिए. इनमें बीमारियों, नई उर्जा तकनीकों और नए आधुनिक पदार्थों का विज्ञान शामिल है. चुनिंदा किस्म की लेकिन बडी आर्थिक मदद की जरुरत है. मेरे अपने जीवन में अच्छी आर्थिक मदद भारत से नहीं, बल्कि कहीं और से मिलीण्‍ यह बहुत गलत है कि भारत ने ऐसा नहीं किया है. कुछ क्षेत्रों के लिए मोदी को मिशन-मोड लागू करना चाहिए. काफी समय पहले हमारे सामने तकनीकी उपायों के लिए मिशन-मोड था. जैसे हमारे सामने बेहतर गुणवत्ता वाले बीजों, सुरक्षित पेयजल का मिशन था. निरक्षरता मिटाने, मलेरिया से छुटकारा पाने का मिशन था. मोदी को मिशन आधारित परियोजनाएं शुरु करनी चाहिए. भारत को पांच-छह बडे मिशन चाहिए, जो कि भारत के गरीब लोगों और पूरे समाज की मदद कर सकेंगे.

प्र. :आप हमें ऐसा क्या बता सकते हैं, जो कि युवा लोगों को विज्ञान से जुडने के लिए प्रेरित कर सके?

उ. : विज्ञान सभी समाजों की विशेषकर भारत की एक नींव है, जहां हमें बहुत सी समस्याएं हल करनी है और हमारे सामने बहुत से लक्ष्य हैं. मेरा मानना है कि विज्ञान और उच्च शिक्षा के आधार के बिना भारत विश्व में एक नेतृत्वकर्ता देश कैसे बन सकता है? भारत को विज्ञान का प्रयोग करना ही है.

प्र. : आप पोंटिफिशियल एकेडमी ऑफ साइंसेज के एक सदस्य हैं और हाल में मदर टेरेसा को संत करार दिए जाने का मुद्दा चल रहा है. आप चमत्कारों और विज्ञान को कैसे औचित्यपूर्ण ठहराएंगे और आप पोप को इसके बारे में क्या बताएंगे?

उ. :
इस मामले में पोंटिफिशियल एकेडमी का पोप से कुछ लेना-देना नहीं है. पोप चर्च के मामले देखते हैं और चर्च ने उन्हें :मदर टेरेसा को: संत बनाया है. पोंटिफिशियल एकेडमी संतों के मामले नहीं देखती.

प्र. : क्या आप चमत्कारों में यकीन रखते हैं?

उ. :
नहीं, मैं चमत्कारों में यकीन नहीं रखता. मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि भारत में धर्म, विश्वास, अंधविश्वास और विज्ञान के बीच एक भ्रांति सी है. हर किसी को किसी न किसी चीज पर यकीन होना चाहिए। जैसे कि विज्ञान में आपको भौतिकी के नियमों पर विश्वास होना चाहिए. विश्वास तो हर किसी को होना चाहिए। यदि किसी को दर्शनशास्त्र या ईश्वर में यकीन है तो मैं उसके खिलाफ नहीं हूं. लेकिन इससे अंधविश्वास को बढावा नहीं मिलना चाहिए। यहां तक कि आइंस्टीन ने भी कहा था कि विश्वास के बिना कोई नहीं रह सकता। ऐसे ही धर्म भी है. आप किसी भी धर्म के हो सकते हैं लेकिन इसे जीवन की दूसरी चीजों के साथ मिश्रित मत करें. विश्वास का ऐसी चीजों में यकीन से कोई लेना-देना नहीं है, जो भौतिकी के नियमों के खिलाफ हो ही नहीं सकतीं.

प्र. :
मतलब आप यह कह रहे हैं कि धर्म और विज्ञान का घालमेल नहीं किया जाना चाहिए?

उ. : नहीं, इनका घालमेल नहीं किया जाना चाहिए। भारत में ऐसी बहुत सी विविधताएं हैं, आप अपना खुद का संतुलन स्थापित करें. आप किसी भी अतिशयोक्ति तक चले जाते हैं और एक अतिवादी बन जाते हैं और हर चीज के खिलाफ हो जाते हैं, तो यह भी बेहद असहनशील हो जाता है. आपको इन चीजों से निपटने क लिए संतुलन स्थापित करना चाहिए.

प्र. : तो क्या आपको लगता है कि भारत असहनशील हो रहा है?

उ. :
नहीं, भारत असहनशील नहीं हो रहा। समाज में :कुछ: असहनशीलता है, लेकिन सौभाग्य से अधिकतर भारतीय सहनशील हैं.

मुंबई : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में गतिरोध पैदा करने के लिए कांग्रेस पर आज फिर हमला बोलाहै. जेटलीने कहा कि कुछ लोग जीएसटी विधेयक को पारित नहीं होने देकर ‘‘परपीड़ा का सुख” ले रहे हैं लेकिन यह पारित होगा और आखिर में सफलता मिलेगी. वित्त मंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि संभवत: अच्छे मानसून से आने वाले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन करेगी क्योंकि इससे पहले लगातार तीन साल के दौरान कभी भी मानसून कमजोर नहीं रहा.

अरुण जेटली आज यहां ईटी पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे. इस अवसर पर उनके साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु और दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी थे. उन्होंने कहा, लोकतंत्र इस तरह से काम नहीं करता है. यह जाहिर है कि वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: को पारित नहीं होने देने से कुछ लोगों को परपीड़ा का सुख मिल रहा है. हालांकि, लोकतंत्र की अपनी मजबूती है, आखिर में सफलता मिलने पर जो सुख मिलता है वह सबसे अच्छा होता है.

अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रमुख सुधार माने जा रहे जीएसटी का मार्ग प्रशस्त करने के वास्ते लाया जा रहा संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा में अटका पड़ा है. कांग्रेस के कड़े विरोध के चलते यह अटका हुआ है जबकि जदयू, राजद और बीजू जनता दल सहित कई क्षेत्रीय पार्टियां इसके पक्ष में हैं.

मुंबई : सेल्फी लेन के चक्कर में आज मुंबई के बांद्रा इलाके में आज उस वक्त एक बड़ी दुर्घटना हो गयी . टीवी रिपोट्‌र्स के अनुसार वह तीनों लड़कियां सेल्फी लें रहीं थी, तभी तेज लहर आयी और उनका पैर फिसल गया, ज़िससे वे तीनों पानी में गिर गयीं. वहां खड़े एक लड़के ने दो लड़कियों को तो बचा लिया, लेकिन एक लड़की जिसका नाम तरन्नुम है वह अभी तक लापता है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब सेल्फी लेने के चक्कर में तीनों लड़कियां गिरीं, तो रमेश नाम के युवक ने उन्हें बचाने की कोशिश की. दो लड़कियों को तो उसने बचा लिया, लेकिन तीसरी लड़की को बचाने के प्रयास में वह खुद भी डूब गया. अभी तक तरन्नुम और रमेश का कुछ पता नहीं चल पाया है. घटना सुबह 10.30 बजे के लगभग की है.

घटना का ब्यौरा देते हुए अस्सिटेंड कमिश्नर अॅाफ पुलिस संजय कदम ने बताया कि हमें 10.50 पर घटना की जानकारी मिली. दो लड़िकयां बचा ली गयीं हैं, लेकिन एक लड़के और लड़की का अभी कुछ पता नहीं चल रहा है. हम कोशिश कर रहे हैं, उन्हें ढूंढने की अभी मौत की पुष्टि नहीं की जा सकती है.

गौरतलब है कि यह इलाका काफी भीड़भाड़ वाला है, जहां पर्यटक हमेशा आते रहते हैं. टीवी रिपोट्‌र्स के अनुसार दुर्घटना उस वक्त हुई जब दोनों सेल्फी लेन में मग्न थे और उन्हें समुद्र की गहराई का अहसास नहीं हुआ पैर फिसल जाने के कारण दोनों समुद्र में गिर गये.

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अगला सीएम कौन होगा, इस सवाल पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. राज्य भाजपा प्रभारी और महासचिव राम माधव इस संबंध में आज कहा है कि पार्टी उम्मीद कर रही है कि सरकार के गठन पर पीडीपी जल्दी ही फैसला करेगी ताकि अनिश्चितता खत्म हो. हम चाह‍ते हैं कि भाजपा-पीडीपी में जो करार हुआ है वह आगे बढ़े. पीडीपी को इसके लिए पहल करनी होगी. माधव ने कहा कि हम चाहते हैं कि आठ महीने पहले जो सहमति दोनों पार्टियों के बीच बनी थी वह टूटे नहीं और राज्य में सरकार का गठन हो.

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सरकार को लेकर चर्चा उस वक्त और गर्म हो गयी जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. इस मुलाकात को राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पीडीपी की सहयोगी भाजपा ने मुफ्ती के निधन के बाद अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा को औपचारिक समर्थन नहीं जताया है.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और पीडीपी 2002 से 2008 तक राज्य में सत्ता के साझेदार रह चुके हैं. जिसके तहत तीन-तीन साल के अंतर पर दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री रहे हालांकि 2008 में वे अलग हो गये. रविवार को राम माधव ने कहा कि पहले पीडीपी अपने नेता के नाम का चयन करे उसके बाद हम लोग सरकार बनाने की रूप रेखा पर चर्चा करेंगे. प्रदेश भारतीय जनता पार्टी पीडीपी के साथ सरकार में रहना चाहती है, लेकिन पार्टी को सत्ता में बराबर का अधिकार चाहिए.

रविवार को श्रीनगर में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मिलने वालों में कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गड़करी शामिल हैं हालांकि दोनों नेताओं ने कहा था कि वो लोग मुफ्ती साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए गए थे. महबूबा से किसी तरह की राजनीतिक बातचीत से दोनों ने इनकार किया.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर देश की आजादी के बाद से सातवीं बार राज्यपाल शासन के तहत आया है और दिलचस्प बात यह है कि इन सभी अवसरों पर मुफ्ती मोहम्मद सईद किसी न किसी तरह से महत्वपूर्ण भूमिका में रहे. पिछले दिनों सईद का निधन हुआ जिसके बाद कल राज्य में सातवीं बार राज्यपाल शासन लगा क्योंकि सहयोगी दलों भाजपा और पीडीपी ने चार दिनों की शोक की अवधि के दौरान सरकार बनाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है.

पीडीपी के संरक्षण सईद का बीते गुरुवार को दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया था. जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 को लागू करते हुए राज्यपाल एनएन वोहरा ने कल राज्यपाल शासन लगा दिया जो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की संतुति के बाद आठ जनवरी से प्रभावी रहेगा. जम्मू-कश्मीर में 26 मार्च, 1977 को पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा था। उस वक्त सईद की अध्यक्षता वाली प्रदेश कांग्रेस इकाई ने शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ 1975 में हुए समझौते के तहत शेख अब्दुल्ला की सरकार बनी थी.

पहली बार राज्य में राज्यपाल शासन 105 दिनों तक रहा और यह नेशनल कांफ्रेंस की सत्ता में वापसी के साथ खत्म हुआ. दूसरी बार राज्यपाल शासन मार्च, 1986 में लगा जब कांग्रेस ने गुलाम मोहम्मद शाह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया. उस वक्त भी सईद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। इस बार राज्यपाल शासन 246 दिनों तक चला.

भुवनेश्वर : कांग्रेस के वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक के विरोध में होने के आरोपों को खारिज करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश नेशनिवार को दावा किया कि वास्तव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके खिलाफ हैं. जयराम रमेश नेयह दावा करते हुए भाजपा नेताओं से कहा है कि वह झूठ फैलाने से बाज आएं.

कांग्रेसीनेता ने कहाकि सच्चाई यह है कि भाजपा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह जीएसटी नहीं चाहते हैं लेकिन वह इसका दोष कांग्रेस पर डाल रहे हैं. इससे पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कल कांग्रेस पर जीएसटी विधेयक को रोकने का आरोप लगाया था. जयराम रमेश ने दावा किया कि जीएसटी विधेयक इसलिये पारित नहीं हो पा रहा है कि क्योंकि मोदी इसके पक्ष में नहीं है. गुजरात में भाजपा की सरकार ने भी इसका विरोध किया था.

रमेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस से पूरी तरह स्पष्ट कर चुकी है कि वह जीएसटी विधेयक के खिलाफ नहीं है. हम इसे जितनी जल्दी हो सके पारित कराना चाहते हैं. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय ही इसे संसद में पेश किया गया था.

विधेयक को पारित कराने के लिये केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात सहित केंद्र सरकार द्वारा विधेयक को पारित कराने के तमाम प्रयासों को उन्होंने ढकोसला और ड्रामा करार दिया. उन्होंने कहा कि मौजूदा विधेयक को बेहतर और सरल कर बनाने के लिए कांग्रेस इसमें केवल तीन बदलाव चाहती है. इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा न कि उद्योगों को.

जयराम रमेश ने मौजूदा जीएसटी विधेयक को न तो अच्छा विधेयक बताया और न ही सरल बल्कि केवल एक कर वाला विधेयक बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसमें 18 प्रतिशत कर सीमा की मांग कर रही है. इसके अलावा एक प्रतिशत अतिरिक्त कर को हटाने तथा राज्यों के बीच या फिर राज्य और केंद्र के बीच विवाद के निपटारे के लिये एक न्यायायिक संस्था बनाने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि जैसे ही इन तीनों मांगों पर सहमति बनती है और इस बारे में जरूरी सुधार कर लिए जाते हैं, कांग्रेस चाहेगी कि जीएसटी विधेयक को जितनी जल्दी संभव हो पारित कर लिया जाए. उन्होंने कहा लेकिन सरकार ने इन प्रस्तावों पर अभी तक सकारात्मक जवाब नहीं दिया है.

सूरत : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता प्रवीण तोगड़िया ने आज दावा किया कि उनके संगठन ने पिछले 10 साल में पांच लाख इसाईयों और 2.5 लाख मुसलमानों को हिंदू बनाया. आज यहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए तोगड़िया ने भारत में हिंदुत्व को बचाने के लिए ‘घर वापसी’ के अभियान को जारी रखने का आह्वान किया.

विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष तोगड़िया ने कहा, ‘‘पिछले 10 साल में हमने पांच लाख से ज्यादा ईसाइयों और 2.5 लाख मुसलमानों का घर वापसी कराया. घर वापसी की हमारी दर हर साल करीब 15,000 की है. लेकिन पिछले साल हम 40,000 को पार कर गए जो आरएसएस के आंकड़ों से अलग है. ‘

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में बच्चों के साथ बढ़ रहे बलात्कार की घटना पर चिंता जताते हुए संसद से दोषी व्यक्तियों को कठोरतम सजा देने के बारे में विचार करने को कहा है. इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि संसद बलात्कार के संदर्भ में ‘बच्चा’ शब्द को परिभाषित करने के बारे में भी विचार करे. कोर्ट ने कहा कि 10 साल की उम्र से कम बच्चों के साथ इस प्राकार का कृत्य क्रूर विकृति को प्रदर्शित करता है.

यह पहली बार है जब शीर्ष न्यायालय ने 10 साल से कम उम्र के बच्चों के बीच नाबालिग और बच्चे के बीच का अंतर बताया है. दीपक मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा है कि संसद को बच्चा शब्द को दुष्‍कर्म के संदर्भ में अलग से परिभाषित करना चाहिए.

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद : पठानकोट आतंकवादी हमले के परिप्रेक्ष्य में अनिश्चितताओं के बीच पाकिस्तान ने कहा है कि भारत के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता 15 जनवरी को होनी तय है. संसद में एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कल कहा कि पाकिस्तान और भारत के विदेश सचिवों के बीचपंद्रह जनवरी को बैठक होने का कार्यक्रम है.

सरताज अजीज ने कहा कि दोनों विदेश सचिव सहमति के मुताबिक ‘‘व्यापक द्विपक्षीय वार्ता’ के लिए कार्यक्रम तय करेंगे. अजीज ने कहा कि कई अन्य मुद्दों के साथ दोनों देशों के बीच कश्मीर भी बातचीत का हिस्सा होगा. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के शिरीन मजरी के सवाल के जवाब में अजीज ने यह बात कही. मजरी जानना चाहते थे कि भारत के निवर्तमान राजदूत टीसीए राघवन ने कथित तौर पर बयान दिया कि उनका देश केवल पीओके पर वार्ता करेगा जिसके बाद वार्ता को लेकर क्या स्थिति है.

पठानकोट आतंकवादी हमले के बाद भारत ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता को पठानकोट हमले को लेकर पाकिस्तान को दी गयी जानकारी पर इस्लामाबाद की ‘‘त्वरित और निर्णयात्मक’ कार्रवाई से जोड़कर गेंद को पाकिस्तान के पाले में डाल दिया है.

कोलकाता : कोलकाता में आयोजित दूसरे बंगाल ग्लोबल इकोनॉमिकसमिट में ममता बनर्जी के साथ देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंच साक्षा किया. गौरतलब है कि डीडीसीए मामले को लेकर पिछले जेटली और केजरीवाल आमने-सामने हैं. केजरीवाल ने अब तक बेदाग वित्त मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं और यह आरोप भी लगाया है कि उनकी जानकारी में डीडीसीए में हजारों करोड़ का घोटाला हुआ.

केजरीवाल के आरोपों से केंद्र सरकार बचाव की मुद्रा में आ गयी और जेटली ने तो उनपर मानहानि का केस भी दर्ज कर दिया है. समिट में ममता बनर्जी ने कहा कि अनेकता में एकता हमारी पहचान है. बंगाल में कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है. माओवादी हिंसा भी कम हुई है. बंगाल की संस्कृति काफी संपन्न है, हम खेल के साथ -साथ अन्य क्षेत्रों में भी उन्नति कर रहे हैं.
समिट में अरुण जेटली और अरविंद केजरीवाल ने अपने विचार व्यक्त किये. वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में बंगाल की मुख्यमंत्री को इस समिट के आयोजन पर बधाई भी दी.

नयी दिल्ली : नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के जीवन का लक्ष्य भारत और पूरी दुनिया से बाल दासत्व को समाप्त करना है. उन्होंने कहा है कि वे अपने जीवनकाल में इस कुप्रथा को समाप्त करना चाहते हैं.

हम बच्चों की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे हैं. 35 वर्ष पहले यह भारत में कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन आज स्थिति कुछ और है. मैं आशावान हूं जल्दी ही हम बाल दासता को समाप्त कर देंगे.
उन्होंने कहा कि आज आम लोग भी यह चाहने लगे हैं कि देश से बाल दासता समाप्त हो और वे इसके लिए प्रयास भी कर रहे हैं. 2014 के नोबल पुरस्कार विजेता की हिंदी में पहली बार ‘आजाद बचपन की ओर ’का विमोचन जस्टिस दीपक मिश्रा ने किया. इस पुस्तक में उन घटनाओं और मूवमेंट का जिक्र है, जिनसे सत्यार्थी रूबरू हुए.

नयी दिल्ली : भाजपा प्रमुख अमित शाह ने रविवार को अपनी पार्टी को पिछडी जातियों के पैरोकार के रुप में पेश किया ओर कहा कि उनकी पार्टी से अन्य पिछडा वर्ग से सबसे अधिक मुख्यमंत्री दिए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी वर्ग से हैं. शाह ने देश के अन्य पिछडे वर्ग की खराब स्थिति के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. पार्टी की ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक में शाह ने कहा कि मोदी सरकार की सभी योजनाएं गरीबों और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित हैं तथा अंत्योदय एवं सामाजिक सद्भाव पार्टी का मूल सिद्धांत है.

ओबीसी से अपना मूल समर्थन जुटाने वाले सपा, जदयू और राजद जैसे क्षेत्रीय दलों पर प्रहार करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के अनुयायियों ने उनके आंदोलन को अपहरण कर लिया है और उसे अपनी संबंधित जातियों एवं परिवारों तक सीमित कर दिया. भाजपा ने अपनी तरह की पहली शाखा ओबीसी मोर्चा का पिछले साल ही गठन किया था और इसे अच्छी खासी आबादी वाले इस प्रभावशाली वर्ग तक पहुंच बनाने की पार्टी की कोशिश के रुप में देखा जा रहा है.

पार्टी के बयान के अनुसार शाह ने कहा, ‘’भाजपा ने देश को सबसे अधिक पिछडे वर्ग मुख्यमंत्री दिए हैं तथा उसी पिछडे वर्ग के गरीब (परिवार) के बेटे को प्रधानमंत्री के रुप में लाया.’ कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछडे, दमित और अधिकारविहीन वर्ग की खराब स्थिति के लिए केवल वही जिम्मेदार है क्योंकि उसने उनसे जुडी आर्थिक विकास परियोजनाएं लागू नहीं किया और कभी उनके कल्याण एवं विकास पर ध्यान नहीं दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार की सभी योजनाएं गरीबों और अधिकाविहीन वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित हैं. भारत मोदी के गतिशील नेतृत्व में तीव्र विकास के मार्ग पर है, दुनियाभर में भारत की छवि और भारतीयों की प्रतिष्ठा बनी है.’

कोरापुट (भुवनेश्वर) : ओडिशा के कोरापुट जिले के जंगलों में एक मोटरसाइकिल से गश्त लगाते वक्त नक्सलियों द्वारा किये गये आईईडी विस्फोट में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी और एक जवान की मौत हो गई.

नक्सलियों ने यह हमला ऐसे दिन किया जब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वाम चरमपंथ को ओडिशा के लिए चिंता की प्रमुख वजह करार दिया. पटनायक ने कहा कि बोलांगीर, कालाहांडी, कंधमाल और बौध जिलों की हालिया क्रियाकलाप चिंताजनक हैं और उसने असरदार तरीके से निपटा जाना चाहिए.

यह घटना अपराह्न एक बजे की है जब बीएसएफ के करीब 20 जवानों का एक दल दस मोटरसाइकिलों पर जिले के डंडाबाडी गोव में संचालन संबंधी कार्य से लौट रहा था और टीम कमांडर एवं उनके जवान वाली पहली बाइक कालियाझूला जंगलों के कच्चे रास्ते पर छिपाकर लगाए गए बम में हुए विस्फोट में फंस गई.

बाइक चला रहे जवान कांस्टेबल एसपी पांडा की मौके पर मौत हो गई जबकि बाइक पर पीछे बैठे दल कमांडर उपकमांडेंट सुनील कुमार बेहरा ने बाद में कोरापुट जिला मुख्यालय अस्पताल में दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने कहा कि नक्सलियों द्वारा सड़क के नीचे छिपाकर लगाए गए आईईडी से हुए विस्फोट में दो लोगों को गंभीर चोटें आइ’.

उन्होंने कहा कि इस विस्फोट के प्रभाव से बाइक हवा में उछल गई और बाइक पर सवार बाकी की नौ टीमों ने छिपे माओवादियों से मुठभेड के संदेह में अपनी जगह ले ली. अधिकारियों ने कहा, ‘‘हालांकि नक्सलियों ने गश्तदल पर भारी गोलीबारी नहीं की और वे कुछ गोलियां चलाकर जंगल से भाग गये.” उन्होंने कहा कि बीएसएफ टीम संदिग्ध माओवादी कार्यकर्ताओं द्वारा एक आम नागरिक की हत्या की खबर के सत्यापन के बाद डांडाबाडी गोव से रामागिरि में अपने आधार शिविर पर लौट रही थी.

कोरापुट पुलिस ने कहा कि हथियारों से लैस माओवादियों के एक समूह ने कल देर रात जिले के डांडाबाडी गांव में बापी सामंत नाम के एक व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उन्होंने कहा कि बारुदी सुरंग विस्फोट का स्थल डांडाबाडी से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है.

अधिकारियों ने कहा कि वाम चरमपंथ क्षेत्रों में जंगल के रास्तों में आईईडी और छिपे विस्फोट में फंसने से बचने के लिए जवान चार पहिया वाहनों का बहुत कम प्रयोग करते हैं और आवागमन के लिए मोटरसाइकिलों पर भरोसा करते हैं. बीएसएफ ने इस घटना पर ‘कोर्ट आफ इंक्वायरी’ गठित की है और विस्फोट वाले क्षेत्र तथा आस पास के गांवों में खोजी अभियान के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है.

पटनायक ने यहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के वार्षिक सम्मेलन में कहा, ‘‘वाम शाखा चरमपंथ राज्य के लिए प्रमुख चिंता बना हुआ है. हम अपने पडोसी राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों मंे इस समस्या को काबू करने में सक्षम हुए हैं लेकिन बोलांगीर, कालाहांडी, कंधमाल और बौध जिलों में माओवादी कार्यकर्ताओं के हालिया आवागमन और गतिविधियां चिंताजनक हैं.”

नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को यूरोप के अपने दौरे से लौट आए और अपनी अनुपस्थिति में हुए घटनाक्रमों का जायजा लेने के लिए वह सोमवार यानी आज पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. पूर्व में राहुल के विदेश दौरे काफी अटकलें पैदा कर चुके हैं. उन्होंने गत 28 दिसंबर को ट्विटर पर अपने यूरोप दौरे की घोषणा की थी.

उन्होंन ट्वीट किया था, ‘‘मैं कुछ दिनों के लिए यूरोप जा रहा हूं. आप सब को नये साल की शुभकामनाएं.’ कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि राहुल रविवार तड़के वापस लौटे और सोमवार को पार्टी नेताओं से मिलेंगे. राहुल पूर्व में भी कुछ मौकों पर नये साल के दौरान देश से बाहर रहे हैं.

उनके आखिरी दो विदेश दौरे काफी चर्चा में रहे थे जिनमें पिछले साल फरवरी-अप्रैल के बीच उनकी करीब दो महीने की छुट्टी और सितंबर में एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिका के ऐस्पेन का दौरा शामिल है. दोनों ही दौरों को लेकर भाजपा ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया था.

नयी दिल्ली : दिल्‍ली पुलिस ने बेंगलुरु से मदरसा के एक शिक्षक को अलकायदा से संबंध होने के संदेह में गिरफ्तार किया. यह गिरफ्तारी उस वक्त हुई है, जब देश पठानकोट हमले को झेल रहा है. अलकायदा का यह सदस्य बेंगलुरू में मदरसा शिक्षक के रूप में काम कर रहा था. अंजार शाह की गिरफ्तारी बुधवार रात को हुई है.

आकाशवाणी ने उसकी गिफ्तारी की सूचना दी है. खबर यह भी है कि वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में था. वह अपने साथियों के साथ भीड़-भाड़ वाले में विस्फोट करने की योजना बना रहा था, ताकि नुकसान ज्यादा हो.

दिल्ली पुलिस अंजार शाह को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर दिल्ली लायी है. जहां उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 20 जनवरी तक के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है. पिछले साल दिसंबर में पुलिस की स्पेशल शाखा आतंकवाद निरोधक विंग ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था. संभवत: उनसे पूछताछ में अंजार शाह की जानकारी पुलिस को मिली.

नयी दिल्ली/पठानकोट :पंजाब के पठानकोटएयरबेस पर हुए आतंकी हमले के संबंध में आज एसआइए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह से एनआइए मुख्‍यालय में फिर पूछताछ करेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार एनआइए के अलावा अन्य जांच एजेंसियां भी एसपी से पूछताछ कर सकती हैं. एसपी के बयान में एकरुपता नहीं देखते हुए उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट भी किया जा सकता है. आपको बता दें कि इससे पहले भी पंजाब पुलिस और एनआइए एसपी सलविंदर सिंह से पूछताछ कर चुकी है लेकिन उन्हें उनसे संतुष्टी भरा जवाब नहीं मिल सका है.


सलविंदर का दावा गलत ?

उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने गुरदासपुर के अगवा एसपी सलविंदर के उस दावे को पहले ही खारिज कर चुके हैं जिसमें उन्होंने समय रहते ही सारी जानकारी देने का दावा किया है. एसपी सलविंदर ने दावा किया है कि अगर अधिकारियों ने उनकी दी गयी सूचना पर कार्रवाई की होती तो पठानकोट आतंकी हमले को रोका जा सकता था. गौरतलब है कि सबसे पहले आतंकियों ने सलविंदर सिंह को ही उनकी गाड़ी के साथ अगवा किया था. पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हमले से ठीक पहले अगवा किए गए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह, उनकी कार ड्राइव कर रहे राजेंदर वर्मा और कुक मदन गोपाल ने मीडिया के समक्ष जो बातें रखी वह सचमुच चौकाने वाला है. साथ ही यह बात भी असमंजस में डालने वाली है कि पुलिस को एक दिन पहले ही बेस पर होने वाले हमले की साजिश के बारे में आगाह कर दिया गया था लेकिन हमला रुक न सका.

एनआइए ने दर्ज किए तीन मामले

एनआइए ने पंजाब के पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले के पीछे की पूरी साजिश की जांच के लिए तीन मामले दर्ज किए और समझा जाता है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले को अंजाम दिया है. ये मामले शुरू में पठानकोट में स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किए गये थे और बाद में उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए को सौंप दिया गया. एनआइए की स्थापना मुंबई आतंकवादी हमले के बाद देश के सभी आतंकवादी मामलों की जांच के लिए की गयी थी. पहला मामला पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह के अपहरण से संबंधित है जबकि दूसरा मामला टैक्सी ड्राइवर इकागर सिंह की हत्या से संबंधित है. दोनों मामले पठानकोट के नरोट जयमाल सिंह पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गये थे. तीसरा और मुख्य मामला पठानकोट के पुलिस स्टेशन डिविजन नंबर दो में दर्ज किया गया और यह पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले से संबंधित है.

मैसूर : कर्नाटक के राज्‍यपाल वाजुभाई वाला ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के समापन समारोह के दौरान अपने भाषण में छात्र-छात्राओं को संबोधित हुए कुछ नसीहत दी, जिससे विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि कि लड़कियां पढ़ाई में लड़कों से ज्‍यादा गंभीर हैं, अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए यह जरूरी है कि जब वे कॉलेज जायें तो फैशन से दूर रहें. वे किसी सौंदर्य प्रतियोगिता में शामिल होने नहीं जा रहीं है. उन्‍हें लिपिस्टिक लगाने और आईब्रो बनाने की कोई जरूरत नहीं है.

उन्‍होंने आगे कहा कि,’ पुरुष और महिला दोनों के अंदर समझदारी है, लेकिन महिलाओं में जो गंभीरता दिखाई देती है वह पुरुषों में दिखाई नहीं देती. जीवन में कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है. इसलिए बुरी आदतों से दूर रहें और गंभीरता से आगे बढ़े.’

उन्‍होंने अपने भाषण में गंभीरता पर बल देते हुए कहा कि,’ आप (छात्राएं) कॉलेज में पढ़ाई करने जाती हैं. पढ़ाई को गंभीरता से लें और फैशन से दूर रहे. आप किसी सौंदर्य प्रतियोगिता में हिस्‍सा लेने नहीं आई हैं इसलिए आपको बाल संवारने, लिपिस्टिक लगाने और आईब्रो बनाने की जरूरत नहीं है.’ वहीं लड़कों को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि आप व्यसन से दूर रहें.

लेकिन राज्यपाल के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है, कांग्रेस नेता बरखा सिंह ने उनकी टिप्पणी को आपत्तिजनक बताया है और कहा है कि वे इतने गंभीर पद पर बैठे हैं, लेकिन उनका यह बयान काफी हल्का है, जो यह दर्शाता है कि वे अपने काम से ज्यादा महिलाओं के श्रृंगार पर ध्यान देते हैं.

नयी दिल्ली : घने कोहरे की वजह से आज यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विमानों की आवाजाही प्रभावित हुई.हवाईअड्डा सूत्रों ने बताया कि हवाईपट्टी पर दृश्यता आवश्यक सीमा से घट कर बहुत कम रह गयी जिसकी वजह से इंडिगो की एक उड़ान का मार्ग बदला गया जबकि सुबह चार बज कर 15 मिनट के बाद से रवाना होने वाले कई विमानों को रोकना पड़ा.

सूत्रों ने बताया कि यहां आने वाले विमानों को कैट (सीएटी)- तीन बी लैंडिंग प्रणाली की मदद से उतारा गया. विमानों का आना करीब एक घंटे पहले ही शुरू हुआ.कैट (सीएटी)- तीन बी लैंडिंग प्रणाली की मदद से विमान 50 मीटर की क्षीण दृश्यता में उतारे जा सकते हैं.

कैट (सीएटी) – तीन बी लैंडिंग के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर आवश्यक न्यूनतम दृश्यता 50 मीटर है और कम दृश्यता में उड़ान भरने संबंधी अभियानों (लो विजिबिलिटी टेक..ऑफ ऑपरेशन्स … एलवीटीओ) के लिए यह 125 मीटर है.जीएमआर संचालित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा देश में एकमात्र ऐसा हवाईअड्डा है जहां कैट (सीएटी) … तीन बी लैंडिंग प्रणाली की सुविधा है.

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मदरसों को 26 जनवरी पर तिरंगा फहराने की नसीहत देने के बाद अब दारूल उलूम देवबंद ने आरएसएस से पलटकर सवाल पूछा है. देवबंद के मीडिया सचिव मौलाना अशरफ उस्मानी ने कहा है कि संघ को किसी ने यह हक नहीं दिया कि वह मदरसों को निर्देश जारी करे. मदरसों का अपना हक है कि वह किस राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा फहराना चाहते हैं या नहीं. देवबंद ने पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में मदरसों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को स्वतंत्रता और देश से कोई मतलब नहीं है लिहाजा मदरसों पर दबाव बनाना गलत है.

देवबंद ने आरएसएस के इस निर्देशात्मक लहजे का विरोध करते हुए कहा है कि क्या संघ नागपुर के अपने मुख्यालय पर तिरंगा फहराता है. देवबंद के मुताबिक जमीयते उलेमा ए हिंद से जुड़े मदरसों में पहले से तिरंगा फहराया जाता है. 15 अगस्त और 26 जनवरी को छुट्टी भी रहती है. देवबंद का साफ कहना है कि संघ ऐसे निर्देश जारी करने से पहले अपने नागपुर के मुख्यालय पर तिरंगा फहराये. तब जाकर यह निर्देश दे. गौरतलब हो कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इसे लेकर वाराणसी में एक दिन बैठक भी करने वाला है. इस बैठक में वैसे मदरसों की सूची तैयार की जाएगी जिन्हें झंडा फहराने के निर्देश वाला खत नहीं पहुंचाया गया है.

पहले से तिरंगे फहराते हैं मदरसे उस्‍मानी ने बताया कि देवबंद की सामाजिक सभा ‘जमीयत उलेमा ए हिंद’ से जुड़े कई मदरसे तिरंगा फहराते हैं और 15 अगस्‍त व 26 जनवरी को छुट्टी भी रखते हैं. उन्होंने कहा कि संघ खुद सिर्फ एक रंग के झंडे को मानता है और उसी की वंदना करता है. आरएसएस के स्वयंसेवक अपने सभी कार्यक्रमों में सिर्फ अपने झंडे के सामने सिर झुकाते हैं . यदि संघ ऐसी नसीहत देता है तो पहले नागपुर मुख्यालय में तिरंगा फहराए.

पठानकोट : एयरबेस पर किये गये आतंकी हमले के पहले गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह से एनआईए समेत पंजाब पुलिस ने भी पूछताछ की लेकिन एसपी से मिले जवाब से जांच एजेंसी संतुष्ठ नहीं है. अब उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली लाया जायेगा जहां उनसे एक बार फिर पूछताछ की जायेगी.

इतना ही नहीं पूछताछ के दौरान झूठ पकड़ने वाली मशील का भी इस्तेमाल किया जायेगा. इससे पहले गुरदासपुर के एसपी से पूछताछ के बाद उन्हें उन जगहों पर भी ले जाया गया जहां आतंकी उन्हें ले गये थे. सलविंदर सिंह से जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही पूछताछ यह इशारा करती है कि अभी भी जांच एजेंसियां उनके दिये गये बयान से संतुष्ठ नहीं है.

सलविंदर का दावा गलत ?
उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने गुरदासपुर के अगवा एसपी सलविंदर के उस दावे को खारिज किया है जिसमें उन्होंने समय रहते ही सारी जानकारी देने का दावा किया है. एसपी सलविंदर ने दावा किया है कि अगर अधिकारियों ने उनकी दी गयी सूचना पर कार्रवाई की होती तो पठानकोट आतंकी हमले को रोका जा सकता था.
गौरतलब है कि सबसे पहले आतंकियों ने सलविंदर सिंह को ही उनकी गाड़ी के साथ अगवा किया था. पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हमले से ठीक पहले अगवा किए गए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह, उनकी कार ड्राइव कर रहे राजेंदर वर्मा और कुक मदन गोपाल ने मीडिया के समक्ष जो बातें रखी वह सचमुच चौकाने वाला है. साथ ही यह बात भी असमंजस में डालने वाली है कि पुलिस को एक दिन पहले ही बेस पर होने वाले हमले की साजिश के बारे में आगाह कर दिया गया था लेकिन हमला रुक न सका.
एनआइए ने दर्ज किए तीन मामले
एनआइए ने पंजाब के पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले के पीछे की पूरी साजिश की जांच के लिए तीन मामले दर्ज किए और समझा जाता है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले को अंजाम दिया है. ये मामले शुरू में पठानकोट में स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किए गये थे और बाद में उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए को सौंप दिया गया. एनआइए की स्थापना मुंबई आतंकवादी हमले के बाद देश के सभी आतंकवादी मामलों की जांच के लिए की गयी थी.
पहला मामला पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह के अपहरण से संबंधित है जबकि दूसरा मामला टैक्सी ड्राइवर इकागर सिंह की हत्या से संबंधित है. दोनों मामले पठानकोट के नरोट जयमाल सिंह पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गये थे. तीसरा और मुख्य मामला पठानकोट के पुलिस स्टेशन डिविजन नंबर दो में दर्ज किया गया और यह पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले से संबंधित है.

जम्मू : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बजट सत्र पर नयी सरकार निर्णय लेगी. इससे पहले विधानसभा में बजट सत्र 18 जनवरी से शुरू होना था. विधानसभा अध्यक्ष कविंदर गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि बजट सत्र की नयी तारीखें नयी सरकार के गठन के बाद तय की जाएंगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में कोई सरकार अस्त‍ित्व में नहीं है इसलिए बजट सत्र होने का सवाल ही नहीं उठता.

गौर हो कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद कासात जनवरी को निधन हो गया था और उसके बाद से राज्य में अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हो पाया है. जानकारी के मुताबिक, बजटसत्र के लिए विधायकों ने प्रश्नों कीसूची तैयार कर ली थी. विधायकों ने विधानसभा सचिवालय को 87 प्राइवेट बिल भी भेजे थे. बजट सत्र में इनपर भी चर्चा होनी थी.

पीडीपी सरकार बनाने की जल्दी में नहींहैऔर इसलिए राज्य में फिलहाल राज्यपाल शासन चल रहा है. सूत्रों का कहना है कि पीडीपी अपनी स्थ‍िति कमजोर नहीं करना चाहती इसलिए महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने की पहल नहीं कर रही.हालांकिभाजपा राज्य में जल्द-से-जल्दसरकारबनाये जानेकेपक्ष मेंहै.

नयीदिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 15-16 जनवरी को मुंबई की यात्रा करेंगे.इस दौरान वह पार्टी नेताओं के साथ बैठकें करेंगे तथा उनके वहां विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने की संभावना है. गौर हो कि राहुल गांधी रविवार को ही यूरोप यात्रा से लौटे हैं.

राहुल नेसोमवार को पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह समेत कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं से बातचीत की. पंजाब में कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी है. समझा जाता है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पार्टी नेताआें के साथ अपनी भेंट के दौरान पठानकोट आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी ली.

सूत्रों ने बताया कि राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का मत है कि भारत पाकिस्तान विदेश सचिव स्तर वार्ता के बारे में फैसला सरकार पर गुण-दोष के आधार पर छोड़ दिया जाए क्योंकि सरकार ने इस मुद्दे पर प्रमुख विपक्षी दल केा शामिल नहीं किया है. वैसे कांग्रेस समय-समय पर कहती रही है कि आतंकवाद एवं बाचतीत साथ नहीं चल सकते.

राहुल आज कांग्रेस महासचिव द्विग्विजय सिंह, मोहन प्रकाश, कांग्रेस प्रचार प्रमुख रणदीप सुरजेवाला, दिल्ली के पार्टी प्रभारी पीसी चाको से भी मिले और अपनी अनुपस्थिति के दौरान के देश के और पार्टी के अंदर के राजनीतिक घटनाक्रम का जायजा लिया.

जम्मू कश्मीर : मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी. मुख्यमंत्री के निधन के बाद जम्मू कश्मीर कौन चला रहा है इसे लेकर सवाल खड़े होने लगे थे. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर सवाल किया था कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद जम्मू कश्मीर कौन चला रहा है.

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि राज्यपाल शासन फिलहाल लागू किया गया है. सूत्रों के अनुसार इस संबंध में अबतक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. राज्यपाल एन एन वोहरा की सिफारिश के आधार पर जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू करने के लिए केंद्रीय गह मंत्रालय की अनुशंसा को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी है.
जम्मू कश्मीर में पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में महबूबा मुफ्ती का नाम लगभग तय है लेकिन अभी इसमें वक्त लग सकता है. महबूबा ने कुछ दिनों तक शपथ लेने से इनकार कर दिया था अब संभावना जतायी जा रही है कि वह सोमवार को शपथ ले सकती है. मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद ही महबूबा का नाम सामने आ गया था. पीडीपी के सभी विधायक महबूबा के नाम को लेकर सहमत है तो सहयोगी पार्टी भाजपा को भी इसमें कोई आपत्ति नहीं है. पीडीपी विधायक दल के 28 विधायकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए उनका समर्थन किया है. चार दिनों के शोक केबाद नयी सरकार के गठन पर फैसला लिया जा सकता है.

नयी दिल्ली : आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता तथा अन्य को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट दो फरवरी से अंतिम सुनवाई शुरु करेगा. सुनवाई के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता के खिलाफ फैसला दिया तो शायदवह इस वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव मेंशिरकत नहीं कर पाएंगी.

इस मामले में कर्नाटक हाइकोर्ट ने जयललिता को बरी कर दिया था. इस फैसले को द्रमुक एवं कर्नाटक सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है. मालूमहो कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय अण्‍णा द्रमुक कीप्रमुख जयललिता को इस मामले में निचली अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद पिछले वर्ष सितंबर में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.बादमें कर्नाटक हाइकोर्ट में उनकी अपील मंजूर होने और सजा खारिज होने के बाद मई, 2015 में वह फिर से मुख्यमंत्री बनीं. तमिलनाडु में अगले कुछ महीने में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में अगर सुप्रीमकोर्ट उनके खिलाफ फैसला देता है तोउन्हें बड़ा झटका लग सकता है.

हैदराबाद : इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बोलने को लेकर एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को कथित तौर पर एक सोशल नेटवर्किग साइट पर इस आतंकवादी संगठन से धमकी मिली है लेकिन हैदराबाद से सांसद ने कहा है कि वह इससे डरने वाले नहीं हैं. ओवैसी के ट्विटर वाल पर कथित तौर पर लिखा गया, यदि आप सच्चाई नहीं जानते हैं तो आपके लिए यह बेहतर होगा कि आप इस्लामिक स्टेट पर अपना मुंह बंद ही रखें, इस्लामिक स्टेट जल्द ही भारत पर आक्रमण करेगा.

हालांकि, ट्वीट को मिटा दिया गया है. ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, यदि कोई हमें ट्विटर पर कहता है कि हम भारत पर आक्रमण करेंगे, तो हम इसका जवाब देंगे. भारत हमारी मातृभूमि है और ऐसे बेहूदे को जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि आईएस का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि यह मुसलमानों सहित अन्य के खिलाफ हिंसा में शामिल है. आईएसआईएस की सोच अपने आप में एक बुरी मानसिकता है और इसका इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है.

कथित धमकियों को हास्यास्पद करार देते हुए उन्होंने कहा, हम नहीं जानते कि यह व्यक्ति दुनिया के किस कोने में चूहे की तरह बैठा हुआ है और वहां से बोल रहा है. उन्होंने कहा कि एमआईएम उनके खिलाफ है जो भारत के खिलाफ हैं. उनकी पार्टी पिछले तीन साल से आईएस के खिलाफ बोल रही है. ओवैसी ने कहा कि देश में कई विद्वानों ने आतंकी संगठन के खिलाफ बोला है और इसके कार्यों की निंदा की है.

आेवैसी ने कहा कि वह ऐसी धमकियों से नहीं डरते. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी विचारधारा है जिसे खत्म करने की जरूरत है. यह विचारधारा शत्रुता पर आधारित है. दुनिया भर के मुसलमान उसके खिलाफ हैं. बड़े विद्वानों ने उसके खिलाफ फतवा जारी किया है.

नयी दिल्ली : राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. राम मंदिर को लेकर लगातार बयान दे रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर मंदिर निर्माण के संबंध में विवादास्पद बयान दे डाला है. स्वामी ने मुस्लिम समुदाय से कहा है कि हमें 3 मंदिर दे दो और लगभग चालीस हजार मस्जिदें जिसमें 39,997 मस्जिदें शामिल हैं अपने पास रख लें. स्वामी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर कहा कि हम हिंदू भगवान कृष्ण का पैकेज मुसलमानों को ऑफर करते हैं, वो हमे 3 मंदिर दें दे और बाकी मस्जिदें अपने पास रख लें. मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम नेता दुर्योधन नहीं बनेंगे. स्वामी ने इससे पहले भी कई तरह के बयान दिए थे.

उन्होंने कहा था कि अयोध्या में मंदिर निर्माण की बात को राजनीतिक स्टंट के तौर पर नहीं देखें. स्वामी ने न्यूज़ एजेंसी को दिए बयान में कहा कि हम इस साल मंदिर नहीं बनाते हैं तो अगले साल चुनाव है और तब वर्ष 2018 तक का इंतजार करना होगा. स्वामी ने यह कहा कि यह लोकसभा चुनाव के लिए किया जा रहा है. क्योंकि हर साल यहां चुनाव है. हम सिर्फ चुनाव को लेकर मंदिर का निर्माण कार्य नहीं रोक सकते. स्वामी ने इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर चल रहे सेमिनार का विरोध करने वालों को कहा था क्या यह असहिष्णुता नहीं है. राम मंदिर पर दो दिवसीय सेमिनार के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में कांग्रेस और वामपंथी छात्र संगठनों ने सेमिनार का विरोध किया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर निर्माण पर सम्मेलन शुरू किया है जहां वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि कोई भी कार्य बलपूर्वक या कानून के खिलाफ नहीं किया जा सकता. इस सेमिनार में स्वामी ने कहा कि आयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हमारी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरी है. स्वामी के मुताबिक जब तक मंदिर का निर्माण नहीं होगा वे इसे नहीं छोड़ेंगे. उनका मानना है कि वह अदालत में भी मामले में जीत हासिल करेंगे. स्वामी ने यह भी दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी राम मंदिर के निर्माण को समर्थन देने का वादा किया था. स्वामी ने कांग्रेस से कहा है कि वो भी राम मंदिर के निर्माण के समर्थन में आगे आएं.

जोधपुर : अपने ही आश्रम की नाबालिग से बलात्कार के मामले में सेंट्रल जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका को जोधपुर सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रह्मण्यम स्‍वामी की जोरदार पैरवी के बाद भी जमानत याचिका खारिज हो गयी. इस बार आशाराम के समर्थकों को आशा थी की उन्हें जमानत मिलेगी. गौरतलब हो कि इस सप्ताह में आसाराम की जमानता याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी.

उसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के साथ आठ जनवरी यानि आज के दिन फैसला सुनाने की तारीख निश्चित की थी. आसाराम बलात्कार के आरोप में तीन साल से जेल में बंद हैं और उनकी सभी जमानत याचिकाएं अबतक खारिज होती रही हैं. आसाराम की पैरवी करने पहुंचे सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मीडिया को बताया कि उनका केस की पैरवी करने का कारण यह है कि आसाराम यह चाह रहे थे कि उनका केस मैं ही देखूं

नयी दिल्ली : सांडों को काबू में करने और सांड तथा बैलों की दौडों से जुडे अन्य लोकप्रिय खेल को केंद्र की ओर से अनुमति दिए जाने की निंदा करते हुये पेटा इंडिया ने आज कहा है क्रूरता के खिलाफ संरक्षण हटाना राष्ट्र के लिए एक ‘काला धब्बा’ है और वह इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी.
पीपुल्स फॉर द एथिकल टरीटमेंट ऑफ एनिमलस (पेटा) इंडिया ने कहा कि भाजपा समर्थक भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जो लोग मवेशियों के शुभचिंतक होने का दावा करते थे वे अब उन पर क्रूरता होने दे रहे हैं जबकि उच्चतम न्यायालय ने इस पर प्रतिबंध लगाया था.
पेटा इंडिया के सीईओ पूर्वा जोशीपुरा ने बताया, ‘‘आज सुबह से हमारे फोन भाजपा समर्थकों और अन्य लोगों की कॉल से घनघना रहे हैं जो इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जो अधिकारी मवेशियों के शुभचिंतक होने का दावा करते थे वे अब उन पर क्रूरता की अनुमति दे रहे हैं जिस पर उच्चतम न्यायालय ने पहले से ही प्रतिबंध लगा रखा था .”
उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरण मंत्रालय ने खुद 2011 में सांडा के इस्तेमाल वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा दी थी और मवेशियों के प्रति कू्ररता की रोकथाम अधिनियम के तहत 1960 से जल्लीकट्टू, सांड की दौड और सांड की लडाईयां गैरकानूनी हो गयी थीं .” केंद्र ने आज सांडों को काबू में करने के खेल जल्लीकट्टू को मंजूरी देने के लिए एक अधिसूचना जारी की जिसके बाद यह प्रतिक्रिया सामने आयी है. तमिलनाडू में राजनीतिक दलों द्वारा यह प्रतिबंध हटाए जाने की व्यापक तौर पर मांग की जा रही थी. इस राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने 2012 में सेना की गतिविधियों से बने विवाद को फिर से उठाते हुए जनरल वी के सिंह द्वारा कथित रुप से सत्ता पलटने के प्रयास करने की एक खबर को ‘दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन सच’ बताया. इस दावे का तिवारी की खुद की पार्टी ने जोरदार खंडन किया वहीं पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह ने भी इसे खारिज कर दिया.

सत्तारुढ़ भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयान देने के समय पर सवाल खडा़ किया लेकिन तिवारी अपने कहे पर कायम हैं. तिवारी ने कल यहां पुस्तक विमोचन समारोह में एक प्रश्न के उत्तर में एक तरह से करीब चार साल पुराने विवाद को फिर से उठाते हुए कहा था, ‘‘उस समय मैं रक्षा संबंधी स्थाई समिति का सदस्य था और यह दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन खबर सत्य थी. खबर सही थी.’

अक्तूबर 2012 से मई 2014 तक संप्रग सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे तिवारी ने कहा, ‘‘मैं बहस में नहीं पड़ रहा. मैं वही कह रहा हूं जो मुझे सही से पता है कि खबर सही थी.’ कांग्रेस नेता से इंडियन एक्सप्रेस अखबार में इस कथित घटना से संबंधित चार अप्रैल, 2012 को छपी खबर के बारे में पूछा गया था. खबर का शीर्षक था, ‘‘द जनवरी नाइट रायसीना हिल वाज स्पूक्ड : टू की आर्मी यूनिट्स मूव्ड टूवर्ड्स देहली विदआउट नोटिफाइंग गवमेंर्ट’.

वर्तमान में विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने तिवारी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बयान ऐसे व्यक्ति ने दिया है जिनके पास इन दिनों कोई काम नहीं है. सिंह ने कहा, ‘‘उनके पास इन दिनों कोई काम नहीं है. उन्हें मेरी किताब पढ़ने के लिए कहा जाना चाहिए जो सबकुछ बताती है.’ पहली बार जब विवाद उठा था तब भी असहज हुई कांग्रेस ने खबर को खारिज कर दिया था और उसने अब भी तिवारी के दावे का खंड़न किया है.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘मैं फिर स्पष्ट कर रहा हूं कि इसमें (2012 में सेना की गतिविधि के बारे में दावों में) बिल्कुल भी सचाई नहीं है. मेरे साथी ना तो सुरक्षा पर कैबिनेट समिति के सदस्य थे, और ना ही अन्य किसी निर्णय लेने वाली संबंधित इकाई में.’ उन्होंने कहा कि सेना की कुछ गतिविधियां रक्षा प्रणाली का आवश्यक, अंतनिर्हित और अपरिहार्य हिस्सा होती हैं.

सिंघवी के अनुसार, ‘‘यह कहना अनुचित, अनावश्यक और पूरी तरह गलत होगा कि उस समय लगाये गये उन आरोपों में कोई सचाई थी.’ पार्टी के एक और प्रवक्ता पी सी चाको ने कहा, ‘‘हम कांग्रेस पार्टी की ओर से बहुत साफतौर पर इस खबर का खंडन करना चाहते हैं.’ अपने दावे पर अपनी पार्टी में ही अलग-थलग पड़ गये तिवारी ने कहा, ‘‘मैंने कल जो कहा था, मुझे उसमें कुछ भी जोड़ना या घटाना नहीं है.’ इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी थी कि 16 जनवरी, 2012 की रात को सेना की एक प्रमुख इकाई ने बिल्कुल अनपेक्षित और गैर अधिसूचित तरीके से हिसार स्थित मेकेनाइज्ड इन्फेंटरी से राजधानी की ओर रख किया था.

अखबारी खबर के अनुसार उसी रात एक और इकाई दिल्ली की ओर बढी़ थी जिसे आगरा में स्थित 50 पैरा ब्रिगेड का बडा़ हिस्सा बताया गया. 16 जनवरी, 2012 को ही सिंह ने अपनी जन्मतिथि को लेकर विवाद के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय का रख किया था. इस मुद्दे पर उनका संप्रग सरकार के साथ टकराव बढ़ गया था.

तिवारी के बयानों के समय पर सवाल खडा करते हुए भाजपा ने इस विषय पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी के बयान की मांग की. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मनीष तिवारी ऐसे मुद्दे को उठा रहे हैं जिसमें उनकी ही सरकार ने इस बात को खारिज कर दिया था कि सत्ता पलट की कोई कोशिश की गयी. अब उनकी ओर से इस विषय को उठाना कई सवाल खडे़ करता है जिनका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए.’

भाजपा नेता ने कहा कि बयानों का समय भी राजनीतिक रुप से संदेह के घेरे में है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले भी देखा है कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाकर सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने की कोशिश की है.’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना चाहिए और भाजपा मांग करती है कि स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी को बयान देना चाहिए.’

इंडियन एक्सप्रेस में खबर छपने के दौरान अखबार के प्रधान संपादक रहे शेखर गुप्ता ने तिवारी के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस खबर को और अधिक पुष्टि की जरुरत है, लेकिन हां और किसी भी समर्थन का स्वागत है.’ उन्होंने एनडीटीवी से कहा, ‘‘लेकिन समर्थन से ज्यादा इस चर्चा का इसलिए स्वागत है क्योंकि मुझे लगता है कि भारत में….सरकार में इस तरह की प्रणाली है कि जो कुछ होता है, उसका खंडन किया जाता है क्योंकि यह वैसे भी बहुत अप्रिय बात थी.’

तत्कालीन सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए के चौधरी के संदर्भ में गुप्ता ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर उन्होंने कहा था कि दिल्ली की ओर बढ़ रहीं सेना की टुकडियों का कोई गुप्त उद्देश्य नहीं था और ये नियमित कवायद थी, जो सच हो सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उस खबर के तथ्यों की पुष्टि पहली बार ऐसे किसी ने की है जो राजनीतिक पाले में था और उस सरकार में था.

मैं उम्मीद करता हूं कि इस पर अब बहस होगी और मुझे आशा है कि इसे राजनीतिक रुप से पक्षपाती तरीके से नहीं बल्कि व्यवस्थागत तरीके से देखा जाएगा क्योंकि जो कुछ भी हुआ व्यवस्थागत खामी या नाकामी थी. मैं इसे राजनीति के तौर पर नहीं देखता.’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी परिवार में, परिवार के किसी सदस्य के साथ या परिवार के साथ कुछ गलत होता है तो उस परिवार को पता होता है लेकिन सब उसे छिपाने की कोशिश करते हैं ताकि पडो़सी को पता नहीं चले और उन्हें शर्मिंदगी नहीं झेलनी पडे़.’

क्या कहा मनीष तिवारी ने
आपको बता दें कि शनिवार को मनीष तिवारी ने एक किताब क विमोचन के दौरान कहा है कि साल 2012 में सेना की दो टुकडियों ने दिल्ली की ओर कूच किया था. इसका अर्थ यह हुआ कि सेना 2012 में मनमोहन सरकार का तख्तापलट करना चाहती थी. मनीष तिवारी ने यह खुलासा पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए किया. कार्यक्रम के दौरान मनीष तिवारी से एक पत्रकार ने पूछा कि क्या सेना ने मनमोहन सिंह के पीएम रहते वक्त दिल्ली कूच किया था? इस प्रश्‍न का जवाब देते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि दुर्भाग्यवश ये सही खबर थी.

क्या छापा था इंडियन एक्सप्रेस

4 अप्रैल 2012 को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इससे जुड़ी एक खबर छापी थी लेकिन उस वक्त की तत्कालीन मनमोहन सरकार ने इस खबर का खंडन किया था. अखबार ने छापकर दावा किया था कि सरकार की बिना इजाजत के सेना की दो टुकड़ियां दिल्ली की तरफ बढ़ रहीं हैं. अखबार की इस खबर पर मुहर शनिवार को मनीष मिवारी ने लगायी. उल्लेखनीय है कि मनीष तिवारी अप्रैल 2012 में तो मंत्री नहीं थे लेकिन अक्टूबर 2012 में उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था.

बटाला/पंजाब : थाथा गांव के नजदीक आज सुबह एक जीप से टकरा जाने के बाद एक स्कूली बस एक नाले में गिर गयी, जिससे तीन स्कूली छात्रों की मौत हो गयी.जबकि 36 अन्य घायल हो गये. पुलिस ने बताया कि यह हादसा उस समय हुआ जब एक निजी स्कूल की बस अमृतसर जिले के मजीठा से गुदासपुर के फतेहगढ चूड़ियां शहर की ओर आ रही थी.

उन्होंने बताया कि दो छात्रों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी और तीसरे की मौत फतेहगढ चूड़ियां में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाते समय हो गयी. घायल छात्रों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

मुंबई : कांग्रेस ने महाराष्ट्र में 345 वार्डों के लिए हुए नगर परिषद एवं नगर पंचायत चुनावों एवं उपचुनावों में 105 वार्डों में जीत दर्ज कर शानदार प्रदर्शन किया है. जबकि राकांपा और शिवसेना क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं और भाजपा को चौथे स्थान पर रहकर मात्र 39 सीटों से संतोष करना पड़ा. गत रविवार को हुए इन चुनावों के परिणाम कल देर रात घोषित किए गये.

गणना के अंतिम आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस 105 वार्डों पर जीत दर्ज कर पहले, राकांपा 80 वार्डों पर जीत के साथ दूसरे और शिवसेना 59 वार्डों में जीत के साथ तीसरे स्थान पर रही. रायगढ, नंदूरबार, अहमदनगर, नांदेड, उस्मानाबाद, हिंगोली, वाशिम और चंद्रपुर नगर परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव आयोजित किए गयेथे. रत्नागिरि, जलगांव, लातूर, यवतमाल, वर्धा और भंडारा में उपचुनाव हुए थे.

भाजपा को सबसे बड़ा झटका अहमदनगर जिले के जामखेड और चंद्रपुर में लगा. जामखेड गृह राज्य मंत्री राम शिंदे का गृहनगर है जबकि चंद्रपुर का प्रतिनिधित्व महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार करते हैं. कांग्रेस-राकांपा नेताओं ने इस परिणाम को सत्तारुढ पार्टी के प्रति लोगों के मोहभंग का प्रतीक बताया है.

विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा, परिणाम दिखाते हैं कि कांग्रेस के प्रति लोगों का विश्वास लौट आया है और उनका भाजपा के शासन से मोहभंग हो गया है. ये परिणाम कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुंबई यात्रा से पहले आए हैं. राहुल गांधी 15 और 16 जनवरी को मुंबई के दौरे पर आएंगे. विधान परिषद में विपक्ष के नेता राकांपा के धनंजय मुंडे ने कहा, ये परिणाम महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना नीत सरकार की असफलता को दर्शाते हैं.

59 नगर पंचायत और नगर परिषदों में नवंबर 2015 में हुए चुनाव में भाजपा 254 वार्डों में जीत के साथ पहले स्थान पर रही थी. उस समय कांग्रेस को 239 वार्डों, राकांपा को 201 वार्डों और शिवसेना को 126 वार्डों में जीत मिली थी.

नयी दिल्ली : डीडीसीए जांच पैनल के प्रमुख चेतनबी सांघी से दिल्ली की आप सरकार ने पीछा छुड़ाने का तैयारीकरली है. दिल्ली सरकार की ओर से नियुक्त किए गये डीडीसीए जांच पैनल के मुखिया सांघी ने अपनी जांच रिपोर्ट में दिल्ली क्रिकेट संघ में हुयीं अनियमितताओं के लिएकेंद्रीयवित्त मंत्री अरुण जेटली को जिम्मेदार नहीं ठहराया था. इसके बाद सांघी की ओर से कल केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि को लिखी एक चिट्ठी सार्वजनिक हुई, जिसमें उन्होंने केंद्र को बताया है कि उन पर इस क्रिक्रेट निकाय के मामलों पर अपनी (जांच) रिपोर्ट में ‘किसी खास वीआईपी’ समेत कुछ व्यक्तियों के नाम लेने का उन पर विभिन्न पक्षकारों से उन पर दबाव था.

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक इसी के बाद दिल्ली सरकार ने सांघी को हटाने का मन बना लिया है. सांघी फिलहाल छुट्टी पर हैं. इससे पहले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि जांच पैनल के सदस्य राहुल मेहरा ने सांघी पर अरुण जेटली का नाम लेने का दबाव डाला था.गौर हो कि आपने जेटली पर वर्ष 1999-2013 के दौरान डीडीसीए का प्रमुख रहते हुए गड़बड़ियां होने का आरोप लगाया है.

हालांकि दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील मेहरा ने विजेंद्र गुप्ता और सांघी के आरोपों को बेबुनियाद एवं राजनीति से प्रेरित करार दिया है. सांघी ने पिछले साल नवंबर में आप सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी. सांघी पैनल की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए पिछले महीने जांच आयोग का गठन किया था.

मेरठ : साध्वी प्राची ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू हो जाएगा. यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने आईं साध्वी प्राची ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशे जा रहे हैं. संत समाज अब किसी दबाव में पीछे नही हटेगा. साध्वी प्राची ने मुजफ्फरनगर और बरेली की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को सोची समझी साजिश के तहत कश्मीर घाटी बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि साधु-संतों को उत्तर प्रदेश की बागडोर अपने हाथ में लेनी होगी. उन्होंने सपा के कैबिनेट मंत्री आजम खां पर रासुका लगाये जाने की मांग करते हुए कहा कि आजम खां लगातार योगी आदित्यनाथ, साक्षी महाराज और मेरे बारे में टिप्पणी करते रहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सपा सरकार ने उन्हें खुली छूट दे रखी है.
प्राची ने एक सपा नेता द्वारा राम मंदिर बनने पर दस लाख रुपये और सोने का मुकुट चढाने की घोषणा को दिखावा बताते हुए कहा कि यह घोषणा वाहवाही लूटने के लिए की गई है.

नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी नेता नितिन गड़करी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नितिन गड़करी ने अपने पद कादुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों को 10050 करोड़ का ठेका दिया है. दिग्विजय सिंह के इस आरोप का नितिन गड़करी ने खंडन किया है. नितिन गड़करी ने जवाब में कहा है कि मेरा बेटा उस कंपनी का निदेशक नहीं है. मेरे पास उस कंपनी के शेयर भी नहीं है. गड़करी ने कहा कि मेरे विभाग द्वारा किसी भी तरह के नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है.

वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जोजिला के पास टनल बनाने का प्रोजेक्ट आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड को दिया गया है जो गड़करी के रिश्तेदारों की कंपनी है.

नयी दिल्ली : पठानकोट एयरबेस में हुए आतंकी हमले के बाद अभी भी वहां तलाशी अभियान जारी है. आज एनआईए के दस सदस्यों की टीम ने एके 47 राइफल की मैगजीन, एक मोबाइल फोन और एक जोड़ी दूरबीन बरामद की. पठानकोट एयरबेस में ग्रामीणों ने कुछ अनजान लोगों के देखे जाने की बात कही थी. इसके बाद इस जगह की पूरी तरह तलाशी ली जा रही है. पिछले दिनों कुछ संदिग्धों को भी इस इलाके से पकड़ा गया लेकिन टीम को बड़ी सफलता नहीं मिली.

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शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पठानकोट एयरबेस का दौरा किया था, प्रधानमंत्री के साथ एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे. पठानकोट एयरबेस में हुए हमले की कमान उन्हीं के हाथ में थी और दिल्ली से एनएसजी को बुलाने का फैसला भी उन्हीं ने लिया था.
अब भारत मारे गये आतंकियों की पहचान के लिए इंटरपोल की मदद भी लेगा.शवों की पहचान के लिएएनआइए इंटरपोल से ब्लैक कॉर्नर नोटिस प्राप्त करेगी.दूसरी तरफ एनआईए की टीमनेगुरदासपुर केतत्कालीनएसपीसलविंदर सिंह,
उनकेरसाइये व मित्र राजेश से भी आजदिल्ली मेंपूछताछ की है. गुरदासपुर एसपी के दिये गये बयान से जांच एजेंसियां संतुष्ट नहीं है ऐसे में उनसे भविष्य में और पूछताछ होगी.
पठानकोट एयरेबस में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत ने पाकिस्तान को सबूत सौंपे हैं अब एनआईए द्वारा बरामद किये गये सामान से कोई पुख्ता सबूत भी मिलने की संभावना है जिससे पाकिस्तान को और मजबूत सबूत दिये जा सकें. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भीइस मामले मेंएक टीम का गठन कर दियाहै.
हालांकि आज पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत द्वारा साैंपे गये फोन नंबर उनके देश में रजिस्टर्ड ही नहीं है. वहीं पाकिस्तान में कुछ लोगों की गिरफ्तारी की खबरें भी आ रही है. वहीं,आज पठानकोट मामले को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रॉ चीफ और एनएसए अजीत डोभाल समेत कई सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की और इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी गृह मंत्री से मुलाकात की है.

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा है कि पठानकोट हमले के मामले में उन्होंने किसी मीडिया में कोई भी साक्षात्कार नहीं दिया है. डोभाल ने साक्षात्कारकेहवाले से छपी खबर का खंडन करते हुए कहा एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि भारत-पाक विदेश सचिव वार्ता रद्द नहीं हुईहै.हालांकि बातचीत की तारीख अभी तय नहीं है.

गौर हो कि एक हिंदी दैनिक में उनके साथ खास बातचीत का हवाला देते हुएएकरिपोर्ट प्रकाशित किया गया है. रिपोर्टके मुताबिक, अब जब तक पाकिस्तान पठानकोट के गुनहगारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं करेगा और भारत उससे संतुष्ट नही होगा, तब तक कोई शांतिवार्ता नहीं करेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, इसी के तहत भारत ने 15 जनवरी को लाहौर में होने वालीभारत-पाककेसचिवस्तर की वार्ता भीरद्द कर दी हैऔर अबपाकिस्तान के कार्रवाई से पहले कोई बात नहीं होगी.इधर, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत बरकरार है. भारत पठानकोट मामले पर पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई का इंतजार कर रहा है.

वहीं, अजीत डोभाल ने इस मामले पर एक टीवी चैनल से बातचीत में इस साक्षात्कार का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने किसी भी मीडिया में इस तरह की कोई बात नहीं कही है.इससे पहले पठानकोट आतंकवादी हमले के परिप्रेक्ष्य में अनिश्चितताओं के बीच पाकिस्तान ने कहाथा कि भारत के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता 15 जनवरी को होनी तय है. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के विदेश सचिवों के बीच पंद्रह जनवरी को बैठक होने का कार्यक्रम है.

श्रीनगर: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रविवार यानी आज श्रीनगर जाकर दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती से मुलाकात करेंगी और संवेदना प्रकट करेंगी. आपको बता दें कि महबूबा मुफ़्ती को जम्मू-कश्मीर की भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है. उनके अगले कुछ दिनों में शपथ लेने की संभावना है.

इस संबंध में जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने से कहा कि महबूबा जी के साथ संवेदना जताने के लिए सोनिया जी के रविवार को श्रीनगर की यात्रा का कार्यक्रम है. मीर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष रविवार दोपहर बाद मुफ्ती परिवार के निवास जाएंगी और महबूबा से मिलेंगी.

उन्होंने कहा कि हालांकि वह बिजबेहडा नहीं जाएंगी जो सईद का पैतृक कस्बा है. सईद को बिजबेहडा में सुपुर्दे-ए-खाक किया गया था.

नयी दिल्ली : पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा के मद्देनजर सतर्कता बढ़ादी गयी है. एेसे में अब हवाई सफर करने वाले यात्रियों को सुरक्षा के कड़े इंतजामोंकीवजह से काफी देर पहले एयरपोर्ट पर पहुंचनाहोगा. एयर इंडिया ने सोमवार को यात्रियों से आग्रह किया है कि यात्री फ्लाइटरवाना के नियत समय से तीन घंटे पहले ही एयरपोर्ट पररिपोर्ट करें.

एयरइंडिया की तरफ से जारी एक बयान में कहागया है कि देश मेंसुरक्षा अलर्ट के मद्देनजर पैसेंजर और उनके सामान को एयरपोर्ट पर अधिक कड़ीसुरक्षा जांच से गुजरना पड़ सकता है. इस वजह सेउड़ान में देरी हो सकती है. परेशानी से बचने के लिए बेहतर होगा कि पैसेंजरतीन घंटे पहले ही एयरपोर्ट पर पहुंचने का प्रयास करें.

इससे पहले चेक-इन के नियमों के तहतयात्रियों को डोमेस्टिक फ्लाइट के लिए 75 मिनट पहले और इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए करीब ढाई घंटे पहले रिपोर्ट करना होता है. हालांकि अभी तक प्राइवेट एयरलाइंस की तरफ से इस तरह का बयान जारी नहीं किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ एयरलाइंस ने पैसेंजर से फ्लाइट पकड़ने के लिए जल्दी रिपोर्ट करने को कहा है.

चंडीगढ : आम आदमी पार्टी अध्यक्ष एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 13 जनवरी को पठानकोट और गुरदासपुर का दौरा करेंगे और पठानकोट आतंकवादी हमले में शहीद सुरक्षा कर्मियों के परिवारों से मिलेंगे.

आप के संगठन निर्माण प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आज कहा, ‘‘वह (अरविंद केजरीवाल) 13 जनवरी को पठानकोट जाएंगे और शहीदों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेंगे .” केजरीवाल हवलदार कुलवंत सिंह, मानद कैप्टेन फतह सिंह और टैक्सी चालक इकागर सिंह के परिजनों से मुलाकात करेंगे.
कुलवंत सिंह और फतह सिंह गुरदासपुर जिले में क्रमश: चाक शरीफ और झंडा गुज्जरान गांव के रहने वाले थे. दोनों पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे. उल्लेखनीय है कि केजरीवाल को मुक्तसर में 14 जनवरी को माघी मेला पर एक राजनीतिक सम्मेलन को संबोधित करना है. केजरीवाल की पार्टी की नजर पंजाब में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने पर है.

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का वह अनुरोध आज स्वीकार कर लिया जिसमें वित्त मंत्रालय, शहरी विकास और कारपोरेट मामले, आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों से नेशनल हेराल्ड मामले में दस्तावेज समन करने की मांग की गयी थी.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने स्वामी से कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण और रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज सहित इन विभागों को समन भेजने का प्रक्रिया शुल्क दाखिल करें. संक्षिप्त सुनवाई के दौरान स्वामी ने अदालत से कहा कि मामले में आगे की जिरह के लिए उन्हें इन दस्तावेजों की जरूरत है जो इन मंत्रालयों के पास हैं.
स्वामी ने अदालत से कहा, ‘‘उनके पास (इन मंत्रालयों और एजेंसियों) दस्तावेज हैं. इन दस्तावेजों को समन किया जाना चाहिए .’ न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप प्रक्रिया शुल्क दाखिल करें. आपके आवेदन को मंजूरी दी जाती है.’ अदालत ने 19 दिसम्बर 2015 को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी, कांग्रेस के तीन अन्य नेताओं मोतीलाला वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को जमानत दे दी थी जो अदालत द्वारा पूर्व में भेजे गए समन के मुताबिक पेश हुए थे.
मामले में एक अन्य आरोपी सैम पित्रोदा को चिकित्सकीय आधार पर उस दिन व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट दे दी गयी थी. स्वामी की तरफ से दर्ज निजी आपराधिक शिकायत से यह मामला जुडा हुआ है जिसमें स्वामी ने उनके खिलाफ ठगी, षड्यंत्र और आपराधिक विश्वासभंजन का मामला दर्ज कराया था.
सुनवाई के दौरान आज स्वामी ने अदालत से कहा कि अदालत के आदेश के मुताबिक उन्होंने आरोपियों को शिकायत की प्रतियां और इसके साथ संलग्नक भेज दिये हैं लेकिन वे इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
स्वामी ने कहा, ‘‘उन्होंने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया और वे एक सीधा बयान दे रहे हैं कि यह अधूरा है. मैं नहीं जानता कि क्या अधूरा है. हमने अदालत के आदेश का पालन किया है और अगर वे बताते हैं कि क्या अधूरा है तो हम उन्हें वे दस्तावेज भी देने को तैयार हैं.” इस पर अदालत ने कहा, ‘‘आप पोस्ट से उनके कार्यालयों में इसे भेज दें।” दस्तावेज समन करने की अपनी अर्जी में स्वामी ने कहा है कि मामले में उनकी जरुरत है.
उन्होंने जो दस्तावेज मांगे हैं वे एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) से जुडे हुए हैं. सोनिया, राहुल, वोरा (कांग्रेस कोषाध्यक्ष), फर्नांडिस (कांग्रेस महासचिव), दुबे और पित्रोदा को भादंसं की धारा 403 (संपति की बेईमानी से हेराफेरी), 406 (आपराधिक विश्वासभंजन), 420 (ठगी) और धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत समन जारी किए गए थे.

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज जोर दिया कि जो भी व्यक्ति या संगठन भारत को दर्द देगा, उसे उसी तरह का दर्द देना चाहिए लेकिन यह कैसे, कब और कहां होगा, वह भारत की पसंद के अनुरूप होना चाहिए. रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी पठानकोठ आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सामनेआयी है. सेना प्रमुख जनरल दलवीर सिंह सुहाग समेत सेना के शीर्ष अधिकारियों एवं अन्य लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इतिहास हमें यह बताता है कि जो लोग नुकसान पहुंचाते हैं, जब तक उन्हें उस दर्द की अनुभूति नहीं होती, वे नहीं बदलते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ यह मेरा मत है, इसे सरकार की सोच के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए… मैं हमेशा से मानता हूं कि अगर कोई आपको नुकसान पहुंचाता है, तब वह उसी भाषा को समझता है.’ सेना की ओर से आयोजित एक समारोह में पर्रिकर ने कहा, ‘‘ यह कैसे, कब और कहां हो, यह आपकी पसंद होनी चाहिए. कोई इस देश को नुकसान पहुंचाता है, तब उस व्यक्ति या संगठन… मैं व्यक्ति और संगठन शब्द का उपयोग कर रहा हूं…. उन्हें ऐसे कार्यो के लिए उसी तरह का दर्द दिया जाना चाहिए.’

इस बारे में विस्तार से बताने पर जोर देने पर पर्रिकर ने बाद में कहा, ‘‘ बुनियादी सिद्धांत यह है कि जब तक आप दूसरों को दर्द नहीं देंगे, चाहे वह कोई भी क्यों न हो, तब वह ऐसी घटनाएं कम नहीं होंगी.’ पठानकोट हमले का जिक्र किये बिना मंत्री ने कहा कि जिन सात सैनिकों ने बलिदान दिया, उन पर देश को गर्व है लेकिन इस नुकसान से उन्हें दुख पहुंचा है.

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ समय आ गया है कि जब हम अपने सैनिकों को बताएं कि ऐसा हो सकता है कि हमें कुछ सैनिकों का नुकसान हो. इस घटना में सीधे मुकाबले में हमें एक सैनिका को खोना पड़ा.” पर्रिकर ने कहा कि हमें उन्हें इस अवधारणा के बारे में सोचने के लिए कहना चाहिए कि आप अपने शत्रु, अपने देश के शत्रुओं की जान लें, बजाए इसके कि अपनी जान दें. यह महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि बलिदान का सम्मान किया जाना चाहिए, देश को जरूरत इस बात की है कि शत्रुओं को खत्म किया जाए. यह पूछे जाने पर कि क्या इसका अर्थ पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की नीति में बदलाव से है, रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई आता है और हथौड़ा मारता है, तो क्या आप चुप रहेंगे? यह कैसी नीति है? उन्होंने कहा, ‘‘ मैं जो आपसे कह रहा हूं कि वह यह है कि इतिहास हमें बताता है कि जो लोग आपको नुकसान पहुंचाते हैं, अगर उन्हें यह आभास नहीं होता कि इससे क्या दर्द होता है तो वह नहीं बदलेंगे.”

मालूम हो कि दो जनवरी को पाकिस्तान में प्रशिक्षण पाये जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे व 20 घायल हुए थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को सबूत देकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में आज सुबह कोहरे का असर रहा और न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. उत्तर रेलवे ने कम दृश्यता के कारण 71 ट्रेनों को रद्द कर दिया और दिल्ली आने जाने वाली 10 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, कुछ इलाकों में हल्का कोहरा रहने के अलावा सुबह के दौरान अपेक्षाकृत मौसम साफ रहा. सुबह पांच बजकर 30 मिनट पर दृश्यता का स्तर 1000 मीटर रहा जो सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर घटकर 600 मीटर हो गया.

विमानों का परिचालन प्रभावित नहीं हुआ है. कोहरे के कारण दिल्ली आने जाने वाली 10 ट्रेनों के देर से चलने की खबर है जबकि कोहरे के कारण 71 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, कोहरे के कारण, 71 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है जबकि हावड़ा, सियालदह और भुवनेश्वर से आने वाली राजधानी ट्रेनों सहित दिल्ली आने जाने वाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.

पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस खराब मौसम के कारण अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं. सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर आर्द्रता का स्तर 95 प्रतिशत दर्ज किया गया. मौसमविद ने दिन के दौरान आसमान साफ रहने की संभावना व्यक्त की है. अधिकारी ने कहा, आसमान आमतौर पर साफ रहेगा. अधिकतम तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. कल का अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

श्रीनगर : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज यहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की और उनके पिता तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक-संवेदना प्रकट की. इस मुलाकात को राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

दिल्ली से यहां पहुंची सोनिया गांधी अपराह्न तीन बजे हवाईअड्डे से सीधे यहां गुपकर में महबूबा के फेयरव्यू आवास पहुंची. वह करीब 20 मिनट तक पीडीपी अध्यक्ष के साथ रहीं. कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर और पार्टी नेता सैफुद्दीन सोज भी थे.

सोनिया और महबूबा की मुलाकात को राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पीडीपी की सहयोगी भाजपा ने मुफ्ती के निधन के बाद अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा को औपचारिक समर्थन नहीं जताया है.

कांग्रेस पहले 2002 से 2008 के बीच पीडीपी के साथ जम्मू कश्मीर की सत्ता में साझेदारी कर चुकी है जिसमें तीन-तीन साल के अंतर पर दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री रहे. बाद में 2008 में वे अलग हो गये. सोनिया गांधी के यहां पहुंचकर महबूबा से मुलाकात करने को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस तरह की खबरें हैं कि पीडीपी और भाजपा नयी सरकार के गठन पर नये सिरे से बातचीत कर रहे हैं.

पीडीपी पहले ही राज्यपाल एन एन वोहरा को एक पत्र दे चुकी हैं जिसमें कहा गया है कि पार्टी के सभी 27 विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा का समर्थन करते हैं. लेकिन खबरों के मुताबिक महबूबा ने कहा है कि वह अपने पिता के निधन के शोक के चौथे दिन तक शपथग्रहण नहीं करेंगी.

वोहरा ने शुक्रवार को पीडीपी और भाजपा दोनों से सरकार गठन पर अपनी स्थिति तत्काल स्पष्ट करने को कहा था. भाजपा ने अपनी स्थिति नहीं बताई, जिसके बाद राज्यपाल ने कल राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया. इधर टाइम्स नाउ के अनुसार जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर बीजेपी ने पीडीपी के सामने शर्त रखी है. भाजपा ने ‘बारी-बारी से सीएम’ की शर्त रखी है. हालांकि पीडीपी ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया है.

* हमारे व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्मृतियों में बने रहेंगे मुफ्ती : सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महबूबा को भेजे शोक संवेदना जताने वाले पत्र में मुफ्ती मोहम्मद सईद को एक ‘‘बहुत अच्छा प्रशासक बताया जो जम्मू कश्मीर के लोगों के कल्याण को प्रतिबद्ध’ थे. सोनिया ने सईद को एक ऐसा व्यक्ति बताया जिनके भीतर विविधता का सम्मान एवं सहिष्णुता संबंधी सर्वोत्तम भारतीय मूल गुण परिलक्षित होते थे.’ कांग्रेस पार्टी की ओर से यहां जारी पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्ती साहेब पार्टी सीमाओं से उपर थे. वह पार्टी संबद्धता से परे थे. वह सभी के थे. उनमें विविधता का सम्मान एवं सहिष्णुता संबंधी सर्वोत्तम भारतीय मूल गुण परिलक्षित होते थे.’

सोनिया ने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री सर्वश्रेष्ठ मानव मूल्यों के प्रतीक थे. उन्होंने कहा, ‘‘(वह) सबसे अधिक दबाव में भी देखभाल करने वाले, शांत और दयालु थे और सभी तक पहुंच बनाते थे और सभी से सम्पर्क रखते थे और लोगों को साथ लाते थे और पूर्वाग्रह से मुक्त थे.’ कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘‘2002 में मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने स्वयं मरहम लगाने का संकल्प लिया.

उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया लेकिन उनका व्यक्तित्व इतना ताकतवर था और उनका ऐसा विश्वास था कि उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों में चेतना पैदा की वह उनसे सफलतापूर्वक सामना कर पाये और उनसे किया वादा पूरा किया.’ सोनिया ने कहा, ‘‘मुफ्ती साहेब हम सभी को अचानक छोड़ गए लेकिन वह हमारे व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्मृतियों में बने रहेंगे. वह जम्मू कश्मीर और देश की बेहतरीत मिश्रित परंपराओं के एक उदाहरण के रुप में बने रहेंगे.’

नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज यूरोप के अपने दौरे से लौट आए और अपनी अनुपस्थिति में हुए घटनाक्रमों का जायजा लेने के लिए वह कल पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. पूर्व में राहुल के विदेश दौरे काफी अटकलें पैदा कर चुके हैं. उन्होंने गत 28 दिसंबर को ट्विटर पर अपने यूरोप दौरे की घोषणा की थी.

उन्होंन ट्वीट किया था, ‘‘मैं कुछ दिनों के लिए यूरोप जा रहा हूं. आप सब को नये साल की शुभकामनाएं.” कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि राहुल आज तड़के वापस लौटे और कल पार्टी नेताओं से मिलेंगे. राहुल पूर्व में भी कुछ मौकों पर नये साल के दौरान देश से बाहर रहे हैं.
उनके आखिरी दो विदेश दौरे काफी चर्चा में रहे थे जिनमें पिछले साल फरवरी-अप्रैल के बीच उनकी करीब दो महीने की छुट्टी और सितंबर में एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिका के ऐस्पेन का दौरा शामिल है. दोनों ही दौरों को लेकर भाजपा ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया था.

नयी दिल्ली : हिंदी जगत के जाने-माने उपन्यासकार, कहानीकार और संस्मरण लेखक रवींद्र कालिया का आज निधन हो गया, वे 78 वर्ष के थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई यादगार कहानियां लिखीं. उन्हें सोमवार दोपहर अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया और उनकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है.

उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया है. वे लीवर सिरोसिस के मरीज हैं. कालिया की पत्नी ममता कालिया जो हिंदी की मशहूर लेखिका हैं और उनके परिजन उनके साथ हैं. श्री कालिया साठोत्तरी पीढी के महत्वपूर्ण लेखक थे. जन्म 11 नवंबर 1938 में पंजाब के जालंधर में हुआ था. साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया था.

जिनमें उप्र हिंदी संस्थान का प्रेमचंद स्मृति सम्मान, मप्र. साहित्य अकादेमी द्वारा पदुमलाल बक्शी सम्मान, उप्र हिंदी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान, उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा लोहिया सम्मान, पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि साहित्य सम्मान शामिल है.

रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक हैं, जिन्हें पाठकों की नब्ज का अच्छी तरह से पता था. उन्होंने ‘नया ज्ञानोदय’ के संपादन का दायित्व संभालते ही उसे हिंदी साहित्य की अनिवार्य पत्रिका बना दिया.धर्मयुग में रवींद्र कालिया के योगदान से सारा साहित्य-जगत परिचित है. रवींद्र कालिया ने वागर्थ, गंगा जमुना, वर्ष का प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र अंक, मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन किया.
मुख्य कृतियां
कहानी संग्रह : नौ साल छोटी पत्नी, काला रजिस्टर, गरीबी हटाओ, बाँके लाल, गली कूचे, चकैया नीम, सत्ताइस साल की उमर तक, जरा सी रोशनी, रवींद्र कालिया की कहानियाँ
उपन्यास : खुदा सही सलामत है, ए बी सी डी, 17 रानडे रोड
संस्मरण : स्मृतियों की जन्मपत्री, कामरेड मोनालिज़ा, सृजन के सहयात्री, ग़ालिब छुटी शराब, रवींद्र कालिया के संस्मरण
व्यंग्य : राग मिलावट मालकौंस, नींद क्यों रात भर नहीं आती
संपादन : वागर्थ, नया ज्ञानोदय, गंगा जमुना, वर्ष (प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र), मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन

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