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Pathankot Attack : +92 3000597212 यह नंबर है आतंकियों के ”उस्ताद” का

पठानकोट : पठानकोट वायु सेना ठिकाने पर हमले को लेकर आज अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी है जिसमें दो नंबर का उल्लेख किया है. अखबार ने अपनी इस खबर में दावा किया है कि ये दोनों नंबर वही हैं जिसमें आतंकियों ने हमले के पहले और हमले के दौरान बात की है […]

पठानकोट : पठानकोट वायु सेना ठिकाने पर हमले को लेकर आज अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी है जिसमें दो नंबर का उल्लेख किया है. अखबार ने अपनी इस खबर में दावा किया है कि ये दोनों नंबर वही हैं जिसमें आतंकियों ने हमले के पहले और हमले के दौरान बात की है और दोनों ही नंबर पाकिस्तान के हैं. खबर में लिखा गया है कि यदि पाकिस्तानी पीएम को कोई शक है तो वे इन नंबरों की जांच करा लें. एक नंबर आतंकी की मां का है जबकि दूसरा नंबर उसके उस्ताद का है. ये दोनों नंबर क्रमश : 92-3017775253 और +92 300097212 हैं.

खबर में लिखा गया है कि खुफिया विभाग ने कहा है कि आतंकी हैंडलर को उस्ताद के नाम से बुला रहे थे जब वे पंजाब में दाखिल हुए और अपने पोजिशन की जानकारी उन्हें दे रहे थे. पहला कॉल आतंकियों ने +92 300097212 पर करीब 9.12 बजे रात को 31 दिसंबर को किया. यह कॉल आतंकियों ने टैक्सी ड्राइवरइकरार सिंहके फोन से किया जिसे उन्होंने बाद में मार दिया. आतंकी दूसरी ओर पाकिस्तान में बैठे शख्‍स को उस्ताद के नाम से संबोधित कर रहे थे. एक बार उस्ताद ने आतंकियों को डांटा भी था क्योंकि वे तय समय से अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंच सके थे.

टैक्सी ड्राइवर के मोबाइल का उपयोग मात्र एक कॉल करने के लिए किया गया था जबकि उसी नंबर पर चार बार कॉल पाकिस्तानी नंबर से आया. कॉल का विश्लेषण कर रहे एक वरिष्ठ केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि मारे गए ड्राइवर ने कभी किसी पाकिस्तानी मोबाइल नंबर पर कॉल नहीं किया. इस नंबर पर जो कॉल रिसीव किया गया उसमें आतंकियों को ड्राइवर को मारे देने के निर्देश दिए गए. ड्राइवर के मोबाइल का उपयोग आतंकियों ने मिस्ड कॉल करने के लिए भी किया और अपने आकाओं से आगे का दिशा-निर्देश पूछा.

इधर, पठानकोट वायु सेना ठिकाने का चप्पा-चप्पा छान मारने का अभियान पूरा होने के करीब है. एनएसजी, सेना और वायुसेना के गरुड कमांडो विशाल क्षेत्र में फैले परिसर में इस काम में जुटे हुए हैं जहां पिछले शनिवार को छह आतंकवादियों ने हमला किया था. इस बीच, एनआईए ने पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह और उनके मित्र राजेश वर्मा का बयान दर्ज किया जिनकी भूमिका जांच के दायरे में है. अधिकारियों ने बताया कि जांच प्रगति पर है. एनआईए की 20 सदस्यीय टीम की सहायता केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की एक टीम कर रही है जो यहां डेरा डाले हुए है. छह आतंकवादियों के मारे जाने के बाद यह अभियान पिछले दो दिनों से चल रहा है और यह अब अपने आखिरी दौर में हैं.

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