नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव से पाकिस्तान को जरूर खुशी हुई होगी.
उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘बर्बर सलूक’ करने के लिए पाकिस्तान को बेनकाब करना है. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अनावश्यक रूप से इस प्रक्रिया में मोदी सरकार पर हमला किया है. विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री प्रसाद ने कहा कि उनकी एकजुटता उजागर हो गयी है. प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, विपक्ष की एकजुटता का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रस और आप जैसे प्रमुख दल (कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा बुलायी गयी बैठक से) दूर रहे. यह प्रस्ताव ना तो देश हित में आैर ना ही रक्षा हित में है. यह उन अल्पसंख्यकों के हितों के भी अनुकूल नहीं है जो कि उत्पीड़न के चलते पड़ोसी देशों से भाग कर आये हैं.
कांग्रेस समेत देश के 20 विपक्षी दलों ने सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि वो सभी मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को निलंबित करें जिन्होंने अपने राज्यों में एनआरसी लागू नहीं करने की घोषणा की थी. विपक्षी दलों ने कहा, सीएए, एनपीआर और एनआरसी एक पैकेज है, जो असंवैधानिक है तथा गरीब, दबे-कुचले लोग, अनुसूचित जाति-जनजाति और भाषायी एवं धार्मिक अल्पसंख्यक इसके मुख्य निशाने पर हैं.