तमाम सियासी हलचल के बीच कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया. मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधानसभा में अध्यक्ष से कहा कि विश्वास मत कराने का फैसला लिया है, कृपया इसके लिए समय तय करें. उन्होंने कहा कि मैं हर चीज के लिए तैयार हूं, सत्ता से चिपकने के लिए यहां नहीं हूं.
Karnataka CM HD Kumaraswamy in Vidhana Soudha in Bengaluru: After all these developments, I am seeking your permission & time to prove the majority in this session. #Karnataka pic.twitter.com/olx8BZ90Xx
— ANI (@ANI) July 12, 2019
कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट अब कुछ और समय के लिए बढ़ गया है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर अगले मंगलवार तक कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं लेंगे. इसके अलावा स्पीकर विधायकों की अयोग्यता पर भी कोई फैसला नहीं ले पाएंगे. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को ही होगी.
Hearing in the matter of rebel Karnataka MLAs: The Supreme Court said, we will consider the issue on Tuesday. https://t.co/3O0wV1Kq0Q
— ANI (@ANI) July 12, 2019
एक लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार को ये आदेश सुनाया. स्पीकर की तरफ से पेश हुए कोर्ट में पेश अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से अदालत को बताया गया है कि सभी बागी विधायकों ने वीडियो में ये स्वीकार किया है कि उन्होंने स्पीकर को मिलकर इस्तीफा नहीं सौंपा है. सिंघवी की तरफ से अदालत को स्पीकर रमेश कुमार का हलफनामा और विधायकों का वीडियो दे दिया गया है.
बेंगलुरु/मुंबईः कर्नाटक में जारी सियासी उथलपथल का रहस्य अभी तक बना हुआ है. सियासी हलचल एक हफ्ते बाद भी नहीं थमा है.कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट किस ओर रुख करेगा, इसकी तस्वीर आज साफ हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट में आज बागी विधायकों और विधानसभा स्पीकर की याचिका पर सुनवाई करेगा. इसके अलावा आज विधानसभा का भी सत्र शुरू होने जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बागी विधायकों ने गुरुवार शाम छह बजे विधानसभा स्पीकर के सामने पेश हुए और उनसे मुलाकात की. बागी विधायकों से मुलाकात के बाद विधानसभा स्पीकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि उनका काम किसी को बचाना नहीं है. उन्होंने कहा कि जितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उनमें से आठ विधायकों के इस्तीफे सही फॉर्मेट में नहीं हैं.
Karnataka Speaker: They (rebel MLAs) told me that some people had threatened them & they went to Mumbai in fear. But I told them that they should've approached me & I would've given them protection. Only 3 working days have elapsed but they behaved like an earthquake occurred. pic.twitter.com/c3Y0PCD4x1
— ANI (@ANI) July 11, 2019
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनसे बिजली की गति से काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती. कुमार ने कहा कि इस्तीफा ‘सही प्रारूप’ में हैं, लेकिन उन्हें इसकी पड़ताल करनी होगी कि क्या ये ‘स्वैच्छिक और वास्तविक’ हैं. उन्होंने कहा कि क्या मुझे बिजली की गति से काम करना चाहिए? किसके लिए? नियमों, लोगों का क्या होगा? मैं सिर्फ संविधान का पालन कर रहा हूं. मैं हड़बड़ी में काम नहीं कर रहा. मेरा दायित्व राज्य के लोगों और संविधान के प्रति है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे जल्द फैसला करने को कहा है, मैंने उन्हें (उच्चतम न्यायालय) लिखा है कि तत्काल शब्द जिसका उल्लेख किया गया है, उसे मैं समझ नहीं पा रहा हूं. क्या फैसला करना है, क्योंकि संविधान कुछ और कहता है, इसीलिए मैंने उन्हें (विधायकों को) उपस्थित होने का समय दिया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वह न तो मौजूदा राजनीतिकि स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं और न ही इसके परिणाम के लिए जिम्मेदार हैं.
Mumbai: Karnataka rebel MLAs returned to Renaissance – Mumbai Convention Centre Hotel late last night. They had met Karnataka Assembly Speaker KR Ramesh Kumar in Bengaluru y'day after they were directed by Supreme Court to meet the Speaker at 6 pm & resubmit their resignations. pic.twitter.com/Skdf2ehiIJ
— ANI (@ANI) July 12, 2019
इससे पहले मुंबई से दो विशेष विमान से बेंगलुरु लाये गये 10 विधायकों ने एचएएल हवाई अड्डा से विधान सौध (राज्य सचिवालय) तक का सफर कड़ी सुरक्षा के बीच एक लग्जरी बस से किया. उधर, विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद सभी बागी विधायक मुंबई लौट गए. इधर, आज फिर इस मामले को लेकर सुप्रमी कोर्ट में सुनवाई होनी है.जब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही होगी, तभी कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर शुरू होगा. विधआनसभा का मॉनसून सेशन 12 जुलाई से 26 जुलाई तक चलेगा. कांग्रेस-जेडीएस की तरफ से अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर दिया गया है. ताकि अगर वोटिंग की नौबत आए तो कोई दिक्कत ना होकर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता और कांग्रेस-जद(एस) सरकार की बेहद खराब स्थिति के बावजूद राज्य विधानसभा का मानसून सत्र आज शुक्रवार से शुरू हो रहा है.
Karnataka CM HD Kumaraswamy: It is unnecessary to give importance to Tourism Minister Sa Ra Mahesh's casual meeting with BJP leaders at the new building of KK guest house, managed by KSTDC which comes under his portfolio. (2/2) https://t.co/uyLiKn6kXR
— ANI (@ANI) July 11, 2019
जेडीएस को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दे रही भाजपा
सूत्रों के मुताबिक भाजपा जेडीएस को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दे रही है. साथ ही कई भाजपा नेता कांग्रेस के बागी विधायकों को पार्टी में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं. इस बीच भाजपा के महासचिव मुरलीधर राव ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के करीबी और पर्यटन मंत्री आर महेश से एक गेस्ट हाउस में मुलाकात की है. हालांकि जब मामला सामने आया, तो मुरलीधर राव ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि जेडीएस के मंत्री आर महेश से किसी तरह की चर्चा किए जाने की बात में कोई सच्चाई नहीं है. सार्वजनिक स्थान पर उनके साथ दिखने सिर्फ एक संयोग है.
जदएस की मांग, विधायकों को अयोग्य घोषित करो
बता दें कि कांग्रेस के 13 और जदएस के तीन, इस तरह कुल 16 विधायकों के इस्तीफे के चलते राज्य में इन दोनों दलों की गठबंधन सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गयी है. दो निर्दलीय विधायकों ने भी 13 माह पुरानी एचडी कुमास्वामी नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इस बीच, कांग्रेस के बाद जदएस ने भी कहा है कि उसने भी विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर अपने तीन बागी विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है.
जदएस ने जिन तीन विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है उन्हें एएच विश्वनाथ (हंसुर), केसी नारायणगौड़ा (केआर पेट) और के गोपीनाथ (महालक्ष्मी लेआउट) शामिल हैं. हालांकि, स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि वह विधायकों को अयोग्य करार देने के जदएस की याचिका पर संज्ञान नहीं ले सकते क्योंकि ये उपयुक्त प्रारूप में दाखिल नहीं किये गये हैं.
इस्तीफा देने से कुमारस्वामी का इनकार
इस बीच, मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अपने इस्तीफे को लेकर की जा रही भाजपा की मांग खारिज कर दी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मैं इस्तीफा क्यों दूं? अभी मेरे इस्तीफा देने की क्या जरूरत है? विधानसभा अध्यक्ष कुमार ने नियमों से बंधे होने का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक उचित फैसला लेंगे, जो कुछ लोगों को सुविधाजनक तो कुछ को असुविधाजनक लग सकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि शीर्ष न्यायालय ने उनसे किसी खास तरीके से फैसला नहीं करने को कहा है. विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों से मिलने के बाद कहा कि मुलाकात की वीडियोग्राफी की गयी और इसे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को भेजा जायेगा.