श्रीनगर : नरमपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने रविवार को ‘केंद्र की कश्मीर नीति’ की आलोचना की और आशा जतायी कि नयी सरकार इस बारे में आत्मावलोकन करेगी. मीरवाइज ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन और सेमिनार के सभी माध्यमों को बंद कर दिया है तथा आजादी समर्थक नेताओं को लोगों से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
हुर्रियत नेता ने कहा, ‘हमें आशा है कि भारत में नयी सरकार कश्मीर के बारे में पिछले पांच साल की नीति का आत्मावलोकन करेगी.’ उन्होंने कहा कि अलगाववादी नेता कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण हल के लिए भारत-पाक की सभी कोशिशों का समर्थन करने को तैयार है.
मीरवाइज ने यहां राजबाग स्थित हुर्रियत मुख्यालय में एक सेमिनार में कहा, ‘भारत और पाकिस्तान में सत्ता में मौजूद नेताओं से अतीत में हमने कई दौर की वार्ता की है. यहां तक कि अभी भी अगर दोनों देशों के नेतृत्व कश्मीर मुद्दे का सार्थक वार्ता के जरिए हल करने की कोशिश करें तो हुर्रियत नेतृत्व अपना पूरा समथर्न देने को तैयार है.’
हुर्रियत नेता ने कहा कि कश्मीर में स्थिति बहुत दर्दनाक है. मीरवाइज ने आशा जतायी कि भारत का राजनीतिक नेतृत्व यह समझेगा कि कश्मीर मुद्दा एक हकीकत है जिसका सैन्य हल नहीं हो सकता.