नयी दिल्ली : सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार ने विभिन्न अधिकारियों के तबादले के आदेश को पलटने के जांच एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा के फैसले के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. याचिका न्यायमूर्ति नजमी वजीरी के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने की संभावना है.
उन्होंने सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना, कुमार और बिचौलिया मनोज प्रसाद की विभिन्न याचिकाओं पर पहले ही सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इन लोगों ने इन याचिकाओं में अपने खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की थी. कुमार ने लंबित याचिका में दायर अपने आवेदन में सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह आलोक वर्मा और फिर से स्थानांतरित किये गये अधिकारियों को किसी भी तरीके से उनके और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी पर विचार नहीं करने दे.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने छुट्टी पर भेजे जाने के 77 दिन बाद बुधवार को अपना कार्यभार संभाला था. उन्हें 23 अक्तूबर 2018 की देर रात को केंद्र सरकार ने एक आदेश के जरिये जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. केंद्र सरकार के आदेश को उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निरस्त कर दिया था.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने के सरकारी आदेश को रद्द कर दिया था. वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच तकरार शुरू होने के बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार ले लिये थे. उसके बाद 1986 बैच के ओड़िशा काडर के आईपीएस अधिकारी राव को 23 अक्तूबर, 2018 को देर रात को सीबीआई निदेशक के दायित्व और कार्य सौंपे गये थे. अगली सुबह ही राव ने बड़े पैमाने पर तबादले किये. उनमें अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करनेवाले अधिकारी जैसे डीएसपी एके बस्सी, डीआईजी एमके सिन्हा, संयुक्त निदेशक ए के शर्मा भी शामिल थे.