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राफेल, राम मंदिर समेत कई मुद्दों पर संसद में हंगामा, बैठक दिन भर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : राम मंदिर, राफेल विमान सौदे, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून को लागू करने की मांग और कावेरी डेल्टा क्षेत्र के किसानों के मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में गुरुवारको भी विभिन्न दलों के सदस्यों ने हंगामा किया. शोर-शराबे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के महज 10 मिनट के भीतर […]

नयी दिल्ली : राम मंदिर, राफेल विमान सौदे, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून को लागू करने की मांग और कावेरी डेल्टा क्षेत्र के किसानों के मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में गुरुवारको भी विभिन्न दलों के सदस्यों ने हंगामा किया. शोर-शराबे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के महज 10 मिनट के भीतर ही स्थगित कर दी गयी, वहीं लोकसभा दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन लोकसभा की कार्यवाही शिमोगा से नवनिर्वाचित सांसद बीवाई राघवेंद्र को शपथ दिलाने के साथ शुरू हुई. इसके बाद सदन ने 13 दिसंबर, 2001 के संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. दिवंगत पूर्व सदस्य एमएच अंबरीश को भी श्रद्धांजलि दी गयी. सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस, शिवसेना, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गये. हाथों में तख्तियां लिए हुए कांग्रेस सदस्य राफेल मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे थे. वहीं, शिवसेना के सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग करते हुए नारेबाजी की. अन्नाद्रमुकके सदस्यों ने कावेरी डेल्टा के किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की. तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू करने और प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे.

लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौटने की अपील की, लेकिन सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही 11 बज कर 20 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी. कार्यवाही फिर शुरू होने पर भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही और कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. दो बार के स्थगन के बाद 12 बजे कार्यवाही आरंभ होने पर भी सदन में नारेबाजी जारी रही. हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये और शून्यकाल चलाने का प्रयास किया. इस दौरान शिवसेना आनंद राव अडसूल और भाजपा मीनाक्षी लेखी ने अपने विषय उठाये. हंगामा थमता नहीं देख लोकसभाध्यक्ष ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी.

राज्यसभा में भी बैठक शुरू होने पर संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये. इसके बाद उन्होंने कहा कि अलग अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए उन्हें चार नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश से जुड़े मुद्दों तथा अन्य सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा की अनुमति दी जायेगी. नायडू अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाये थे कि अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बांध बनाये जाने के विरोध में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गये. द्रमुक के सदस्य भी यही मुद्दा उठाते हुए अपने स्थानों से आगे आ गये.

वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गये. अन्य दलों के सदस्य अपने अपने स्थानों से ही अपने मुद्दे उठाने की कोशिश करते रहे. सभापति ने आसन के समक्ष आये सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा, हर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दी जायेगी. लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि सदन चले. उन्होंने कहा, गुरुवारको ही संसद हमले की 17वीं बरसी पर, हमले में जान गंवानेवालों को हमने श्रद्धांजलि दी है. उनके बलिदान को याद करते हुए सदन में कम से कम आज कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए. इससे गलत संदेश जायेगा. सभापति ने कहा कि अगर सदस्य अपने स्थानों पर वापस नहीं जायेंगे तो उन्हें सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करने को बाध्य होना पड़ेगा. अपनी बात का असर नहीं होते देख, नायडू ने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी.

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