नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह चीन के लिए रवाना हो गये. वे वहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होंगे. चीन के शादोंग प्रांत के किंगदाओ शहर में शनिवार व रविवार को एससीओ की बैठक प्रस्तावित है. भारत इस बैठक में पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में हिस्सा ले रहा है. बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.
An early morning start! PM @narendramodi heads to #Qingdao, China for the annual meeting of the Council of Heads of States of the Shanghai Cooperation Organization (SCO) on 9-10 June. This is India's first participation as a full member of the Council. #IndiainSCO pic.twitter.com/mhHl4O47h2
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 9, 2018
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि एससीओ के आठ सदस्य 42 प्रतिशत विश्व अाबादी व 22 प्रतिशत भूभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं. यह क्षेत्र दुनिया की जीडीपी में 20 प्रतिशत योगदान देेता है. उन्होंने लिखा है कि एससीओ राजनीति, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा व सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित है और भारत को मध्य एशियाई देशों से जुड़ने में सक्षम बनाता है.
पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत के पहले एससीओ सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर रोमांचित हूं : मोदी
नयी दिल्ली: चीन मेंशनिवारसे से शुरू हो रहे दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशुक्रवार को कहा कि देश के पूर्ण सदस्य के तौर पर समूह की पहली बैठक में वह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर रोमांचित हैं. मोदी कल चिंगदाओ में एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. उक्त बैठक में दोनों नेता करीब एक महीने पहले वुहान में हुई अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन का जायजा लेंगे. मोदी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘ एक पूर्ण सदस्य के तौर पर परिषद की हमारी पहली बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर रोमांचित हूं.’ प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया , ‘‘ नौ और 10 जून को एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मैं चीन के चिंगदाओ में रहूंगा. एक पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत के लिए यह पहला एससीओ शिखर सम्मेलन होगा. एससीओ देशों के नेताओं के साथ बातचीत होगी और उनके साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे.’ शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं होंगी जिनमें आतंकवाद से मुकाबला, अलगाववाद और अतिवाद से लेकर संपर्क में सहयोग को बढ़ावा देना, वाणिज्य, सीमा शुल्क, विधि, स्वास्थ्य और कृषि, पर्यावरण संरक्षण, आपदा जाेखिम कम करना और लोगों के बीच संबंध को मजबूती प्रदान करना शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘‘ एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद गत एक वर्ष में इन क्षेत्रों में संगठन और उसके सदस्यों के साथ हमारा संवाद खासा बढ़ा है. मेरा मानना है कि चिंगदाओ शिखर सम्मेलन एससीओ एजेंडा को और समृद्ध करेगा और एससीओ के साथ भारत के सम्पर्क की एक नयी शुरुआत होगी.’ 2001 में स्थापित एससीओ में वर्तमान में आठ सदस्य हैं जिनमें भारत, कजाखिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान को गत वर्ष एससीओ में शामिल किया गया था. मोदी ने कहा, ‘‘ भारत का एससीओ के सदस्य देशों के साथ गहरी मित्रता और बहुआयामी संबंध हैं. एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर मुझे अन्य कई नेताओं के साथ मुलाकात करने और विचार साझा करने का मौका मिलेगा जिनमें एससीओ के सदस्य देशों के कई राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे.’
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