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World Liver Day 2024 : मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है लिवर, रखें इसका खास ख्याल 

प्रत्येक वर्ष 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है. भारत में हर साल औसतन 10 लाख लोग लिवर की बीमारी से ग्रसित होते हैं. इसके बावजूद लिवर की बीमारियों को लेकर कुछ खास जागरूकता नहीं है. खास तौर से फैटी लिवर ऐसी ही एक समस्या है, जो देश के दस खतरनाक रोगों में तीसरा स्थान रखती है. ऐसे में जरूरी है कि आप फैटी लिवर की समस्या को बारीकी से समझें और इससे बचने के तरीकों को अपनाएं...

World liver day 2024 : मानव शरीर में मस्तिष्क के बाद लिवर सबसे जटिल और दूसरा सबसे बड़ा अंग हैं. वर्ल्ड वेल बीइंग संगठन के अनुसार लिवर की बीमारी भारत में मौत की 10वीं सबसे बड़ी वजह है. हर 10 में से 1 भारतीय को फैटी लिवर की समस्या है, जबकि हर 5 में से 1 व्यक्ति के लिवर में अतिरिक्त फैट पाया जाता है. फैटी लिवर की बीमारी पहले 50 वर्ष की आयु पार कर चुके लोगों में दिखाई देती थी, लेकिन बदलती जीवनशैली और खानपान से संबंधित खराब आदतों के चलते अब यह समस्या 30 वर्षीय युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है. 20 फीसदी नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर के मरीज को लिवर सिरोसिस का सामना करना पड़ रहा है. वहीं देश में हर साल लगभग 10 लाख के करीब लिवर सिरोसिस के नये मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप विशेष सावधानियों पर ध्यान देकर अपने लिवर का ख्याल रखें. 

जानें क्या हैं लिवर के प्रमुख काम

शरीर में लिवर का मुख्य काम प्रोटीन की मात्रा काे संतुलित करना. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना. रक्त के थक्का बनने की प्रक्रिया में सहायता करना. पाचन तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता प्रदान करना. विटामिन बी12 का संचय करना आदि है. इसके साथ ही लिवर संक्रमण और रोगों से लड़ने में सहायक होता है. शरीर में रक्त शर्करा को नियमित करता है. विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में सहायता करता है और ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करता है. 

लिवर की प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है फैटी लिवर

जब शरीर में मौजूद कुल वसा की मात्रा लिवर के वजन से 10 प्रतिशत ज्यादा हो जाये, तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं. फैटी लिवर होने पर लिवर ढंग से काम नहीं कर पाता. वसा अधिक होने पर लिवर में सूजन आने लगती है, जिसका असर पाचन तंत्र पर पड़ता है और शरीर कमजोर होने लगता है. यह बीमारी दो प्रकार की होती है-  
एल्कोहॉलिक फैटी लिवर : यह बीमारी शराब के अत्यधिक सेवन के कारण होती है. शराब न पीने पर करीब छह सप्ताह के भीतर लिवर से फैट की परत हटने लगती है. 
नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर : अधिक तला-भुना और उच्च वसायुक्त भोजन करने वाले लोग मोटापे और मधुमेह से ग्रस्त हो सकते हैं, जो फैटी लिवर का कारण भी बन सकता है. लंबे समय तक ऐसा भोजन करने से लिवर पर वसा जमने लगती है.  

  • अन्य कारण 
  • खून में वसा का बढ़ना.
  • टाइप-2 डायबिटीज या मोटापा.
  • आनुवंशिक कारण.
  • बहुत ज्यादा मिर्च-मसाले खाना.
  • ज्यादा स्टेरॉइड्स लेना है.
  • हाई कोलेस्ट्रोल.
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम.
  • हाइपोथायरायडिज्म.
  • पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम.
  • बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचानें 
  • पेट में दर्द होना.
  • पेट के ऊपरी भाग में सूजन आना. 
  • भूख न लगना या भोजन ढंग से न पचना.
  • वजन घटना और कमजोरी महसूस होना. 
  • गफलत और भ्रम की स्थिति. 
  • उल्टी आना. 
  • थकान महसूस करना

फैटी लिवर होने पर क्या खाएं 

फैटी लिवर के मरीजों को अच्छी मात्रा में ताजे फलों, साबुत अनाज, बादाम, ओलिव ऑयल, हरी सब्जियों, एवोकाडो एवं फलीदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए. इस समस्या के मरीज संतुलित मात्रा में मछली का सेवन भी कर सकते हैं.   

किन चीजों से करें परहेज 

लिवर के फैटी हो जाने पर व्यक्ति को फुल फैट चीज, चावल, लाल मांस, तला-भुना भोज्य पदार्थ, एल्कोहल आदि का सेवन न करने की सलाह दी जाती है. ऐसे लोगों को कैंडी एवं सोडा, पास्ता व सफेद ब्रेड एवं अत्यधिक शुगर वाली चीजों से परहेज करना चाहिए. 

Prachi Khare
Prachi Khare
Sr. copy-writer. Working in print media since 15 years. like to write on education, healthcare, lifestyle, fashion and film with the ability of produce, proofread, analyze, edit content and develop quality material.

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