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फिल्मों में यॉनर चेंज करना किसी के लिए फायदेमंद तो किसी के लिए नुकसानदेह

फिल्मों में यॉनर चेंज करके कुछ अभिनेता तो बुलंदी पर पहुंच गये हैं लेकिन कुछ ऐसे भी अभिनेता है जिसके लिए यह नुकसानदेह र‍हा है. दर्शकों के टेस्ट के अनुसार यदि आप किसी फिल्‍म को परोसते हैं तो वह जरूर फायदेमंद होगा. किसी अभिनेता को एक ही तरह के किरदार में देखकर फैंस ऊबने लगते […]

फिल्मों में यॉनर चेंज करके कुछ अभिनेता तो बुलंदी पर पहुंच गये हैं लेकिन कुछ ऐसे भी अभिनेता है जिसके लिए यह नुकसानदेह र‍हा है. दर्शकों के टेस्ट के अनुसार यदि आप किसी फिल्‍म को परोसते हैं तो वह जरूर फायदेमंद होगा. किसी अभिनेता को एक ही तरह के किरदार में देखकर फैंस ऊबने लगते हैं. इसलिए उन्हें फैंस के टेस्ट के अनुसार फिल्‍में बनानी होगी. पेश हैं बॉलीवुड के कुछ बड़े कलाकारों की कहानी जिन्होंने यॉनर चेंज किया…

सलमान के लिए फायदेमंद रहा यॉनर चेंज
आज से करीब 12-13 साल पहले अभिनेता सलमान खान सिर्फ रोमांटिक और पारिवारिक फिल्मों में नजर आते थे. 1989 से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले इस अभिनेता ने शुरुआती दिनों में गिनी-चुनी एक्शन फिल्में की होंगी. औजार, पत्थर के फूल और 2002 में रिलीज तुमको ना भूल पायेंगे एक्शन यॉनर की फिल्में थी, पर उस वक्त सलमान के फैन्स को उनका हाथ में बंदूक लेकर एक्शन करना पसंद नहीं आया. शायद इसलिए ये सारी फिल्में बॉक्स-ऑफिस पर पिट गईं. 2002 के बाद सलमान ने अपने फिल्मी करियर में काफी उतार चढाव देखें. अपने डूबते करियर को संभालने के लिए सल्लू ने 2009 में एक बार फिर से एक्शन फिल्मों का सहारा लिया. 18 सितंबर 2009 को ईद और दशहरा के अवसर पर प्रभुदेवा द्वारा निर्देशित वांडेट रिलीज हुई. फिल्म दक्षिण की फिल्म पोखरी की रिमेक थी, जिसे दर्शकों ने हाथों हाथ लिया. सलमान के रोमांचक स्टंट और एक्शन सीन ने थियेटरों में तालियों और सीटियों की बरसात कर दी. उसके बाद सलमान ने दोबारा पीछे मुडकर नहीं देखा. दबंग, रेडी, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर, दबंग-2, जय हो और हालिया रिलीज ‘किक’ ने सलमान को बॉलीवुड में दोबारा से स्थापित कर दिया.

नकारात्मक भूमिका में भी भाते हैं शाहरुख

बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख की पहचान रोमांटिक फिल्मों से ही होती है. पर शाहरुख ने खलनायक की भूमिका में भी अपनी छाप छोडी है. फिल्मी कैरियर के शुरुआती दौर में बाजीगर, अंजाम और डर जैसी नकारात्मक भूमिका कर शाहरुख ने वाहवाही बटोरी है. बाद में उन्होंने डॉन और डॉन-2 में भी निगेटिव किरदार निभाया था.

विलेन के किरदार में छा गए रितेश

यॉनर बदलकर अभिनय कर उसमें सफलता पाने में रितेश देशमुख को हम कैसे भूल सकते हैं. अपने 10 साल के फिल्मी कैरियर में रितेश ने रण छोडकर कोई भी सीरियस या अलग यॉनर की फिल्म नहीं की. रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों में रितेश का सिक्का खूब चला. मस्ती, क्या कूल हैं हम, अपना सपना मनी मनी, धमाल, हे बेबी, हाउसफुल, हाउसफुल 2, ग्रैंड मस्ती, हमशकल्स जैसी कॉमेडी फिल्में की. दर्शकों ने रितेश को एक हास्य अभिनेता के रुप में स्वीकार कर लिया था. पर इस साल रिलीज एक विलेन को देखकर दर्शकों ने यह भी मना की रितेश खलनायक की भूमिका भी बखूबी निभा सकते हैं. फिल्म में वो एक साईको किलर की भूमिका में नजर आए थे, जो लडकियों और महिलाओं की बेरहमी से हत्या कर देता है. लोगों ने तो यहां तक कह डाला की बॉलीवुड को उसका नया खलनायक मिल गया.

गूंगा बनकर तुषार हो गए लकी

अभिनेता जितेंद्र के पुत्र तुषार कपूर के फिल्मी करियर में कॉमेडी फिल्मों ने जान फूंक दी. मुझे कुछ कहना से फिल्मों में डेब्यू करने वाले तुषार कपूर ने जीना सिर्फ मेरे लिए, ये दिल जैसी रोमांटिक फिल्में की, पर इन फिल्मों ने बॉक्स-ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखाया. 2005 में रिलीज क्या कूल हैं हम में रितेश ने अपनी कॉमिक एक्टिंग से सबको दंग कर दिया. तुषार को कॉमिक रोल में स्थापित करने वाली फिल्म साबित हुई गोलमाल. रोहित शेट्टी की इस फिल्म में तुषार ने लकी नामक एक गूंगे का किरदार निभाया था. इस फिल्म की तीन सिक्वल फिल्में रिलीज हो गई हैं, और तीनों में तुषार की जमकर तारीफ हुई है. इसके अलावा क्या सूपर कूल हैं हम, ढोल, लाइफ पार्टनर जैसी कॉमेडी फिल्मों में भी तुषार के अभिनय की तारीफ हुई.

कॉमेडी और एक्शन में हिट हैं जॉन

जॉन अब्राहम ने शुरुआती दौर में फिल्म धूम में खलनायक चरित्र निभाया था. जॉन जब भी रोमांटिक रोल करते दर्शक उसे सिरे से नकार देते. सलाम-ए-इश्क, झूठा ही सही और आई मी और मैं जैसी रोमांटिक फिल्में फ्लॉप हो गईं. धूम के तर्ज पर जॉन ने रेस-2 और शूटआउट एट वडाला में भी नकारात्मक भूमिका निभाई. पाप और साया जैसी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने के बाद जॉन ने अपना हाथ कॉमेडी फिल्मों में भी आजमाया. गरम मसाला, देसी ब्वायज और हाउसफुल 2 में जॉन ने कॉमिक किरदार निभाया और उन्हें सराहना भी मिली.

कॉमेडी में फ्लॉप हैं इमरान हाशमी

बॉलीवुड के सीरियल किसर इमरान हाशमी ने ज्यादातर मसाला फिल्में ही की हैं, जब भी इमरान ने यॉनर बदला, उनकी फिल्में फ्लॉप साबित हुईं. 2012 में हाशमी ने एक अलग यॉनर की फिल्म की थी ‘शांघाई’. दिबाकर बैनर्जी की इस फिल्म में इमरान के रोल की काफी तारीफ भी हुई, पर फिल्म पिट गई. ऐसा ही कुछ उनकी पिछले साल रिलीज घनचक्कर के साथ भी हुआ. कॉमेडी फिल्म घनचक्कर भी बॉक्स ऑफिस पर धराशयी हो गई.

रोमांटिक रोल में फिसड्डी अर्जुन रामपाल

अभिनेता अर्जुन रामपाल ने जब भी रोमांटिक रोल किया उन्हें सराहना नहीं मिली. प्यार इश्क और मोहब्बत, दीवानापन, दिल का रिश्ता, दिल है तुम्हारा, जैसी रोमांटिक फिल्में की. पर सारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट गईं. अर्जुन ने बाद में निगेटिव और ग्रे शेड के रोल में अपना हाथ आजमाया. ओम शांति ओम, रा.वन जैसी फिल्मों में नकारात्मक किरदास निभाकर अर्जुन ने अपनी अलग पहचान बनाई.

यॉनर बदलने का चलन काफी पुराना है. जाने माने कॉमेडीयन परेश रावल ने पहले खलनायक की भूमिका को बखूबी निभाया था. प्रियदर्शन की हेरा-फेरी में इनके कॉमिक रोल की काफी तारीफ हुईं और वो बन गए हास्य कलाकार. आंखें, आवारा पागल दीवाना, हंगामा, फिर हेरा-फेरी जैसी फिल्मों में परेश ने लोगों को काफी हंसाया. यॉनर बदलने में मिथुन, संजय दत्त, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर का नाम भी लिया जा सकता है.

शौर्य पुंज श्रीवस्तव

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