जयपुर: पूर्व मेवाड़ राज परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह ने आज कहा कि संजय लीला भंसाली की आगामी बॉलीवुड फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ करने जैसे दिखावटी परिवर्तन से तथ्य नहीं बदलेंगे. सिंह ने सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी को लिखे एक पत्र में कहा कि यह तथ्य नहीं बदलेगा कि फिल्म में असल स्थानों का संदर्भ दिया गया है. फिल्म में उनके पूर्वजों और इतिहास के अन्य व्यक्तियों के नाम वही रहेंगे.
सिंह ने लिखा कि सीबीएफसी ने ऐसे बदलावों का सुझाव देकर खुद को बहादुर हस्तियों और जीवित परिवारों के बारे में कल्पना के प्रचार का समर्थन करने तक सीमित कर लिया है. उन्होंने कहा कि आज की खबरों में फिल्म की समीक्षा करने वाले पैनल में जिस शाही परिवार के सदस्य का उल्लेख हुआ वह परिवार के मुखिया नहीं है.
बता दें कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को बिना किसी कट के यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है, लेकिन फिल्म के निर्देशक को इसका नाम बदलकर पद्मावत और चार अन्य बदलाव करने का भी सुझाव दिया है.
इस तरह की खबरें थीं कि बोर्ड ने फिल्म में 26 कट करने का सुझाव दिया है, लेकिन सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने एक बयान में स्पष्ट किया कि उन्होंने फिल्म का नाम बदलने समेत पांच बदलाव करने सलाह दी है, न कि किसी कट के लिए सुझाव दिया है
बोर्ड ने 28 दिसंबर को अपनी जांच समिति के साथ बैठक की थी और कुछ बदलावों के साथ फिल्म को यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया तथा संबद्ध सामग्रीरचनात्मक स्रोत के आधार पर फिल्म का नाम बदलने का सुझाव दिया. संसदीय पैनल के समक्ष भी पेश हो चुके भंसाली ने बताया कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से बनी उनकी फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी रचित 16वीं सदी के ऐतिहासिक काव्य पद्मावत पर आधारित है.
फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह ने अभिनय किया है. बैठक में जोशी के साथ सेंसर बोर्ड के अधिकारियों सहित जांच समिति के नियमित सदस्यों ने भी हिस्सा लिया था.